खानपान में बदलाव व दूषित पानी पीने की वजह से लोगों को पथरी की समस्या हो सकती है। यह एक गंभीर समस्या है इसमें लोगों को तेज दर्द होता है। पथरी दो तरह की होती है। पित्त की थैली में पथरी को पत्तिशाय की पथर (Gallbladder Stone in Hindi) कहा जाता है, इसके अलावा किडनी में भी पथरी की समस्या हो सकती है। किडनी की पथरी को यूरिन के द्वारा बाहर निकाला जा सकता है। लेकिन, पित्त की पथरी में शरीर से पित्त की थैली को हटाया जाता है। लिवर के नीचे पित्ताशय होता है, इसे गॉलब्लैडर कहते हैं। जब पित्त की थैली में कोलेस्ट्रॉल इक्ट्ठा होने लगता है, तो यह क्रिस्टल के रूप में पथरी बन जाता है। इसे ही गॉल ब्लैडर स्टोन के नाम से पहचाना जाता है। यदि इस स्थिति को अनदेखा किया जाए, तो यह कैंसर का कारण बन सकती है। इस बारे में राजीव गाँधी कैंसर संस्थान एवं रिसर्च केंद्र (आरजीसीआईआरसी) सीनियर कंसलटेंट और चीफ - जीआई ओंकोसर्जरी एवं लिवर ट्रांसप्लांट सर्विसेज डॉक्टर शिवेंद्र सिंह से बात कि तो उन्होने बताया कि गॉल ब्लैडर का स्टोन किस तरह से कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है।
पित्त की पथरी से बढ़ सकता है कैंसर का जोखिम - Gallbladder stone could increase the risk of cancer in Hindi
डॉक्टर के अनुसार पिछले कुछ सालो में पित्त की पथरी पित्ताशय की थैली के कैंसर का एक मुख्य कारण रहा है। अधिकतर लोगों को कैंसर की जांच के बाद पता चलता है कि उनको पित्ताशय का कैंसर हो गया है। एक रिसर्च में पाया गया कि भारत में 70 से 90 फीसदी पित्ताशय के कैंसर वाले मरीजो में पित्त की पथरी पाई गई। लेकिन, इसका मतलब यह नहीं है कि पित्त की पथरी (Gallbladder Stone) वाले हर व्यक्ति को इस तरह का रोग हो सकता है। कैंसर होने के पीछे कई कारण जिम्मेदार होते हैं। पित्त की पथरी को पित्ताशय के कैंसर का एक जोखिम कारक माना जा सकता है। 40 साल की उम्र वाली महिलाओं को पित्ताशय से जुड़ी बीमारियां का खतरा अधिक होता है। जिन लोगों के परिवार में पहले किसी व्यक्ति को पित्ताशय का कैंसर होता है, उन्हें पित्ताशय के कैंसर का जोखिम या खतरा अधिक होता है। इन लोगों को नियमित रुप से जांच करानी चाहिए।
पित्ताशय के कैंसर में किस तरह के लक्षण दिखाई दे सकते हैं - Symptoms Of Gallbladder Cancer In Hindi
- पित्ताशय के कैंसर के लक्षण मरीज को काफी समय बाद पता चल पाते हैं। यह कैंसर तेजी से फैलता है।
- इस रोग में व्यक्ति की भूख धीरे-धीरे कम होने लगती है।
- व्यक्ति को पेट भरा-भरा से महसूस होता है।
- कभी-कभार पेट में दर्द हो सकता है।
- पीलिया की वजह से पित्ताशय से जुड़ी समस्याएं होना।
पित्ताशय की समस्या से जुड़े कुछ आम लक्षण
- जी मिचलाना
- उल्टी आना
- वजन तेजी से कम होना
- सीने के निचले हिस्से में अजीब से बैचेनी महसूस होना
- पेट के ऊपरी हिस्से में भारीपन महसूस होना, आदि।
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इस रोग से बचने के लिए आपको नियमित रूप से कैंसर जांच करवानी चाहिए। इससे कैंसर की समय पर पहचान की जा सकती है। साथ ही, रोग को दूर करने के लिए इलाज शुरु किया जा सकता है। कैंसर का समय पर इलाज करने से रोग के गंभीर लक्षणों को दूर किया जा सकता है।