Myths and Facts about Baby Diaper: बच्चों की स्किन मुलायम और सेंसिटिव होती है। जरा सी लापरवाही से बच्चे को कई तरह की स्किन प्रॉब्लम होने का खतरा रहता है। खासतौर पर जब पेरेंट्स बच्चों को डायपर पहनाते हैं। पेरेंट्स अपनी सुविधा के लिए बच्चों को डायपर पहचाने हैं। डायपर पहनाने से न सिर्फ पेरेंट्स का बार-बार पैंट्स बदलने का वक्त बचता है, बल्कि कपड़े भी कम धोने पड़ते हैं। बाजार में कई ब्रांड्स के डायपर अलग-अलग खुशबुओं में मौजूद हैं। डायपर देखने और इस्तेमाल करने में बेशक बहुत सुविधाजनक हो, पर इससे जुड़े कई मिथक हैं, जिस पर न्यू पेरेंट्स बिना कोई रिसर्च किए भरोसा कर लेते हैं। आज इस आर्टिकल में हैदराबाद स्थित बालाजी चिल्ड्रन अस्पताल के चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ. संदीप बेलपत्रे से जानेंगे डायपर से जुड़े मिथक और उनकी सच्चाई के बारे में।
मिथक : डायपर के इस्तेमाल से रैशेज हो जाते हैं- Using Diapers Leads to Rashes
सच्चाई : डायपर से जुड़ा सबसे आम मिथक है कि इसके इस्तेमाल से रैशेज हो जाते हैं। लेकिन इस बात में पूरी सच्चाई नहीं हैं। डॉ. बेलपत्रे का कहना है कि अकेले डायपर का उपयोग करने से आपके बच्चे के निचले हिस्से पर रैशेज नहीं होते हैं। ठीक तरह से क्लीनिंग और ड्राई न होने पर बच्चों के निचले भाग में रैशेज हो जाते हैं। कई बार पेरेंट्स लंबे समय तक बच्चों का डायपर लंबे समय तक नहीं बदलते हैं। डायपर के फुल हो जाने या फिर पॉटी में बच्चे के रहने से भी रैशेज हो जाते हैं। जितना संभव हो सकता है पेरेंट्स बच्चों को डायपर की वजह से होने वाले रैशेज से बचा सकते हैं। इसके लिए बार-बार नैपी बदलते रहना चाहिए। साथ ही एक अच्छी डायपर रैश क्रीम का उपयोग करना चाहिए।
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मिथक : बड़े साइज का डायपर इस्तेमाल करने से रैशेज नहीं होते हैं।
सच्चाई : पेरेंट्स को लगता है कि वह अपने बच्चे के साइज से बड़े डायपर का इस्तेमाल करेंगे, तो इससे रैशेज की प्रॉब्लम नहीं होती है। एक बार फिर, यह पूरी तरह से एक मिथक है। डायपर रैशेज तब होते हैं जब बच्चे की त्वचा और उसके गीले डायपर के बीच घर्षण होता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आपको बच्चों के लिए बड़े साइज का डायपर खरीदना चाहिए। डायपर आपके बच्चे के पहनने वाले कपड़ों की तरह होने चाहिए - अच्छी तरह से फिट होने वाले और आरामदायक। यदि डायपर का आकार बहुत बड़ा है, तो आप बहुत अधिक लीक हो सकता है, जिसकी वजह से आपको परेशानी हो सकती है।
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मिथक : डायपर बदलते समय उस हिस्से पर बेबी पाउडर का इस्तेमाल करना चाहिए।
सच्चाई : डायपर की वजह से बच्चों को रैशेज की प्रॉब्लम न हो, इसके लिए लोग डायपर बदलते समय बच्चों के निचले हिस्से पर बेबी पाउडर डालते हैं। लेकिन डॉक्टर का कहना है कि डायपर बदलते समय उस हिस्से पर बेबी पाउडर या किसी भी अन्य तरह के पाउडर का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स बेबी पाउडर का बिल्कुल भी उपयोग न करने की सलाह देता है। अगर आप चाहते हैं बच्चों को रैशेज न हो, तो इसके लिए पाउडर नहीं बल्कि क्रीम का इस्तेमाल करें।
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