पित्ताशय की पथरी (Gallbladder Stone in Hindi) यानी पित्त की पथरी। यह समस्या गलत आहार या गलत जीवनशैली के कारण पैदा हो जाती है। इस समस्या के होने पर व्यक्ति को पेट में सूजन, दर्द, उल्टी आना आदि लक्षण नजर आते हैं। बता दें कि लिवर के नीचे एक अंग मौजूद होता है जिसे पित्ताशय कहते हैं। जब पित्त की थैली में कोलेस्ट्रॉल जमा होता है तो वे पथरी का रूप ले लेता है। यह पथरी क्रिस्टल के रूप में बनने लगती है, जिससे गाल ब्लैडर स्टोन भी कहा जाता है। आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि पित्ताशय की थैली में पथरी क्यों (Causes of Gallbladder Stone in Hindi) बनती है। साथ ही इसके लक्षण (symptoms of Gallbladder Stone in Hindi) और बचाव भी जानेंगे। पढ़ते हैं आगे...
पित्त की पथरी होने के लक्षण (Symptoms of Gallbladder Stone in Hindi)
1 - पित्ताशय में तेज दर्द होना
2 - पेट फूलना
3 - उल्टी आना या जी मचलाना
4 - बुखार हो जाना
5 - पीलिया की समस्या हो जाना
6 - खट्टी डकार आना
7 - पसीना आना
8 - एसिडिटी हो जाना
9 - बदहजमी की परेशानी होना
10 - पेट का भारी होना
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पित्त की पथरी होने के कारण (Causes of Gallbladder Stone in Hindi)
1 - जो महिलाएं गर्भनिरोधक दवाइयों का सेवन करती हैं उनमें पथरी की समस्या ज्यादा देखी जाती है।
2 - जो लोग अत्यधिक जंक फूड का सेवन करते हैं उन्हें भी इसकी समस्या हो सकती है।
3 - डायबिटीज के शिकार इस समस्या से ग्रस्त हो सकते हैं।
4 - जिन लोगों को पित्ताशय पथ में संक्रमण या लिवर सिरोसिस होता है उन्हें भी पित्त की पथरी हो सकती है।
5 - जिन लोगों ने ऑर्गन ट्रांसप्लांट करवाया है वे भी इस समस्या के शिकार हो सकते हैं।
6 - जिन लोगों का ज्यादा वजन होता है उन्हें भी ये समस्या हो सकती है।
7 - जो लोग मीठी चीजों का सेवन करते हैं वे भी इस समस्या के शिकार हो सकते हैं क्योंकि रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट मीठी चीज में ज्यादा पाया जाता है। ऐसे ही कोलेस्ट्रॉल गाढ़ा होता है, जिसके कारण पथरी का खतरा बढ़ता है।
8 - जो लोग कॉफी का अत्यधिक सेवन करते हैं उन्हें बता दें कि ये आदत पित्त की पथरी की समस्या का कारण बन सकती है। ऐसे में जिन लोगों को पहले से पथरी हा वे कॉफी का सेवन बिल्कुल ना करें।
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पित्ताशय की पथरी से बचाव (Prevention of Gallbladder Stone)
1 - जो लोग कॉफी, चाय, सिगरेट, शराब का सेवन करते हैं वे इन चीजों को अपनी डाइट में निकाल दें।
2 - सुबह खाली पेट नींबू का रस पानी के साथ मिलाकर पिएं।
3 - विटामिन सी के सेवन से प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है ऐसे में कोलेस्ट्रॉल पित्त में बदल जाता है।
4 - आहार में भरपूर मात्रा में हरी सब्जी और फल का सेवन करें। ऐसा करने से कोलेस्ट्रॉल कम होता है और प्रोटीन भी मिलता है।
4 - तली और मसालेदार चीजों से दूर रहें।
5 - विटामिन सी युक्त फलों का सेवन करें।
6 - रोज एक चम्मच हल्दी करना एक अच्छा विकल्प है।
7 - मांसाहारी चीजों से परहेज करें। खासकर रेड मीट, चिकन आदि।
8 - डेयरी उत्पादों का सेवन जैसे- दूध, दही, पनीर, आइसक्रीम आदि का सेवन ना करें, इससे पथरी बढ़ती है।
9 - योग और व्यायाम आपके काम आ सकते हैं। ऐसे में धनुरासन, शलभासन, सर्वांगासन आदि को अपनी दिनचर्या में जोड़ें।
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डॉक्टर पित्त की पथरी का पता लगाने के लिए अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन, गॉलब्लैडर रेडियोन्यूक्लाइड स्कैन, एंडोस्कोपी अल्ट्रासाउंड आदि करवाते हैं। जब घरेलू उपायों से पथरी दूर नहीं होती तो डॉक्टर सर्जरी, कुछ दवाइयां, लिथोट्रिप्सी, लेप्रोस्कोपिक कोलेसिस्टेक्टोमी आदि की मदद लेते हैं।
नोट - ऊपर बताए गए बिंदुओं से पता चलता है कि पित्त की थैली में पथरी होना काफी दर्दनाक हो सकता है। ऐसे में सबसे पहले इसके लक्षणों, कारणों को जानना जरूरी है। उसके बाद कुछ घरेलू उपाय की मदद से समस्या को दूर करने की कोशिश की जाती है और अगर समस्या दूर नहीं होती तो डॉक्टर की मदद से इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।
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