Travel Tips with Kids: पैरेंट्स जब किसी भी सफर पर जाने का प्लान करते हैं, तो उन्हें सबसे पहले ये सोचना पड़ता है कि उनके साथ जा रहे हैं एक दो साल के छोटे बच्चे को खाने में क्या दिया जाना चाहिए ताकि उनकी सेहत न बिगड़े और ट्रेवल का मजा भी खराब न हो। जब बच्चे एक दो साल के होते हैं, तब उनका पाचन पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ होता, ऐसे में बाहर का खाना उन्हें हजम नहीं होता। ऐसे में जरा सी लापरवाही के कारण पेट में दर्द,गैस, उल्टी या दस्त की समस्या हो सकती है। इसलिए पैरेंट्स को सफर शुरू करने से पहले अपने साथ ऐसे फूड्स लेकर जाने पड़ते हैं, जो बच्चों को ट्रिप में सेहतमंद रखें, लेकिन इसके साथ ये भी ध्यान रखना होता है कि ट्रिप पर जाने से पहले ऐसे फूड्स न लेकर जाए जो बच्चे का हाजमा बिगाड़ दें। कौन से फूड छोटे बच्चों के लिए ट्रिप में पैक नहीं करने चाहिए, ये जानने के लिए हमने नई दिल्ली के पंजाबी बाग के क्लाउडनाइन ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के पीडियाट्रिशियन और नियोनेटोलॉजिस्ट विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. अभिषेक चोपड़ा (Dr Abhishek Chopra, Senior Consultant – Pediatrician and Neonatologist, Cloudnine Group of Hospitals, New Delhi) से बात की।
सफर में बच्चों को न दें ये 7 फूड्स
डॉ. अभिषेक चोपड़ा कहते हैं, “सफर के दौरान बच्चों को हल्का और घर का बना ताजा खाना देना ही सेफ है। खाना देना ही सबसे सुरक्षित होता है। कई बार पैरेंट्स ऐसे फूड्स लेकर चले जाते हैं, जो देखने में इजी लगते हैं, लेकिन छोटे बच्चों के पेट को खराब कर सकते हैं। मैं कुछ ऐसे फूड्स बता रहा हूं, जिन्हें पैरेंट्स को ट्रैवल के समय नहीं लेकर जाना चाहिए।”
तेल वाला मसालेदार खाना - अक्सर पैरेंट्स सफर के दौरान तले हुए परांठे, पकौड़े या पूरी और मसालेदार सब्जियां लेकर चले जाते हैं। दरअसल, बच्चे लंबे सफर में लगातार बैठे रहते हैं, इससे उनका डाइजेशन धीमा हो जाता है। इससे पेट में गैस, एसिडिटी और दस्त लगने का रिस्क बढ़ जाता है।
बहुत मीठे स्नैक्स - पैरेंट्स को लगता है कि पैकेज्ड फूड लेकर चलना आसान होता है। इसलिए पैरेंट्स केक, पेस्ट्री, बिस्कुट या चॉकलेट लेकर चलते हैं। ये प्रोसेस्ड फूड बच्चों के पाचन के लिए सही नहीं होते। सफर के दौरान इन्हें आसानी से पचाना मुश्किल होता है और साथ ही बहुत ज्यादा शुगर से बच्चों को उल्टी या चक्कर आने की समस्याएं हो सकती है।
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नमकीन और पैकेज्ड फूड्स - कई पैरेंट्स को लगता है कि मीठे की बजाय नमकीन चिप्स या नमकीन पैकेज्ड स्नैक्स बच्चों के लिए अच्छे होते हैं, लेकिन इनमें नमक और प्रिजर्वेटिव्स की मात्रा बहुत ज्यादा होती है, जो बच्चों में डिहाइड्रेशन, प्यास बढ़ने और पेट दर्द का कारण बन सकती है। इसलिए सफर के दौरान इस तरह के नमकीन या मीठे प्रोडेक्ट बच्चों को बिल्कुल न दें।
कच्चे या अधपके फूड्स - कई पैरेंट्स कच्चे अंकुरित अनाज, सलाद लेकर चलते हैं। ये फूड्स बड़े लोगों के लिए हेल्दी हो सकते हैं, लेकिन छोटे बच्चों को इससे इंफेक्शन फूड प्वॉइजनिंग का खतरा रहता है। इसलिए ऐसे फूड्स बच्चों के लिए पैक नहीं करने चाहिए।
नॉन-वेज फूड्स - ट्रैवल में मसालेदार चिकन या मटन या फिश जैसे फूड्स बच्चों के लिए सेफ नहीं है। ये फूड्स बहुत जल्दी खराब हो जाते हैं और इससे फूड प्वॉइजनिंग का रिस्क रहता है।
कार्बोनेटेड और पैकेज्ड ड्रिंक्स - कई मामलों में देखा है कि पैरेंट्स बच्चों के लिए पैकेज्ड कोल्ड ड्रिंक या जूस लेकर चलते हैं, ताकि उन्हें भूख लगने पर वह दे सके। इन फूड्स में बहुत ज्यादा शुगर और गैस होती है, जिससे छोटे बच्चों का पेट फूल सकता है या गैस बन सकती है। सफर के दौरान पानी ही सबसे अच्छा ऑप्शन है।
जल्दी खराब होने वाले डेयरी प्रोडक्ट्स - फुल-क्रीम दूध, दही और पनीर जैसे डेयरी आइटम लंबे समय तक बाहर रखने पर जल्दी खराब हो जाते हैं। इनमें बैक्टीरिया पनप सकते हैं जो उल्टी, डायरिया और फूड प्वॉइजनिंग का कारण बन सकते हैं। ट्रैवल में ये सब बिल्कुल न लेकर चलें।
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सफर में बच्चे को क्या खिलाएं?
इस बारे में डॉ. अभिषेक चोपड़ा बताते हैं कि सफर के दौरान पैरेंट्स को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बच्चों का खाना हल्का और ताजा बना हो। इसके लिए सफर में पैरेंट्स ये विकल्प देख सकते हैं।
- घर में बनी खिचड़ी
- उबले आलू
- सेब या केले के प्यूरी
- सादा परांठा या चपाती
निष्कर्ष
जब भी सफर करें, तो पैरेंट्स को 1 से 2 साल के बच्चों के लिए खाने का चुनाव बेहद सोच-समझकर करना चाहिए। तेल वाला मसालेदार, मीठा या नमकीन पैकेज्ड और जल्दी खराब होने वाले फूड्स से बचना ही समझदारी है। हमेशा कोशिश करें कि बच्चे को घर का बना ताज़ा खाना ही दें।