अमेरिका में कहर बरपा रहा EEE वायरस, जानें मच्छरों से फैलने वाली इस बीमारी के लक्षण और बचाव के उपाय

मैसाचुसेट्स के चार शहरों - डगलस, ऑक्सफोर्ड, सटन और वेबस्टर में तत्काल प्रभाव से लॉकडाउन की घोषणा की गई है। सरकार ने लोगों से अपील की है कि वह शाम को 6 बजे के बाद घर के अंदर ही रहें, ताकि EEE का प्रकोप कम किया जा सके। 
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अमेरिका में कहर बरपा रहा EEE वायरस, जानें मच्छरों से फैलने वाली इस बीमारी के लक्षण और बचाव के उपाय


What is EEE in Hindi: कोरोना वायरस महामारी के दौर में सारी दुनिया ने लॉकडाउन का सामना किया है। लॉकडाउन के समय लोग अपने-अपने घरों की चारदीवारी के अंदर ही कैद होकर रह गए थे। जैसे-तैसे अब धीरे-धीरे लोगों की जिंदगी नॉर्मल हुई है, तो एक बार फिर लॉकडाउन से जुड़ी खबरें आ रही हैं। न्यूयॉर्क पोस्ट के अनुसार, अमेरिका के मैसाचुसेट्स में मच्छरों के जरिए फैलने वाली ईस्टर्न इक्वाइन इंसेफेलाइटिस (EEE) बीमारी के कारण लॉकडाउन लगाया गया है। फिलहाल मैसाचुसेट्स के चार शहरों - डगलस, ऑक्सफोर्ड, सटन और वेबस्टर में तत्काल प्रभाव से लॉकडाउन की घोषणा की गई है। सरकार ने लोगों से अपील की है कि वह शाम को 6 बजे के बाद घर के अंदर ही रहें, ताकि EEE का प्रकोप कम किया जा सके। 

लॉकडाउन की घोषणा के बाद सरकार की ओर से जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि यह आदेश 30 सितंबर लागू रहेगा। अक्टूबर में जैसे-जैसे ठंड बढ़ेगी और मच्छरों का प्रकोप कम होगा, उसके बाद ही पूर्ण लॉकडाउन को हटाया जाएगा। अमेरिका में मच्छरों से जनित बीमारियों का खतरा बढ़ने के बाद वह सभी देश अलर्ट हो गए हैं, जहां पर मच्छरों से होने वाली बीमारियों का खतरा ज्यादा है। भारत भी उन्हीं देशों की लिस्ट में हैं, जहां पर मच्छरों के कारण होने वाली बीमारियों से हर साल सैकड़ों लोग अपनी जान गवां देते हैं। इसलिए ईस्टर्न इक्वाइन इंसेफेलाइटिस (EEE) बीमारी क्या है, इस बीमारी के क्या लक्षण हैं और इससे बचाव के लिए क्या करना चाहिए, इस विषय में जानना बहुत जरूरी है।

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ईस्टर्न इक्वाइन इंसेफेलाइटिस (EEE) बीमारी क्या है?

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार, ईस्टर्न इक्वाइन इंसेफेलाइटिस (EEE) एक वायरस है जो संक्रमित मच्छर के काटने से लोगों में फैलता है। यह मस्तिष्क में सूजन (इंसेफेलाइटिस) का कारण बनता है। EEE से संक्रमित मच्छर द्वारा काटे गए लगभग 30% लोगों में इंसेफेलाइटिस विकसित होता है और इस संक्रमण के उनकी मृत्यु हो जाती है। EEE पर किए गए शोध के अनुसार, यह संक्रमण गर्मियों के मौसम में ज्यादा तेजी से लोगों के बीच फैलता है। वैज्ञानिकों ने 1830 के दशक में पहली बार घोड़ों में EEE वायरस की खोज की थी।

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ईस्टर्न इक्वाइन इंसेफेलाइटिस (EEE) बीमारी के लक्षण क्या हैं?

ईस्टर्न इक्वाइन इंसेफेलाइटिस बीमारी के लक्षण आम बुखार या मौसमी बुखार से मिलते-जुलते हैं। 

  • ठंड लगना
  • बुखार
  • जोड़ों में दर्द
  • मांसपेशियों में दर्द
  • भ्रम की स्थिति
  • दस्त
  • उनींदापन
  • सिरदर्द
  • उल्टी 

आमतौर पर EEE बीमारी के लक्षण संक्रमित मच्छर के काटने के 10 से 12 दिन बाद दिखाई दे सकते हैं।

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ईस्टर्न इक्वाइन इंसेफेलाइटिस (EEE)  से बचाव के उपाय

  • EEE संक्रमण मच्छरों के जरिए इंसानों में फैलता है। इसलिए अपने घर और घर के आसपास की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। 
  • बाहर जाते समय कीट विकर्षक का उपयोग करें।
  • ऐसे कपड़े पहनें जो आपके हाथ और पैर को ढकें।
  • अपने घर के बाहर जमा हुए खाली बर्तन जैसे की पक्षियों के स्नान के लिए, बाल्टी/बर्तन, छिड़काव के डिब्बे, कूड़े के कंटेनर, फूलों के गमले आदि को साफ रखें।
  • दरवाजे और खिड़कियों पर जालियां लगाएं, ताकि मच्छर घर के अंदर प्रवेश न कर सके।
  • यदि संभव हो तो सुबह और शाम को बाहर जाने से बचें। ये वो समय है जब मच्छर सबसे ज्यादा सक्रिय होते हैं।

All Image Credit: Freepik.com

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