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असम में बढ़ा रहा इंसेफेलाइटिस (मस्तिष्क में सूजन) का कहर, जानें शरीर में कैसे प्रवेश करती है यह बीमारी?

इंसेफेलाइटिस (Encephalitis) एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जो द‍िमाग में सूजन का कारण बनती है। यह बीमारी आमतौर पर वायरल इंफेक्‍शन के कारण होती है।
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असम में बढ़ा रहा इंसेफेलाइटिस (मस्तिष्क में सूजन) का कहर, जानें शरीर में कैसे प्रवेश करती है यह बीमारी?


What Causes Encephalitis in Humans: असम में इस साल जून और जुलाई के महीने में जापानी इंसेफेलाइटिस, मलेरिया और डेंगू के करीब 1100 मामले दर्ज किए गए और इनमें से 32 मरीजों की मौत हो गई। राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के आंकड़ों के अनुसार, जून में इस बीमारी के कारण तीन लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। मच्‍छरों के कारण इंसानों में कई तरह की बीमार‍ियां फैलती हैं ज‍िनमें से एक है इंसेफेलाइटिस (Encephalitis)। इंसेफेलाइटिस बीमारी के कुछ प्रकार, इंसानों में मच्‍छर के जर‍िए भी फैलते हैं। यह एक गंभीर जानलेवा बीमारी है ज‍िसके होने के कारण द‍िमाग में सूजन आ जाती है। आमतौर पर यह देखा गया है क‍ि यह बीमारी वायरल इंफेक्‍शन के कारण हो जाती है। लेक‍िन वायरल इंफेक्‍शन एक अकेला कारण नहीं है। बैक्‍टीर‍ियल इंफेक्‍शन, फंगल इंफेक्‍शन या ऑटोइम्‍यून बीमार‍ियों के कारण भी यह बीमारी हो सकती है।

इंसेफेलाइटिस होने पर द‍िमाग के ट‍िशू प्रभाव‍ित होते हैं। इस बीमारी में बुखार, स‍िर दर्द, उल्‍टी, भ्रम जैसी समस्‍याएं हो सकती हैं। प्रमुख लक्षण की बात करें, तो व्‍यक्‍त‍ि को तेज बुखार होता है। इसके अलावा स‍िर में दर्द महसूस होता है। गंभीर मामलों में बेहोशी, कोमा, बोलने या समझने में कठ‍िनाई भी हो सकती है। इस लेख में जानेंगे क‍ि इंसानों में इंसेफेलाइटिस होने के पीछे क्‍या कारण हो सकते हैं। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में हॉस्‍प‍िटल मैनेजमेंट के एचओडी डॉ राजेश हर्षवर्धन से बात की। 

इंंसानों में इंसेफेलाइटिस होने के कारण- What Causes Encephalitis in Humans

encephalitis causes in humans

इंसेफेलाइटिस (Encephalitis) द‍िमाग की सूजन है जो आमतौर पर एक वायरल संक्रमण के कारण होती है, लेकिन यह बैक्टीरियल संक्रमण या ऑटोइम्यून विकारों से भी हो सकती है। इंसानों में इंसेफेलाइटिस होने के कुछ मुख्य कारण ये हो सकते हैं-

1. वायरल इंफेक्‍शन- Viral Infection

  • जापानी इंसेफेलाइटिस वायरस (Japanese Encephalitis Virus) एक वायरल संक्रमण है और यह एशियाई देशों में पाया जाता है और मच्छरों द्वारा फैलता है।
  • एंटेरोवायरस (Enterovirus) अक्सर पोलियो से जुड़ा होता है और इंसेफेलाइटिस का कारण बन सकता है।
  • वेस्ट नाइल वायरस (West Nile Virus) मच्छरों के माध्यम से फैलता है और इंसेफेलाइटिस का कारण बन सकता है।
  • किसी संक्रमित जानवर द्वारा काट लिया जाए, तो रेबीज वायरस (Rabies Virus) द‍िमाग में इंसेफेलाइटिस पैदा कर सकता है।
  • हर्पीज़ सिंप्लेक्स वायरस (Herpes Simplex Virus)  सबसे कॉमन कारणों में से एक है। एचएसवी-1 वायरस द‍िमाग में सूजन का कारण बन सकता है।

2. बैक्टीरियल इंफेक्‍शन- Bacterial Infection

बैक्टीरियल इंफेक्‍शन कई बीमार‍ियों का कारण बनता है इसी तरह बैक्‍टीर‍ियल मेनिन्जाइटिस, इंसेफेलाइटिस का कारण बन सकता है, खासकर अगर बैक्टीरिया द‍िमाग के ट‍िशूज में फैल जाए।

3. फंगल इंफेक्‍शन- Fungal Infection

फंगल इंफेक्‍शन के कारण भी कई तरह के इंफेक्‍शन होते हैं। ये इंफेक्‍शन दुर्लभ होता है लेकिन कमजोर इम्यून सिस्टम वाले व्यक्तियों में इंसेफेलाइटिस का कारण बन सकता है। बूढ़े लोगों में यह समस्‍या ज्‍यादा देखने को म‍िलती है।

4. ऑटोइम्यून विकार- Autoimmune Disease

इम्‍यून‍िटी भी शरीर को बीमार कर देती है। कभी-कभी शरीर का इम्यून स‍िस्‍टम गलती से द‍िमाग के ट‍िशूज पर हमला करता है, जिससे इंसेफेलाइटिस हो सकता है। यह ऑटोइम्यून इंसेफेलाइटिस कहलाता है।

5. टीका- Vaccine

टीके का काम है शरीर को बीमारी से बचाना लेक‍िन यह भी बीमारी का कारण बन जाता है। बहुत ही दुर्लभ मामलों में, किसी वायरस के खिलाफ टीका लगवाने के बाद इंसेफेलाइटिस हो सकता है, लेकिन यह बहुत असामान्य है।

6. अज्ञात कारण- Unknown Cause

कुछ मामलों में, इंसेफेलाइटिस का कारण मालूम नहीं हो पाता है। इंसेफ्लाइटिस के लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, उल्टी, दौरे, भ्रम और बेहोशी शामिल हो सकते हैं। इसके इलाज में आमतौर पर एंटीवायरल या एंटीबायोटिक दवाएं, स्टेरॉयड और सपोर्टिव केयर शामिल होती है।

इंसेफेलाइटिस से बचाव संभव है- Encephalitis Prevention Tips

इंसेफेलाइटिस से बचाव के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकते हैं, खासकर उन जगहों में जहां इस बीमारी का अधिक खतरा होता है। यहां कुछ उपाय दिए गए हैं जो इंसेफेलाइटिस से बचने में मदद कर सकते हैं-

  • जापानी इंसेफेलाइटिस वैक्सीन उन लोगों के लिए उपलब्ध है जो ऐसे क्षेत्रों में रहते हैं या यात्रा करते हैं जहां जापानी इंसेफेलाइटिस का खतरा ज्‍यादा होता है।
  • इसके अलावा रेबीज से बचने के लिए वैक्सीन भी उपलब्ध है, खासकर उन लोगों के लिए जो जानवरों के संपर्क में आते हैं।
  • सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें, खासकर उन क्षेत्रों में जहां मच्छरों का प्रकोप ज्‍यादा होता है।
  • पानी के खुले कंटेनर, गड्ढे और अन्य स्थानों में पानी जमा न होने दें, क्योंकि मच्छर इन जगहों पर अंडे देते हैं।
  • दूषित पानी और भोजन से बचें, क्योंकि ये बैक्टीरिया और वायरस का स्रोत हो सकते हैं।
  • पालतू जानवरों और जंगली जानवरों से दूर हरें, खासकर उन क्षेत्रों में जहां रेबीज का खतरा हो।
  • अगर आपके पास पालतू जानवर हैं, तो उनका टीकाकारण नियमित रूप से कराएं।

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image credit: fineartamerica.com, cdc.gov

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