भारत में विभिन्न संस्कृतियों का समागम है और इसी के कारण यहां के खानपान में भी विविधता है। भारत के अलग-अलग शहरों में खाने के स्वाद और बनाने के तरीकों में बदलाव देखने को मिलता है। यहां खाई जाने वाली कई चीजों को विदेशी भी काफी पसंद करते हैं और बड़े चाव से खाते हैं। हाल ही में ओडिशा में खाई जाने वाली चींटी की चटनी (Red ant chutney) को GI Tag मिला है। अगर आप पहली बार ये सुन रहे हैं कि चींटी की चटनी बनती है तो यहां हम आपको बता दें कि सिर्फ ओडिशा ही नहीं बल्कि झारखंड और छत्तीसगढ़ में भी चींटी की चटनी बनाई और खाई जाती है। यहां की चींटी की चटनी को विदेशी भी पसंद करते हैं। इस लेख में दिल्ली की एसेंट्रिक डाइट्स क्लीनिक की डायटीशियन शिवाली गुप्ता (Shivali Gupta, Dietcian, Eccentric Diets Clinic) चींटी की चटनी खाने के फायदे और बनाने का तरीका बताने वाली हैं।
लाल चींटी की चटनी खाने के फायदे - Benefits Of Red Ant Chutney In Hindi
1. जंगलों में पाई जाने वाली लाल चींटियों से बनने वाली यह चटनी प्रोटीन का एक अच्छा सोर्स है। चींटी की चटनी खाने से शरीर को एनर्जी मिलती है, इसके साथ ही प्रोटीन शरीर के उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है।
इसे भी पढ़ें: बच्चों के लिए फायदेमंद हैं ये 5 ब्रेकफास्ट ऑप्शन, जानें फायदे और बनाने की विधि
2. लाल चींटियों से बनी चटनी खाने से आप कई तरह की बीमारियों से बच सकते हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि लाल चींटियों में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद कर सकते हैं और फ्री रेडिकल्स के खिलाफ सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं।
3. लाल चींटियों में विभिन्न विटामिन और मिनरल्स पाए जाते हैं, जैसे कि आयरन, जिंक और विटामिन बी आदि जो सेहत के लिए फायदेमंद हो सकते हैं।
4. जिन लोगों को पाचन से जुड़ी समस्याएं रहती हैं, उनके लिए भी लाल चींटियों से बनने वाली ये चटनी फायदेमंद साबित हो सकती है। इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व पाचन को सुधारने में मदद कर सकते हैं।
5. लाल चींटियों से बनने वाली चटनी में विभिन्न विटामिन और खनिजों की अच्छी मात्रा होती है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में सहायक होते हैं।
इसे भी पढ़ें: काम के स्ट्रेस से तेजी से बढ़ा वजन, हेल्दी डाइट और एक्सरसाइज से जयेश ने इस तरह घटाया 45kgs वेट
लाल चींटी की चटनी कैसे बनाएं? - How To Make Red Ant Chutney
जंगलों में पाई जाने वाली लाल चींटियों को स्थानीय भाषा में 'चापड़ा चींटी' भी कहते हैं। यह चींटियां पेड़ों की ऊंचाई पर घोंसले बनाती हैं, यहां से आदिवासी पुरुष इन्हें जंगलों से इकट्ठा करते हैं और प्याज, लहसुन, हल्दी और मिर्च जैसे मसालों के साथ इसकी चटनी तैयार करते हैं। इन चींटियों को पकड़ना आसान नहीं होता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि इन चींटियों को पकड़ते वक्त वह काटती भी हैं।
अगर आप ओडिशा, झारखंड और छत्तीसगढ़ के आदिवासी इलाके की इन चींटियों की चटनी खाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको चापड़ा चींटी चाहिए होगी। इसके बाद चींटियों को साफ करके इनसे अंडों को अलग किया जाता है और फिर नमक, टमाटर प्याज, मिर्च और लहसुन के साथ इन्हें पीसकर चटनी तैयार की जाती है। कई इलाकों में इस चटनी को बनाने से पहले चींटियों को भूना भी जाता है।
ध्यान रखें कि अगर आपको शेलफिश या इसी तरह की चीजों से एलर्जी है तो लाल चींटी की चटनी का सेवन करने से बचें।
View this post on Instagram
All Images Credit- Freepik