छोटे बच्चे अक्सर खाने-पीने में नखरे दिखाते हैं। कई बार बच्चे बिलकुल कम खाना खाते हैं या फिर नहीं खाते हैं। वहीं, कुछ बच्चे भूख लगने पर भी चिप्स और चॉकलेट, केक और पेस्ट्री आदि चबाकर खाते हैं। हालांकि, बच्चों में यह समस्या आम होती है। भूख लगने पर वे अपने पसंदीदा फूड्स खाते हैं, लेकिन इससे उन्हें संतुष्टि मिलती है, लेकिन शरीर को पर्याप्त पोषक तत्व नहीं मिलते हैं। आइये बच्चों के डॉ. सईद मुजाहिद अंसारी (Dr. hifive) से जानते हैं बच्चों में यह समस्या कितनी आम होती है।
बच्चों में कितनी सामान्य है ये समस्या
डॉ. अंसारी के मुताबिक बच्चों में यह समस्या आम होती है। दरअसल, इसे सेलेक्टिव लॉस ऑफ डिसऑर्डर कहा जाता है। इस स्थिति में बच्चों को भूख तो लगती है, लेकिन यह भूख उनकी पसंद की होती है। जिसमें वे चॉकलेट, चिप्स आदि जैसी चीजें खाना पसंद करते हैं। ऐसी स्थिति में उनमें हेल्दी चीजें खाने की रुचि कम हो जाती है। इस स्थिति में बच्चों की सॉलिड फूड्स खाने की रुचि कम हो जाती है।
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बच्चों में भूख नहीं लगने के कारण
- बच्चों में भूख नहीं लगने के पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं।
- पेट में कीड़े होने से बच्चों में भूख नहीं लगने की समस्या हो सकती है।
- अगर बच्चों का विकास धीमी गति से होता है तो भी यह समस्या हो सकती है।
- कई बार बीमार पड़ने पर भी बच्चें में भूख की कमी हो सकती है।
- बच्चों में डिप्रेशन या फिर एंग्जाइटी होने पर भी ऐसी समस्या हो सकती है।
सेलेक्टिव लॉस ऑफ एपिटाइट से बचने के तरीके
- इससे बचने के लिए आपको बच्चों को किसी सॉलिड फूड को पीसकर नहीं देना है।
- खाना खाने से कम से कम 1.5 घंटे पहले बच्चों को चीनी वाले स्नैक्स न दें।
- खाना खिलाने के दौरान बच्चों को मोबाइल न दें।
- बच्चों को जबरदस्ती खाना खिलाने की कोशिश न करें।
- बच्चों को हेल्दी मील खिलाने के साथ ही खुद भी हेल्दी मील लें।
- बच्चों को हेल्दी खाने में मिलने वाले पोषक तत्वों के बारे में समझाएं।