Hair loss types: आजकल महिलाओं और पुरुषों दोनों में हेयर लॉस (hair loss) की समस्या बढ़ती जा रही है। हेयर लॉस एक ऐसी स्थिति है, जिसमें बाल तेजी से झड़ते हैं और दोबारा नहीं उगते हैं। यह गंजेपन का कारण भी बन सकता है। पहले हेयर लॉस (hair loss) की समस्या बढ़ी उम्र के लोगों में ही देखने को मिलती थी, लेकिन अब कम उम्र के लड़के और लड़कियां भी हेयर लॉस (hair loss in females and men) का सामना कर रहे हैं। बालों के झड़ने के 40 से अधिक कारण हो सकते हैं। बालों के झड़ने की समस्या को दूर करने के लिए लोग कई उपाय अपनाते हैं। इसके लिए लोग कई हेयर प्रोडक्ट्स (hair products) का इस्तेमाल करते हैं, तो कुछ लोग अपनी डाइट पर भी ध्यान देते हैं। लेकिन लगातार हेयर लॉस होना या बालों का झड़ना की समस्या को रोकने के लिए एक प्रॉपर ट्रीटमेंट लेना बहुत जरूरी होता है।
हेयर लॉस का कोई भी ट्रीटमेंट (hair loss treatment) लेने से पहले हेयर लॉस के प्रकार के बारे में पता होना जरूरी होता है। हेयर लॉस कई तरह से हो सकता है। इसके कई प्रकार होते हैं। हेयर लॉस के प्रकार के आधार पर ही बेहतर हेयर लॉस ट्रीटमेंट लिया जा सकता है (types of hair loss)।
हेयर लॉस के प्रकार (hair loss types)
1. एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया (Androgenetic Alopecia)
एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया बालों के झड़ने का सबसे आम प्रकार है। इस समस्या से दुनियाभर में करोड़ों लोग परेशान हैं। इसे पुरुष पैटर्न बालों के झड़ने या महिला पैटर्न बालों के झड़ने के रूप में जाना जाता है। यह वंशानुगत हो सकता है, लेकिन सही दवाईयों के माध्यस से इस समस्या को ठीक किया जा सकता है। एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया दो तरह का होता है। इसमें शामिल हैं-
पुरुष पैटर्न बालों का झड़ना (Male Pattern Hair Loss)
पुरुषों में बालों का झड़ना एक सामान्य समस्या है। बाल झड़ने की समस्या छोटी उम्र से लेकर बढ़े उम्र के पुरुषों को हो सकती है। इस तरह के गंजेपन में बालों की लाइन पीछे जाती है और गंजापन सिर के ऊपर आता है। पुरुष पैटर्न वाले बालों के झड़ने वाले कई पुरुष गंजे हो जाते हैं।
महिला पैटर्न बालों का झड़ना (Female Pattern Hair Loss)
महिला पैटर्न बालों के झड़ने में बालों की बीच की मांग धीरे-धीरे चौड़ी हो जाती है। बाल पतले हो जाते हैं और स्कैल्प (scalp) नजर आने लगता है। उम्र बढ़ने पर यह समस्या भी बढ़ जाती है। बालों का झड़ना यौवन के बाद किसी भी समय शुरू हो सकता है। महिला पैटर्न बालों का झड़ना महिलाओं को गंजापन भी दे सकता है।
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2. टेलोजन इफ्लुवियम (Telogen Effluvium)
टेलोजन इफ्लुवियम बालों के झड़ने का एक प्रकार है। इस स्थिति में बाल स्कैल्प पर पतले हो जाते हैं और झड़ने लगते हैं। इस तरह से बालों का झड़ना तनाव (stress) के कारण हो सकता है। तनाव लेने के 3-6 महीने बाद बालों का झड़ना शुरू होता है। इससे स्कैल्प पर बिना नए बाल उगते हैं और झड़ जाते हैं। टेलोजेन एफ्लुवियम आमतौर पर पूर्ण गंजापन की ओर नहीं ले जाता है। इसमें आप प्रति दिन 300 से 500 बाल खो सकते हैं। इससे बाल पतले दिखाई दे सकते हैं। थायरॉयड असंतुलन, प्रसव, सर्जरी और बुखार आमतौर पर इस प्रकार के बालों के झड़ने को ट्रिगर करते हैं। टेलोजन इफ्लुवियम विटामिन या खनिज की कमी के परिणामस्वरूप भी हो सकता है। आयरन (iron deficiency anemia) की कमी महिलाओं में बालों के झड़ने का एक आम कारण है। बालों के लिए विटामिन भी जरूरी होता है।
3. एनाजेन इफ्लुवियम (Anagen Effluvium)
एनाजेन इफ्लुवियम हेयर लॉस में बाल अचानक से बाल झड़ (hair fall) जाते हैं। कैंसर के उपचार कीमोथेरेपी के परिणामस्वरूप तेजी से बाल झड़ते हैं। कीमोथेरेपी कैंसर कोशिकाओं (cancer cell) को मारती हैं, लेकिन इस प्रक्रिया में सिर और शरीर के अन्य हिस्सों में बालों के रोम का उत्पादन बंद हो जाता है। इस स्थिति में कीमोथेरेपी बंद होने के बाद बाल दोबारा उग जाते हैं।
4. एलोपेशिया एरियाटा (Alopecia Areata)
एलोपेशिया एरियाटा एक ऑटोइम्यून (autoimmune condition) स्थिति है। इसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (immunity) बालों के रोम सहित स्वस्थ ऊतकों पर हमला करती है। इससे बाल झड़ते हैं और नए बालों को बढ़ने से रोकते हैं। यह स्थिति वयस्कों और बच्चों को प्रभावित कर सकती है। इसमें बालों का झड़ना अचानक और बिना किसी चेतावनी के शुरू हो सकता है। इसमें खोपड़ी से बाल आम तौर पर छोटे पैच में गिर जाते हैं और दर्दनाक नहीं होते हैं। भौहें और पलकों सहित शरीर के अन्य हिस्सों में बाल भी झड़ (hair loss) सकते हैं। समय के साथ यह रोग पूर्ण बालों के झड़ने का कारण बन सकता है।
5. टिनिया कैपिटिस (Tinea Capitis)
टिनिया कैपिटिस को स्कैल्प दाद भी कहा जाता है। यह सिर का एक फंगल संक्रमण है, जो बच्चों में बालों के झड़ने का एक सामान्य कारण है। इस स्थिति में बाल पैच में गिर जाते हैं। कभी-कभी गोलाकार होते हैं, जिससे गंजेपन हो जाता है। इसमें प्रभावित क्षेत्र अकसर लाल या पपड़ीदार दिखाई देता है। सिर में खुजली हो सकती है। अगर टिनिया कैपिटिस का समय रहते इलाज किया जाता है, तो बच्चों के बालों को उगाया जा सकता है।
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6. हाइपोट्रिचोसिस (Hypotrichosis)
हाइपोट्रिचोसिस एक दुर्लभ आनुवंशिक स्थिति है। इस स्थिति में सिर और शरीर पर बहुत कम बाल उगते हैं। इस स्थिति के साथ पैदा हुए शिशुओं में पहली बार में सामान्य बाल विकासित होते हैं। लेकिन कुछ महीने बाद उनके बाल झड़ (hair loss) जाते हैं। हाइपोट्रिचोसिस वाले बहुत से लोग 25 साल की उम्र तक गंजे हो जाते हैं। इस स्थिति में कुछ दवाएं बालों को घना या फिर से उगाने में मदद कर सकती हैं।
आजकल हेयर फॉल एक सामान्य समस्या बन गई है। अधिकतर लोग इस समस्या से परेशान हैं, ऐसे में वे कई तरह के प्रोडक्ट और ट्रीटमेंट लेना चाहते हैं। अगर आप भी हेयर लॉस की समस्या (hair loss treatment) से परेशान हैं, तो कोई भी ट्रीटमेंट लेने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें। क्योंकि कई बार बाल झड़ने के पीछे का कारण बीमारी होती है, ऐसे में किसी भी प्रोडक्ट या ट्रीटमेंट का कोई फर्क नहीं पड़ता है। इसलिए लंबे समय तक हेयर लॉस होने या गंजेपन की शिकायत होने पर डॉक्टर से ही कंसल्ट करें।