छाती में दर्द और जलन की समस्या को अधिकांश लोग गैस की समस्या समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन अगर यह समस्या आपको काफी समय से हो रही है, तो इसे अनदेखा ना करें। हमेशा छाती में दर्द और जलन की समस्या एकैल्शिया जैसी गंभीर बीमारी हो सकतीहै। यह बीमारी आमतौर पर ग्रासनली को प्रभावित करती है। हमारी शरीर में ग्रासनली एक ट्यूब होती है। यह ट्यूब खाने को गले से पेट तक पहुंचाने का कार्य करती है। पेट से ग्रासनली को बंद करने वाला लोअर एसोफेजियल स्पिंक्टर एक मस्कुलर रिंग होता है। एकैल्शिया की समस्या होने पर लोअर एसोफेजियल स्पिंक्टर खाने को चबाते समय नहीं खुलता है, जिसकी वजह से ग्रासनली में भोजन रह जाती है। यह स्थिति ग्रासनली के तंत्रिकाओं को नष्ट कर सती है। ऐसे में खाने को निगलने में परेशानी का सामना करना पड़ता है।
एकैल्शिया एक बहुत ही गंभीर और दुर्लभ बीमारी है। दुनियाभर में लाखों लोग इस बीमारी से ग्रसित है। एक आंकड़े के मुताबिक, अमेरिका में हर साल 3000 लोग इस बीमारी की चपेट में आते हैं। यह बीमारी किसी भी वर्ग और उम्र के लोगों को हो सकती है। ऑटोइम्यून डिसऑर्डर से ग्रसित लोगों में यह बीमारी आम बात है।
एकैल्शिया के लक्षण
एकैल्शिया से ग्रतिस लोगों को अधिकतर निकलने में परेशान होती है। इस बीमारी के कारण रोगी को हमेशा गले में कुछ फंसा-फंसा सा महसूस होता है। आइए जानते हैं इसके कुछ अन्य लक्षण-
- वजन कम होना
- खाने में परेशानी
- तरल और ठोस पदार्थ निकलने में दिक्कत
- छाली में जलन और दर्द
- घबराहट और बैचेनी
एकैल्शिया के कारण
एकैल्शियाअ से ग्रसित होने के कई कारण हो सकते हैं। इसके कारणों के बारे में अभी तक अच्छे से खुलासा नहीं हुआ है। हालांकि, कुछ डॉक्टर्स का कहना है कि यह अनुवांशिक और ऑटोइम्यून डिसऑर्डर के कारण हो सकती है। ऑटोइम्यून डिसऑर्डर में शरीर का इम्यून सिस्टम अपने ही शरीर के स्वस्थ कोशिकाओं पर हमला करने लगता है। इम्यून सिस्टम जब ग्रासनली में तंत्रिकाओं पर हमला करता है, जो एकैल्शिया की समस्या हो सकती है। इसके अलावा अन्य कारणों से भी एकैल्शिया की समस्या हो सकती है। जैसे - ग्रासनली में कैंसर के कारण भी यह बीमारी हो सकती है। इसके अलावा परजीवी इंफेक्शन और अन्य बीमारियों के कारण भी एकैल्शिया की समस्या हो सकती है।
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एकैल्शिया के घरेलू उपचार
खाने के बीच-बीच में पानी पीने की सलाह
एकैल्शिया से ग्रसित मरीजों को डॉक्टर अधिक पानी पीने की सलाह देते हैं। इसके अलावा खाने के दौरान बीच-बीच में भी पानी पीने की सलाह दी जाती है। अगर किसी व्यक्ति को एकैल्शिया है, तो उन्हें सॉलिड डाइट की जगह लिक्विड डाइट लेने की सलाह दी जाती है।
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वजन घटने पर दी जाती है लिक्विड सप्लीमेंट
एकैल्शिया से ग्रसित मरीजों का अगर वजन तेजी से घटता है, तो डॉक्टर्स उन्हें हेल्दी लिक्विड डाइट सप्लीमेंट्स देतेहैं। इसके साथ ही कुपोषण और कमजोरी से बचाव के लिए डॉक्टर्स ऐसे मरीजों को विटामिन और मिनरल से भरपूर डाइट लेने की सलाह देते हैं। इलके अलावा एकैल्शिया से ग्रसित मरीजों को दूध, दलिया, दही, ओट्स, जूस और वेजिटेबल सूप पीने की सलाह दी जाती है।
निकलने में कठिनाई वाली चीजों से करें परहेज
इसके अलावा एकैल्शिया के मरीजों को ऐसे फूड से परहेज करना चाहिए, जिन्हें निकलने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है। कभी भी ऐसे आहार का सेवन नहीं करना चाहिए, जिसके कारण पेट में गैस और कब्ज की शिकायत होती है। अगर आपको गले और छाती में किसी तरह की परेशानी महसूस होती है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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