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पलाश की चाय सेहत के लिए होती है बेहद फायदेमंद, संतुलित करती है कफ और पित्त दोष

कफ और पित्त दोष को नियंत्रित करने के लिए आप पलाश की चाय पी सकते हैं। आगे जानते है इसके फायदे और बनाने का तरीका
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पलाश की चाय सेहत के लिए होती है बेहद फायदेमंद, संतुलित करती है कफ और पित्त दोष

कई वर्षों से बीमारियों को दूर करने के लिए आयुर्वेद की मदद ली जाती है। आयुर्वेद चिकित्सा में रोगों को वात, कफ और पित्त का कारण माना जाता है। साथ ही, वात, पित्त ओर कफ को संतुलन करके ही इस पद्धति में  रोगों का इलाज किया जाता है। आयुर्वेद में ऐसी कई जड़ी-बूटियों का जिक्र मिलता है, जिनके इस्तेमाल से रोगों को दूर किया जाता है। इसमें आप पलाश को भी शामिल कर सकते हैं। इसकी पत्तियों, फूलों और बीजों का उपयोग कई औषधियों में किया जाता है। माना जाता है कि पलाश की चाय पीने से कप और पित्त दोष को संतलुन करने में मदद मिलती है। साथ ही, शरीर को डिटॉक्स होने में मदद मिलती हैं। आगे मध्य प्रदेश के सरकारी अस्पताल की मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर सोनल गर्ग से जानते हैं पलाश की चाय के फायदों के बारे में। 

कफ और पित्त दोष को संतुलित करने के लिए जरूर पिएं पलाश की चाय - Benefits Of Palash Tea To Balance Kapha And Pitta Dosha In Hindi 

बॉडी को डिटॉक्स करें 

पलाश की चाय से आप बॉडी को डिटॉक्स कर सकते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, शरीर में विषाक्त पदार्थों (अमा) इकट्ठे होने लगते हैं। यह स्थिति पित्त और कफ दोष के संतुलन को बाधित कर सकती हैं। इससे अलग-अलग तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती है। विषाक्त पदार्थ के चलते शरीर में कफ बनने लगता है ऐसे में आपको पलाश की चाय पीनी चाहिए। 

palash tea balance kapha and pitta dosha

सूजन-रोधी  

पित्त दोष, अग्नि और जल के तत्वों का प्रतीक है, शरीर में गर्मी और सूजन की वजह बन सकती है। जब पित्त संतुलन से बाहर हो जाता है, तो यह एसिड रिफ्लक्स, त्वचा पर चकत्ते और चिड़चिड़ापन जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। पलाश की चाय पित्त दोष से जुड़ी अतिरिक्त गर्मी को शांत करने का काम करती है।

पाचन में सहायक

आयुर्वेद में पाचन स्वास्थ्य को महत्वपूर्ण बताया गया है, क्योंकि यह दोषों के संतुलन से जुड़ा हुआ है। असंतुलित होने पर कफ और पित्त दोनों पाचन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकते हैं - कफ की वजह से पाचन क्रिया धीमी हो सकती है। इसके अलावा, बलगम बनने लगता है। 

वजन को कंट्रोल करें

स्वस्थ वजन बनाए रखने के लिए लोग न जाने क्या-क्या उपाय अपनाते हैं। कफ और पित्त दोषों को संतुलित करने से वजन को कंट्रोल में रखने में आसानी हो सकती है। कफ दोष, होने पर व्यक्ति को सूजन और वाटर रिटेशन की समस्या हो सकती है। जबकि, पित्त असंतुलन पाचन अग्नि को बढ़ा सकता है, इससे रोगी को ज्यादा भूख लग सकती है। ऐसे में वजन बढ़ सकता है। ऐसे में पलाश की चाय से आप वेट को कंट्रोल में रख सकते हैं। 

रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना 

मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए  कफ और पित्त दोष को संतुलित करना बेहद आवश्यक है। कफ शरीर में चिकनाई बढ़ा सकता है, जबकि पित्त मेटाबॉलिज्म और एनर्जी उत्पादन को नियंत्रित करता है। इन दोषों में असंतुलन से प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो सकती है। इससे संक्रमण होने का खतरा अधिक होता है। 

कैसे बनाएं पलाश की चाय - How To Make Palash Tea In Hindi 

  • पलाश की चाय बनाने के लिए आप इसके फूलों को कुछ दिनों तक सूखा लें। 
  • इसके बाद पैन में करीब दो कप पानी रखें। 
  • अब पानी गर्म होने पर आप पलाश के फूलों की सूखी पंखुडियों को इस पानी में मिला दें। 
  • जब पानी आधा रह जाए तो गैस बंद कर दें। 
  • इस चाय में शहद मिलाकर आप पी सकते हैं। 

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पलाश की चाय में एंटीऑक्सीडेट्स पाए जाते हैं। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक होती है। इससे व्यक्ति का  कफ और पित्त बैलेंस हो सकता है। आयुर्वेदाचार्य की सलाह पर आप पलाश की चाय का सेवन कर सकते हैं। 

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