ठंडे मौसम से आंखों की नमी हो सकती है प्रभावित, इन 5 तरीकों से रखें इनका ख्याल

सर्दियों में मौसम थोड़ा रूखा होता है इसलिए त्वचा और होंठ फटने लगते हैं। इसके साथ ही सर्दियों में लोग गर्मियों की अपेक्षा कम पानी पीते हैं इसलिए शरीर में नमी की कमी भी होती है।
  • SHARE
  • FOLLOW
ठंडे मौसम से आंखों की नमी हो सकती है प्रभावित, इन 5 तरीकों से रखें इनका ख्याल


सर्दियों में मौसम थोड़ा रूखा होता है इसलिए त्वचा और होंठ फटने लगते हैं। इसके साथ ही सर्दियों में लोग गर्मियों की अपेक्षा कम पानी पीते हैं इसलिए शरीर में नमी की कमी भी होती है। इस मौसम में हम आमतौर पर अपने पूरे शरीर का तो ख्याल रखते हैं, मगर आंखों का ख्याल नहीं रखते हैं। हमारी आंखें सर्द मौसम और बर्फीली हवाओं से बहुत प्रभावित होती हैं। सर्दियों के मौसम में ड्राई-आई की समस्या आम है। ड्राई-आई के कारण आंखों में दर्द व जलन होती है। आइए आपको बताते हैं सर्दियों में आप अपनी आंखों का ख्याल किस तरह रख सकते हैं।

ज्यादा पिएं पानी

आमतौर पर सर्दियों में हम कम पानी पीते हैं क्योंकि प्यास कम लगती है, जबकि सर्दियों में शरीर को पानी की जरूरत ज्यादा होती है। इसलिए सर्दियों में ड्राई आई से बचने के लिए हाईड्रेट रहना जरूरी है। रोज पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से ड्राई आई की स्थिति में काफी लाभ होता है, खासतौर पर तब जब आप सर्द और शुष्क परिस्थितियों में बाहर निकल रहे हों।

इसे भी पढ़ें:- आंखों में दिखने वाले धब्बे हो सकते हैं मैकुलर डिजेनेरेशन का संकेत, जानें लक्षण और इलाज

पलकों को जल्दी-जल्दी झपकाएं

जब आप किसी चीज पर ध्यान लगाते हैं तो आपकी पलकों का झपकना सामान्य से कम हो जाता है। जैसे मोबाईल स्क्रीन, टीवी आदि की स्क्रीन्स पर देखते हुए आदि। कम पलकें झपकाने से आंखें शुष्क हो जाती हैं। इसलिए अगर आपको अपनी आंखों में खुश्की महसूस हो रही है, भारीपन भी हो रहा है तो पलकों को ज्यादा झपकाना शुरू कर दें।

आंखों को हाथ से न छुएं

ड्राई-आई की स्थिति में आंखों में खुजली और जलन होने लगती है, और इस वजह से लोग अपनी आंखों को हाथों से मलने लगते हैं। आपको लगता है कि ऐसा करने से आपको राहत मिलेगी लेकिन असल में ऐसा करने से स्थिति और खराब होती है। इससे आंखों में दर्द हो सकता है और लालिमा बढ़ सकती है। इसके अलावा, आपके हाथों में काफी बैक्टीरिया भी होते हैं जिससे आपकी आंखों को इन्फेक्शन हो सकता है।

इसे भी पढ़ें:- रंगों को न पहचान पाना हो सकता है कलर ब्लाइंडनेस, जानें 4 जरूरी बातें

सनग्लास पहनकर ही निकलें बाहर

अगर आपको घर के बाहर काफी रहना पड़ता है तो कोशिश करें कि आपने सनग्लासेज़ पहने हुए हों। ये आपकी आंखों की दो तरह से रक्षा करता है। सनग्लासेज लगाने से शुष्क हवाएं सीधे आपकी आंखों में नहीं लगती, जिससे आंखें ड्राई नहीं होती। दूसरा, ये आपकी आंखों को यूवी सुरक्षा प्रदान करते हैं। अगर आप बर्फ के बीच जा रहे हैं तो फिर सन ग्लासेज लगाना आपके लिए बहुत जरूरी हो जाता है क्योंकि बर्फ सूरज के यूवी प्रकाश का 80 प्रतिशत तक रिफ्लैक्ट करता है।

ओमेगा फैटी-3 का करें सेवन

रिसर्च बताती हैं कि आप जो खाते-पीते हैं उसका आपकी आंखों पर काफी असर पड़ता है। ओमेगा-3 फैटी ऐसिड युक्त आहार से ड्राई-आई की समस्या कम हो सकती है। ओमेगा-3 फैटी एसिड ड्राई-आई सिंड्रोम के लिए एक प्रभावी उपचार है। छोटी समुद्री मछली, ट्यूना, सैलमन और ट्राउट मछलियां इस तत्व का काफी अच्छा स्रोत माना जाता है। इन मछलियों का 3.5 आउंस खाने से लगभग 1 ग्राम ओमेगा-3 प्राप्त होता है।

ऐसे अन्य स्टोरीज के लिए डाउनलोड करें: ओनलीमायहेल्थ ऐप

Read More Articles On Eye Problems in Hindi

Read Next

टेंशन लेने का आपके बालों पर क्‍या प्रभाव पड़ता है, जानें इससे होने वाले दुष्‍परिणाम

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version