क्या है Gastrocolic Reflex? डॉक्टर से जानें बच्चों में क्यों होती है ये समस्या

कुछ बच्चे खाना खाने के बाद तुरंत पॉटी कर देते हैं। हालांकि, यह कोई बीमारी नहीं है। आइये डॉक्टर से जानें यह समस्या बच्चों में कितनी आम होती है।
  • SHARE
  • FOLLOW
क्या है Gastrocolic Reflex? डॉक्टर से जानें बच्चों में क्यों होती है ये समस्या


आपने जरूर सुना या फिर देखा होगा कि माता-पिता इस बात से परेशान रहते हैं कि बच्चा खाना खाने के तुरंत बाद पॉटी कर देता है। यह समस्या केवल बच्चों में ही नहीं बल्कि युवाओं और बुजुर्गों में भी देखी जाती है। लेकिन बच्चों की समस्या उनसे बहुत अलग होती है। इस स्थिति को गैस्ट्रोकोलिक रिफल्स (Gastrocolic Reflex) कहा जाता है। यह बच्चों में होने वाली एक सामान्य प्रक्रिया है, जिसपर आपको नजर रखकर इसे पहचानने की जरूरत है। आइये बच्चों के स्पेशियेलिस्ट डॉ. सईद मुजाहिद हुसैन (Dr. Hifive) से जानते हैं बच्चों में यह समस्या होना कितना सामान्य होता है। 

क्या है Gastrocolic Reflex? 

Gastrocolic Reflex एक आम समस्या है, जिसमें शरीर आंतों से खाना निकालने के संकेत देती है। खाना खाने के बाद पॉटी आने की स्थिति को ही गैस्ट्रोकॉलिक रिफलक्स कहा जाता है। इसके पीछे बहुत से कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। कई बार लंबे समय तक पॉटी रोकने या फिर खराब खानपान फॉलो करने से यह समस्या हो सकती है। कई बार इंफ्लेमेटरी बॉवेल डिजीज के कारण भी ऐसा हो सकता है। 

 
 
 
View this post on Instagram

A post shared by DrSayed Mujahid Husain (@dr_hifive)

बच्चों में कितना सामान्य है गैस्ट्रोकॉलिक रिफलक्स? 

डॉ. हुसैन के मुताबिक बच्चों में गैस्ट्रोकॉलिक रिफलक्स होना पूरी तरह से सामान्य होता है। यह समस्या आमतौर पर बच्चों को शुरुआत में होती है, लेकिन धीरे-धीरे उनमें रिफलक्स की समस्या कम होने लगती है। यह कोई इंफेक्शन नहीं है। शिशु से लेकर 4 साल तक के बच्चों को यह समस्या हो सकती है। इस स्थिति में बच्चे का पेशाब सामान्य रहता है और बच्चा एक्टिव भी रहता है। अगर सोने के दौरान बच्चा पॉटी नहीं कर रहा है तो इसमें चिंता करने जैसी कोई बात नहीं है। 

इसे भी पढ़ें - Colic Pain Remedies: छोटे बच्चे को हो रही है पेट में मरोड़ की समस्या, तो अपनाएं ये तरीके मिलेगा आराम

इससे बचने के लिए क्या करें? 

  • बच्चों में यह समस्या होने पर आपको उन्हें बाहर का जंक या प्रोसेस्ड फूड्स आदि खिलाने से परहेज करना चाहिए। 
  • अगर बच्चा छोटा है तो उसे मां का दूध ही पिलाएं। 
  • बच्चों को ज्यादा फैट वाली चीजें या फुल क्रीम दूध न पिलाएं। 
  • यह समस्या बार-बार होने पर चिकित्सक से सलाह लें। 

Read Next

डायपर से जुड़े इन 5 मिथकों पर अक्सर लोग कर लेते हैं भरोसा, एक्सपर्ट से जानें इनकी सच्चाई

Disclaimer