
ORS यानी Oral Rehydration Solution डिहाइड्रेशन से बचाने और जान तक बचाने वाला जीवनरक्षक घोल है। WHO ने इसके लिए एक फिक्स्ड फॉर्मूला तय किया है जिसमें सोडियम, ग्लूकोज और इलेक्ट्रोलाइट्स का संतुलन बेहद जरूरी है। लेकिन पिछले कुछ सालों में कई कंपनियां अपने मीठे ड्रिंक्स पर “ORS” लिखकर बेच रही थीं। इन ड्रिंक्स में न तो WHO के मानक वाला ORS फॉर्मूला इस्तेमाल होता था, न ही ये शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स को बैलेंस करते थे। इसके अलावा इनमें शुगर की मात्रा भी बहुत ज्यादा होती थी, जिसके कारण यह बच्चों और बुजुर्गों के लिए काफी नुकसानदायक होता था। मगर ये कंपनियां ग्राहकों को भ्रमित कर मुनाफा कमा रही थीं। ये साफ तौर पर भ्रामक मार्केटिंग थी।
डॉ शिवरंजनी ने 8 साल की लड़ाई के बाद जीती जंग
हैदराबाद की डॉ शिवरांजनी संतोष ने सोशल मीडिया पर देखा कि कई माता-पिता बच्चों को बाजार का फ्लेवर्ड ORS दे रहे थे, जो असल में ORS था ही नहीं। उन्होंने इसके खिलाफ पहले शिकायतें दर्ज कीं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने 2016 में पहली आधिकारिक शिकायत की, फिर 2022 में तेलंगाना हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की। उनका कहना था — “ORS कोई आम ड्रिंक नहीं है, यह मेडिकल साइंस से जुड़ा उत्पाद है। इसे गलत तरीके से पेश करना लोगों की जान से खेलना है।” कई सालों बाद कोर्ट ने मामले की गंभीरता को समझा और FSSAI से जवाब मांगा। कई बार सुनवाई, आदेश और संशोधन के बाद अब FSSAI ने नए निर्देश जारी कर दिए हैं।
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क्या है FSSAI का नया आदेश?
अब FSSAI (भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण) ने सभी राज्यों के फूड सेफ्टी कमिश्नरों को निर्देश दिया है कि कोई भी खाद्य या पेय उत्पाद अब “ORS” शब्द का उपयोग नहीं कर सकता। केवल वही उत्पाद ORS कहलाएगा जो WHO मानकों के अनुसार हो। ओआरएस सिर्फ मेडिकल ग्रेड प्रोडक्ट की श्रेणी में रहेगा और जो भी ORS के नाम पर भ्रामक प्रचार, भ्रामक लेबलिंग करेगा, उस पर केस और दंड होगा।
इस आदेश के साथ पहले की वह छूट भी वापस ले ली गई है, जिसमें चेतावनी लिखकर ORS शब्द इस्तेमाल करने की इजाजत मिली थी।
डॉ शिवरांजनी की जीत है सबकी जीत
इस फैसले के बाद बाजार में बिकने वाले कई “फेक ORS” अपने आप बंद होंगे। इससे डॉक्टरों का सही ORS इलाज लोगों तक पहुंचेगा। इससे माता-पिता अंजाने में गलत पेय दे कर बच्चों की तबीयत नहीं बिगाड़ेंगे। इसके अलावा ब्रांड्स अब हेल्थ क्लेम करते समय जिम्मेदार होंगे और मेडिकल शब्दों का गलत इस्तेमाल रुकेगा।
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वायरल हो रहा है डॉ शिवरंजनी का भावुक वीडियो
आदेश आने के बाद डॉ शिवरांजनी का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वे भावुक होकर रो रही हैं और कहती नजर आ रही हैं, “ये मेरे लिए पर्सनल जीत नहीं है, ये भारत के हर बच्चे की जीत है। जो पेय उत्पाद सिर्फ चीनी और कलर थे, वे अब ORS बनकर नहीं बिकेंगे।”
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डॉक्टर के इस वीडियो पर कई बड़े हेल्थ और फूड इंफ्लुएंर्स जैसे- Luke Coutinho, Foodpharmer के नाम से मशहूर हेल्थ एडवोकेट Revant Himatsingka, पीडियाट्रिशन डॉ पार्थ सोनी, जागरण न्यू मीडिया की हेल्थ एडिटर मेघा ममगेन सहित ने उन्हें लंबी लड़ाई के बाद इस भावुक कर देने वाली जीत की बधाई दी है।
कुल मिलाकर यह फैसला स्वास्थ्य सुरक्षा के नजरिए से बेहद अहम है। यह दिखाता है कि अगर कोई डॉक्टर, एक्टिविस्ट या आम नागरिक सही दिशा में अपनी आवाज उठाए और कई बार बड़ी कंपनियों को भी हराया जा सकता है और सिस्टम बदला जा सकता है। अब ORS सिर्फ वही कहलाएगा जो सच में ORS होगा।
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Oct 17, 2025 18:11 IST
Published By : Anurag Gupta