Types of Encephalitis: इंसेफेलाइटिस (Encephalitis) एक गंभीर न्यूरोलॉजिकल स्थिति है जो दिमाग में सूजन का कारण बनता है। गंभीर मामलों में इंसेफेलाइटिस के कारण बेहोशी, कोमा, बोलने या समझने में कठिनाई भी हो सकती है। इस बीमारी में दिमाग सूजन वायरस, बैक्टीरिया, फंगल इन्फेक्शन या इम्यून सिस्टम की प्रतिक्रिया के कारण हो सकती है। इंसेफेलाइटिस होने पर बुखार, सिर दर्द, उल्टी, मतली, भ्रम, दौरे, बाेलने या सुनने में कठिनाई महसूस होती है। वैसे तो इंसेफेलाइटिस के कई प्रकार हैं। लेकिन इसके दो मुख्य प्रकार की बात करें, तो प्राथमिक और माध्यमिक इंसेफेलाइटिस होता है। प्राथमिक इंसेफेलाइटिस तब होता है जब वायरस सीधे दिमाग में प्रवेश करता है और दिमाग में इंफेक्शन फैलाता है। माध्यमिक इंसेफेलाइटिस तब होता है जब शरीर इम्यून प्रणाली किसी अन्य इंफेक्शन के जवाब में प्रतिक्रिया करते हुए दिमाग के टिशूज पर हमला करती है और दिमाग में सूजन के कारण इंसेफेलाइटिस हो जाता है। इंसेफेलाइटिस बीमारी के कुछ प्रकार, इंसानों में मच्छर के जरिए भी फैलते हैं। इंसेफेलाइटिस के अन्य प्रकार के बारे में आगे जानेंगे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में हॉस्पिटल मैनेजमेंट के एचओडी डॉ राजेश हर्षवर्धन से बात की।
इंसेफेलाइटिस के प्रकार- Types of Encephalitis
इंसेफेलाइटिस (Encephalitis) एक गंभीर बीमारी है जिसमें मस्तिष्क में सूजन आ जाती है। इसके कई प्रकार हैं जिनके लक्षण, कारण और गंभीरता के आधार पर ये एक-दूसरे से अलग हैं-
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1. वायरल इंसेफेलाइटिस- Viral Encephalitis
वायरल इंसेफेलाइटिस सबसे कॉमन प्रकार का इंसेफेलाइटिस है। वायरल इंसेफलाइटिस के भी कई प्रकार हैं-
- जापानी इंसेफेलाइटिस मच्छरों के माध्यम से फैलता है और एशिया के शहरों में ज्यादा कॉमन समस्या है।
- जिका वायरस इंसेफेलाइटिस मुख्य रूप से मच्छरों द्वारा फैलता है और दिमाग में सूजन का कारण बनता है।
- हरपीज सिंप्लेक्स वायरस इंसेफेलाइटिस सबसे आम और गंभीर प्रकार का वायरल इंसेफेलाइटिस है, जो अक्सर हरपीज सिंप्लेक्स वायरस (HSV) के कारण होता है।
- वेस्ट नाइल इंसेफेलाइटिस भी मच्छरों के माध्यम से फैलता है और दुनिया के विभिन्न हिस्सों में पाया जाता है।
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2. बैक्टीरियल इंसेफेलाइटिस- Bacterial Encephalitis
बैक्टीरिया के कारण दिमाग में सूजन आने के संक्रमण को बैक्टीरियल इंसेफेलाइटिस कहते हैं। सिफलिस या ट्यूबरकुलोसिस इंसेफेलाइटिस, बैक्टीरियल इंसेफेलाइटिस के ही प्रकार हैं।
3. फंगल इंसेफेलाइटिस- Fungal Encephalitis
यह इंसेफेलाइटिस एक दुर्लभ फंगल इंफेक्शन है जो मुख्य रूप से फंगस के कारण होता है। इसका प्रभाव ज्यादातर उन लोगों में देखा जाता है जिनकी इम्यून सिस्टम कमजोर होती है जैसे कि एचआईवी या एड्स के मरीज।
4. ऑटोइम्यून इंसेफेलाइटिस- Autoimmune Encephalitis
यह एक ऑटोइम्यून रोग है जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम मस्तिष्क के एक हिस्से पर हमला करती है। जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर होती है, यह समस्या उनमें देखी जाती है।
5. पैरासिटिक इंसेफेलाइटिस- Parasitic Encephalitis
यह परजीवी संक्रमण के कारण होता है और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों में अधिक सामान्य है। इसके अलावा मलेरिया इंसेफेलाइटिस मलेरिया का गंभीर रूप, जिसमें मस्तिष्क प्रभावित होता है।
6. टॉक्सिक इंसेफेलाइटिस- Toxic Encephalitis
इंसेफेलाइटिस या दिमाग में सूजन का एक प्रकार टॉक्सिक इंसेफेलाइटिस है। यह दिमाग में केमिकल विषाक्त पदार्थों के प्रभाव के कारण होता है जो दवाओं, विषैले पौधों या फैक्ट्री से निकलने वाले केमिकल्स से भी हो सकता है।
7. पोस्ट इंफेक्शन इंसेफेलाइटिस- Post Infectious Encephalitis
यह इंसेफेलाइटिस का रेयर प्रकार है। पोस्ट-इंफेक्शन इंसेफेलाइटिस में अक्सर इंफेक्शन, वैक्सीन लगवाने से होता है। पोस्ट-इंफेक्शन इंसेफेलाइटिस, दिमाग और स्पाइनल कार्ड को प्रभावित करती है।
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इंसेफेलाइटिस का इलाज कैसे किया जाता है?- How Encephalitis is Treated
- अगर इंसेफेलाइटिस का कारण वायरस है, तो एंटीवायरल दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है।
- अगर इंसेफेलाइटिस का कारण बैक्टीरिया है, तो एंटीबायोटिक्स दी जा सकती हैं।
- सूजन को कम करने के लिए कुछ मरीजों को स्टेरॉयड दिया जाता है।
- अगर इंसेफेलाइटिस का कारण इम्यून सिस्टम की प्रतिक्रिया है, तो इम्यूनोथेरपी का इस्तेमाल किया जा सकता है।
- शरीर में फ्लूइड और इलेक्ट्रोलाइट्स का संतुलन बनाए रखने के लिए इनका सपोर्ट दिया जाता है।
- अगर इंसेफेलाइटिस के कारण कमजोरी या शारीरिक विकलांगता हो जाती है, तो फिजिकल थेरेपी की मदद ली जाती है।
- गंभीर मामलों में मरीज को हॉस्पिटल में भर्ती करने की जरूरत होती है ताकि उनकी हालत पर नजर रखी जा सके और सही इलाज दिया जा सके।
- इंसेफेलाइटिस एक इमरजेंसी स्थिति है, इसलिए अगर इसके लक्षण दिखें जैसे तेज बुखार, सिरदर्द, मानसिक स्थिति में बदलाव, मिर्गी के दौरे आदि तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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image credit: today.usc.edu