High Blood Pressure in Hindi: हाई ब्लड प्रेशर को हाइपरटेंशन के नाम से भी जाना जाता है। जिन लोगों को हाई बीपी की समस्या होती है, उनके हार्ट को सामान्य से अधिक मेहनत करनी पड़ती है। इससे दिल की सेहत कमजोर हो सकती है। हाई बीपी में खून के दबाव का स्तर ज्यादा हो जाता है। इससे हार्ट और अन्य अंगों को नुकसान पहुंचता है। हाई बीपी के लक्षण आसानी से नजर नहीं आते। लेकिन कुछ कॉमन लक्षण हैं, जो हाई बीपी के मरीजों में देखने को मिलते हैं। उदाहरण के लिए- हाई बीपी होने पर सिर दर्द होता है, दिल की धड़कन तेज महसूस होती है, हर समय थकान होती है, हाई बीपी का असर आंखों पर भी पड़ता है। आंखें से धुंधला दिखने लगता है। सांस फूलना और तनाव बढ़ना भी हाई बीपी के लक्षण हैं। हाई बीपी की समस्या उन लोगों में ज्यादा होती है, जो अनहेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करते हैं। आजकल दिल की बीमारियों के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसके पीछे भी ऐसी आदतें हैं जिन्हें तुरंत बदलने की जरूरत है। आज हम ऐसी ही 5 आदतों पर बात करेंगे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
1. हाई-सोडियम डाइट लेना- Consuming High-Sodium Diet
डाइट में ज्यादा नमक वाला भोजन शामिल करने से हाई बीपी की समस्या हो सकती है। अपनी डाइट में प्रोसेस्ड फूड्स को शामिल न करें। बाहर का भोजन कम से कम खाएं। साथ ही हाई फैट डाइट लेने से भी बचना चाहिए। ज्यादा तला हुआ भोजन खाने से कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ जाती है और बीपी कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है।
2. एल्कोहल, धूम्रपान और कैफीन का सेवन करना- Consuming Alcohol, Cigarette and Caffeine
जो लोग एल्कोहल का ज्यादा सेवन करते उन्हें हाई बीपी की समस्या हो सकती है। इसी तरह धूम्रपान का सेवन करने के कारण ब्लड वैसल्स को नुकसान पहुंंचता है। हाई बीपी की समस्या से बचने के लिए सिगरेट और एल्कोहल का सेवन करने की लत छोड़ दें। इसके अलावा कैफीन का ज्यादा सेवन करने से भी ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। चाय-कॉफी की जगह हर्बल चाय पी सकते हैं।
3. ज्यादा तनाव लेना- Taking More Stress
ज्यादा तनाव लेने से ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। अगर आप ज्यादा तनाव में रहते हैं, तो यह आदत आपको बीमार बना सकती है। तनाव को कम करने के लिए मेडिटेशन, डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज, योगा या किसी हॉबी क्लॉस को ज्वॉइन कर सकते हैं। जो लोग स्लीप साइकिल पूरी नहीं करते, उन्हें भी तनाव महसूस होता है। हर दिन 7 से 8 घंटे की नींद पूरी करें, दवाएं समय पर खाएं। हाई बीपी के मरीजों को डॉक्टर की सलाह पर ही दवाओं का सेवन करना चाहिए।
4. एक्सरसाइज न करना- No Exercise in Routine
एक्सरसाइज की कमी से हाई बीपी की समस्या हो सकती है। एक्सरसाइज न करने से वजन बढ़ जाता है। वजन ज्यादा होने के कारण बीपी को कंट्रोल करना मुश्किल होता है और हार्ट की बीमारियों का खतरा भी ज्यादा होता है। हर दिन कम से कम 40 से 50 मिनट वॉक करें। इसके अलावा रनिंग, योग, कार्डियो एक्सरसाइज को रूटीन में शामिल करें। 50 की उम्र के बाद हाई इंटेंस वर्कआउट के बजाय हल्के व्यायाम पर ज्यादा फोकस करना चाहिए।
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5. समय पर चेकअप न करवाना- Avoiding Regular Checkup
बीपी को कंट्रोल करने के लिए समय-समय पर चेकअप कराना जरूरी है। अगर आप चेकअप नहीं कराएंगे, तो बीपी को मॉनिटर करना मुश्किल हो जाएगा और बीपी ज्यादा है या कम या पता नहीं चलेगा। सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर 90-120 mmHg होना चाहिए वहीं डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर 60-80 mmHg होना चाहिए। अगर आपका बीपी इससे ज्यादा या कम है, तो डॉक्टर से संपर्क करें।
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