किडनी स्टोन (Kidney Stone in Hindi) या गुर्दे में पथरी की समस्या भारत में तेजी से बढ़ रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में लगभग 15 प्रतिशत लोगों में किडनी स्टोन की समस्या है। सही समय पर किडनी में पथरी का इलाज नहीं कराने पर समस्या बढ़ जाती है और मरीज को गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इस स्थिति को नजरअंदाज करना जानलेवा माना जाता है। किडनी में पथरी होने पर मरीज को गंभीर दर्द का सामना करना पड़ता है, कई मरीजों में यह स्थिति इतनी गंभीर होती है कि तुरंत अस्पताल जाने की नौबत आ जाती है। किडनी स्टोन की समस्या के बारे में सही जानकारी होने पर आप इससे बच सकते हैं। ओनलीमायहेल्थ की स्पेशल सीरीज 'बीमारी को समझें' में आइए आसान भाषा में जानते हैं किडनी स्टोन के बारे में।
क्या होती है किडनी स्टोन की समस्या? (What is Kidney Stone in Hindi)
किडनी स्टोन या गुर्दे की पथरी खान-पान से जुड़ी आदतों और आनुवांशिक कारणों से भी हो सकती है। दिल्ली एनसीआर के प्रसिद्ध यूरोलॉजिस्ट और किडनी ट्रांसप्लांट एक्सपर्ट डॉक्टर नितिन श्रीवास्तव (Dr. Nitin Shrivastava) के मुताबिक किडनी स्टोन दरअसल आपकी किडनी में मिनरल्स और सोडियम (नमक) से बने क्रिस्टल होते हैं। इनकी साइज हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकती है। किडनी स्टोन या गुर्दे की पथरी आमतौर पर चार तरह की होती है- यूरिक एसिड, कैल्शियम ऑक्सालेट, स्ट्रुवाइट और सिस्टीन। किडनी में में पथरी बनने के बाद, ये स्टोन किडनी में भी रह सकते हैं और पेशाब के रास्ते से यूरेटर (मूत्रवाहिनी) में भी जा सकता है। ऐसी स्थिति में मरीज को गंभीर दर्द और अन्य परेशानियां हो सकती हैं। किडनी स्टोन की समस्या में किडनी में एक या एक से अधिक स्टोन हो सकते हैं।
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कैसे शुरू होती है किडनी स्टोन की समस्या? (How Does Kidney Stones Form?)
किडनी स्टोन की समस्या पेशाब में क्रिस्टल बनाने वाले कैल्शियम, सोडियम, यूरिक एसिड और ऑक्सालेट जैसे पदार्थों की मात्रा ज्यादा होने पर शुरू होती है। जब ये अपशिष्ट पदार्थ पेशाब में घुल जाते हैं तो क्रिस्टल के रूप में किडनी में इकठ्ठा होने लगते हैं। ये क्रिस्टल आपस में जुड़कर किडनी में बढ़ने लगते हैं। भोजन के माध्यम से ये पदार्थ आपके मूत्र तक पहुंचते हैं। आमतौर पर किडनी इन पदार्थों को फिल्टर कर शरीर से बाहर कर देती है, लेकिन जब इनकी मात्रा ज्यादा होती है तो ये फिल्टर नहीं हो पाते हैं। ऐसे में ये पदार्थ किडनी में क्रिस्टल या स्टोन के फॉर्म में इकठ्ठा होने लगते हैं। डॉ. नितिन श्रीवास्तव के मुताबिक किडनी स्टोन की समस्या के प्रमुख कारण (Kidney Stone Causes in Hindi) इस प्रकार से हैं-
- आनुवांशिक या पारिवारिक इतिहास
- मोटापे की समस्या के कारण
- डायबिटीज की वजह से
- डिहाइड्रेशन या शरीर में पानी की कमी
- जंक फूड्स का सेवन
- हार्मोनल असंतुलन या हाइपरपरथायरायडिज्म
- क्रोनिक डायरिया
- बार-बार यूटीआई की समस्या होने पर
किडनी स्टोन का इलाज कैसे होता है? (Kidney Stone Treatment in Hindi)
शरीर में किडनी स्टोन के लक्षण दिखाई देने पर डॉक्टर सबसे पहले मरीज की जांच करते हैं। किडनी स्टोन का पता लगाने के लिए आपको कई अलग-अलग जांच से गुजरना पड़ सकता है। किडनी स्टोन की जांच के लिए ब्लड टेस्ट के जरिए शरीर में कैल्शियम की जांच होती है। इसके अलावा यूरिक एसिड टेस्ट की सहायता से भी इसका पता लगाया जाता है। गंभीर मामलों में डॉक्टर इमेजिंग टेस्ट की सहायता से किडनी स्टोन की जांच करते हैं। ये इमेजिंग टेस्ट पेट का एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड, नॉन-इन्वेसिव टेस्ट और इन्ट्रावीनस यूरोग्राफी आदि हैं। जांच के बाद मरीज को दर्द कम करने के लिए और संक्रमण के इलाज के लिए दवाएं दी जाती हैं। जब किडनी स्टोन की साइज ज्यादा होती है, तो डॉक्टर सर्जरी भी करते हैं।
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किडनी शरीर में मौजूद जरूरी अंगों में से एक है। इसका प्रमुख काम शरीर में खून और पेशाब को फिल्टर करना और शरीर में मौजूद गंदगी या विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालना है। साथ ही किडनी हड्डियों को हेल्दी रखने, रेड ब्लड सेल्स को बनाने और ब्लड प्रेशर को रेगुलेट करने में भी मदद करता है। किडनी स्टोन की समस्या का शुरुआत में इलाज कराना बहुत जरूरी माना जाता है। अगर आपको भी किडनी स्टोन के लक्षण दिखाई देते हैं, तो सबसे पहले डॉक्टर की सलाह लें।
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