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असम में बढ़ रहे इंसेफेलाइटिस (मस्तिष्क की सूजन) के मामले, जानें वैक्सीन लगवाने से बचाव संभव है या नहीं?

इंसेफेलाइटिस (Encephalitis) एक जानलेवा रोग है, इससे बचाव के ल‍िए कई वैक्‍सीन उपलब्‍ध हैं ज‍िनका इस्‍तेमाल बीमारी से बचने के ल‍िए क‍िया जा सकता है।
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असम में बढ़ रहे इंसेफेलाइटिस (मस्तिष्क की सूजन) के मामले, जानें वैक्सीन लगवाने से बचाव संभव है या नहीं?


Encephalitis Vaccine in India: इंसेफेलाइटिस (Encephalitis) एक गंभीर न्यूरोलॉजिकल स्थिति है जो द‍िमाग में सूजन का कारण बनता है। यह सूजन वायरस, बैक्टीरिया, फंगल इन्फेक्शन या इम्यून सिस्टम की प्रतिक्रिया के कारण हो सकती है। इंसेफेलाइटिस होने पर बुखार, स‍िर दर्द, उल्‍टी, मतली, भ्रम, दौरे, बाेलने या सुनने में कठ‍िनाई महसूस हो सकती है। वैसे तो इंसेफेलाइटिस के कई प्रकार हैं। लेक‍िन इसके दो मुख्‍य प्रकार की बात करें, तो प्राथम‍िक और माध्‍यम‍िक इंसेफेलाइटिस होता है। प्राथमिक इंसेफेलाइटिस तब होता है जब वायरस सीधे द‍िमाग में प्रवेश करता है और द‍िमाग में इंफेक्‍शन फैलाता है। माध्‍यम‍िक इंसेफेलाइटिस तब होता है जब शरीर इम्‍य‍ून प्रणाली क‍िसी अन्‍य इंफेक्‍शन के जवाब में प्रत‍िक्र‍िया करते हुए द‍िमाग के ट‍िशूज पर हमला करती है और द‍िमाग में सूजन के कारण इंसेफेलाइटिस हो जाता है। कोव‍िड वैक्‍सीन लेने के बाद, लोगों के मन में सवाल उठता है क‍ि क्‍या इंसेफेलाइटिस से बचाव के ल‍िए भी वैक्‍सीन उपलब्‍ध है? इस सवाल का जवाब आगे जानेंगे। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में हॉस्‍प‍िटल मैनेजमेंट के एचओडी डॉ राजेश हर्षवर्धन से बात की।

क्या वैक्सीन लेने से इंसेफेलाइटिस से बचाव संभव है?- Vaccine For Encephalitis

डॉ राजेश हर्षवर्धन ने बताया क‍ि वैक्सीन लेने से इंसेफेलाइटिस के खतरे को काफी हद तक कम क‍िया जा सकता है। वैक्सीन कुछ प्रकार की इंसेफेलाइटिस से बचाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, लेकिन सभी प्रकार की इंसेफेलाइटिस के लिए वैक्सीन उपलब्ध नहीं हैं। उन क्षेत्रों में जहां विशेष प्रकार की इंसेफेलाइटिस का खतरा ज्‍यादा है, वहां यात्रा करने से पहले संबंधित वैक्सीन लगवाने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा, इंसेफेलाइटिस के जोखिम को कम करने के लिए अन्य उपाय जैसे मच्छरों से बचाव, स्वच्छता और संक्रमित जानवरों से दूरी बनाकर रखना भी जरूरी है। हम कुछ मुख्‍य वैक्सीन के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं जो इंसेफेलाइटिस से बचाव में मदद करती हैं-

1. जापानी इंसेफेलाइटिस वैक्सीन- Japanese Encephalitis Vaccine

encephalitis vaccine

यह वैक्सीन जापानी इंसेफेलाइटिस वायरस (JEV) के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करती है, जो मच्छरों के काटने से फैलता है। यह वैक्सीन बच्चों और वयस्कों दोनों के लिए उपलब्ध है और इससे इंसेफेलाइटिस के संक्रमण का जोखिम काफी हद तक कम हो जाता है।

2. रेबीज वैक्सीन- Rabies Vaccine

रेबीज एक प्रकार की वायरल इंसेफेलाइटिस है जो आमतौर पर कुत्तों या अन्य जानवरों के काटने से फैलती है। रेबीज वैक्सीन इस वायरस से बचाव में मदद करती है। यह वैक्सीन संभावित एक्सपोजर के बाद दी जाती है।

3. मम्प्स, मीसल्स, रूबेला वैक्सीन- MMR Vaccine

मम्प्स और मीजल्स (खसरा) इंसेफेलाइटिस का कारण बन सकते हैं। एमएमआर वैक्सीन इन बीमारियों से बचाव करती है। यह वैक्सीन नियमित टीकाकरण कार्यक्रम का हिस्सा होती है और बचपन में दी जाती है। एमएमआर वैक्सीन बच्चों में इन बीमारियों और इससे होने वाली इंसेफेलाइटिस से सुरक्षा प्रदान करती है।

4. इन्फ्लुएंजा वैक्सीन- Influenza Vaccine

इन्फ्लुएंजा वायरस भी इंसेफेलाइटिस का कारण बन सकता है, और इस वैक्सीन से इन्फ्लुएंजा से बचाव किया जा सकता है। ज‍िन लोगों को बीमार‍ियों का ज्‍यादा खतरा होता है, उन्‍हें हर साल मौसमी फ्लू के प्रकोप से पहले यह दी जाती है।

5. पीसीवी और एचआईबी वैक्सीन- PCV and HIB Vaccines

ये वैक्सीन न्यूमोकोकस और हेमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी (HIB) बैक्टीरिया से बचाव करती हैं, जो बैक्टीरियल मेनिनजाइटिस और इंसेफेलाइटिस का कारण बन सकते हैं। यह बच्चों के नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल है।

क्‍या भारत में इंसेफेलाइटिस का कोई टीका मौजूद है?- Encephalitis Vaccine in India

भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार, अप्रैल, 2013 से जापानी इंसेफेलाइटिस वैक्सीन की 2 खुराकें स्वीकृत की गई हैं, जिनमें से एक खुराक 9 महीने की उम्र में खसरे के साथ और दूसरी खुराक 16-24 महीने की उम्र में डीपीटी बूस्टर के साथ दी जाती है। वयस्क जेई टीकाकरण तीन राज्यों के 42 जिलों में शुरू किया गया था, जहां वयस्क आबादी में जापानी इंसेफेलाइटिस का प्रकोप हो रहा है। इसके अलावा भारत में रेबीज वैक्‍सीन, मम्प्स-मीजल्स-रूबेला वैक्सीन, इंफ्लुएंजा वैक्सीन, पीसीवी और एचआईबी वैक्सीन भी उपलब्‍ध हैं।

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image credit: touchwoodpharmacy.com

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