
पित्त की पथरी को गॉलस्टोन कहा जाता है। व्यक्ति के लीवर के पास पित्त की थैली होती है, जिसमें पथरी हो जाती है। इस समस्या में रोगी को तेज दर्द होता है। पित्ताशय में कोलेस्ट्रोल के जमने या सख्त होने की स्थिति में पथरी बनने लगती है। अगर इस स्थिति का समय पर इलाज नहीं कराया जाता तो मरीज को दर्द अधिक होने लगता है। साथ ही उसको खाना पचाने में भई समस्या आने लगती है। पित्त भोजन को पचाने में सक्रिय भूमिका अदा करता है। लेकिन पित्त में पथरी होने पर इसको बाहर निकाल दिया जाता है। जानते हैं पित्त की पथरी होने पर किस तरह से इलाज किया जाता है और इसमें कौन सा इलाज बेहतर होता है।
इसे भी पढ़ें : पित्ताशय की पथरी (Gallbladder Stone) के 8 कारण, लक्षण और बचाव
पित्ताशय की पथरी का इलाज कैसे किया जाता है?
पित्ताशय की थैली को हटाने के लिए सर्जरी का सहारा लिया जाता है। इसमें डॉक्टर दवाओं, एंडोस्कोपी, लैप्रोस्कोपी या ओपन सर्जरी के माध्यम से पथरी का इलाज कर सकते हैं।
एंडोस्कोपी (Endoscopy)
पित्त की नलिकाओं से पथरी को बाहर निकालने के लिए एंडोस्कोपी की जाती है। इस प्रक्रिया में किसी भी तरह के कट की जरूर नहीं पड़ती है। डॉक्टर एक लंबी ट्यूब के गले से डालते हुए पित्त की पथरी को बाहर निकाल लेते हैं। जबकि पित्ताशय की थैली को निकालने से भी पथरी थैली के साथ ही बाहर आ जाती है।
लैप्रोस्कोपिक कोलेसिस्टेक्टॅमी (Laparoscopic cholecystectomy)
पित्त की पथरी के इस इलाज में डॉक्टर एक छोटा सा कट लगाकर उसमें लैप्रोस्कोप नामक छोटा कैमरा शरीर के अंदर डालते हुए पित्ताशय की थैली को बाहर निकाल लेते हैं। सर्जरी में बड़े चीरे लगाने की अपेक्षा इस प्रक्रिया में व्यक्ति को कम परेशानी होती है।
सर्जरी (Surgery)
जब व्यक्ति को पथरी की वजह से असहनीय दर्द होने लगता है, तो उस स्थिति में डॉक्टरों के द्वारा सर्जरी का विकल्प चुना जाता है। इस सर्जरी में डॉक्टर बड़े चीरे के साथ पित्त की थैली को बाहर निकाल देते हैं। इसमें मरीज को घर जाने में अधिक समय लगता है।
पित्त पथरी के लिए दवाएं
डॉक्टर मरीज की पित्त की पथरी को तोड़ने के लिए कुछ दवाएं दे सकते हैं। लेकिन इस प्रक्रिया में कुछ महिनों या सालों का समय लग सकता है। इसके साथ ही दवाएं बंद कर देने पर पित्त की पथरी दोबारा होने की संभावनाएं बढ़ जाती है। सामान्यतः पित्त की पथरी में दवाओं का उपयोग न के बराबर किया जाता है। जो मरीज सर्जरी नहींं करवा सकते हैं उनको कुछ समय के लिए दवाएं दी जा सकती हैं।
इसे भी पढ़ें : पित्त की थैली में जमा पथरी को आसानी से बाहर निकालते हैं ये 10 घरेलू उपाय
पित्त की पथरी का सही इलाज
पित्त की पथरी होने पर मरीज को कई तरह के लक्षण महसूस होते हैं, इसमें व्यक्ति को सिर दर्द, जी मिचलाना, उल्टी आना, बुखार आना, पित्त की थैली में दर्द होना, बुखार होना या पीलिया की समस्या को शामिल किया जाता है। डॉक्टर मरीज की जांच कर पित्त की पथरी व उसकी स्वास्थ्य की अन्य स्थितियों पर गौर करने के बाद इलाज का सही विकल्प चुन सकते हैं। फिलहाल इस रोग के लिए लैप्रोस्कोपिक कोलेसिस्टेक्टॅमी (Laparoscopic cholecystectomy) को डॉक्टर सरल मानते हैं और इसमें मरीज की रिकवरी भी तेजी से होती है।