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पित्त प्रकृति में लाभदायक है सौंफ का पानी, जानें इसके 5 बेहतरीन फायदे

पित्त प्रकृति के कारण लोगों को पेट से जुड़ी समस्याएं ज्यादा होती हैं। यहां जानिए, पित्त प्रकृति में सौंफ का पानी पीने के क्या फायदे हैं।
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पित्त प्रकृति में लाभदायक है सौंफ का पानी, जानें इसके 5 बेहतरीन फायदे


सेहतमंद रहने के लिए जरूरी है कि आप हेल्दी लाइफस्टाइल मेंटन करें और डाइट में ऐसे फूड्स को शामिल करें, जिनसे शरीर को सही पोषण प्राप्त हो सके। आयुर्वेद के अनुसार व्यक्ति को हेल्दी रहने के लिए ऋतु के अनुसार अपनी दिनचर्या और खानपान में बदलाव करना चाहिए। ऐसा करने से शरीर में तीनों दोष बैलेंस रहते हैं। बता दें कि आयुर्वेद में तीन प्रमुख दोष होते हैं - वात, पित्त और कफ। पित्त दोष का असंतुलन शरीर में कई समस्याओं को जन्म दे सकता है, जैसे कि एसिडिटी, शरीर में गर्मी और त्वचा संबंधी समस्याएं आदि। ऐसे में सौंफ एक औषधि के रूप में काम आती है, जो पित्त दोष को संतुलित करने में सहायक होती है। दरअसल, सौंफ की तासीर ठंडी होती है, जो पित्त प्रकृति वाले लोगों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होती है। इस लेख में रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) पित्त प्रकृति वाले लोगों के लिए सौंफ का पानी पीने के फायदे बता रहे हैं।

पित्त प्रकृति में सौंफ का पानी पीने के फायदे

1. पाचन तंत्र को मजबूत बनाए

सौंफ के पानी का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है। पित्त दोष के असंतुलन के कारण एसिडिटी और गैस्ट्रिक समस्याएं होती हैं, जिसे सौंफ का पानी पीने से आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है। सौंफ में मौजूद तत्व पाचन क्रिया को बेहतर बनाते हैं और एसिडिटी की समस्या को दूर करते हैं।

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2. पित्त दोष को शांत करे

सौंफ का पानी पित्त दोष को संतुलित करने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि सौंफ के पानी की तासीर ठंडी होती है। यह शरीर की गर्मी को कम करता है और शांति प्रदान करता है। पित्त दोष से पीड़ित लोगों के लिए, सौंफ का पानी विशेष रूप से फायदेमंद होता है।

3. एसिडिटी और हार्टबर्न को कम करे

आयुर्वेद के अनुसार, पित्त दोष असंतुलित होने पर शरीर में एसिडिटी और हार्टबर्न की समस्या बढ़ जाती है। सौंफ का पानी प्राकृतिक रूप से एसिडिटी को कम करता है और हार्टबर्न से राहत दिलाता है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो पाचन तंत्र में सूजन को कम करते हैं और पेट को आराम पहुंचाते हैं।

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4. त्वचा को निखारे

सौंफ का पानी त्वचा के लिए भी लाभकारी है। यह शरीर से टॉक्सिन को बाहर निकालता है। इसका सेवन त्वचा को अंदर से पोषण देता है और उसे हेल्दी बनाता है। पित्त दोष के कारण होने वाली त्वचा संबंधी समस्याओं, जैसे कि मुंहासे और रैशेज, को भी सौंफ का पानी कंट्रोल करता है।

5. वजन घटाने में सहायक

सौंफ का पानी वजन घटाने में भी सहायक होता है। यह मेटाबॉलिज्म को तेज करता है और शरीर की चर्बी को कम करने में मदद करता है। पित्त दोष के असंतुलन से वजन बढ़ने की समस्या हो सकती है, जिसे सौंफ का पानी संतुलित करता है। रोजाना खाली पेट सौंफ का पानी पीने से वजन घटाने में मदद मिलती है।

सौंफ का पानी कैसे बनाएं?

सौंफ का पानी बनाने के लिए एक चम्मच सौंफ को रात भर पानी में भिगोकर रखें। सुबह इसे छानकर खाली पेट पिएं। इससे न सिर्फ पित्त दोष को कंट्रोल किया जा सकता है, बल्कि शरीर को एनर्जी भी मिलती है। नियमित रूप से सौंफ का पानी पीने से आपके स्वास्थ्य में सुधार होता है और पाचन क्रिया सुचारू रहती है।

निष्कर्ष

सौंफ का पानी आयुर्वेद में पित्त दोष को संतुलित करने का एक सरल और प्रभावी तरीका है। इसके सेवन से न सिर्फ पाचन संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिलता है, बल्कि यह वजन घटाने, त्वचा की देखभाल और मानसिक शांति के लिए भी फायदेमंद होता है। आयुर्वेदाचार्य के अनुसार, पित्त दोष से पीड़ित लोगों के लिए सौंफ का पानी एक प्राकृतिक उपचार है।

All Images Credit- Freepik

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