आपने अक्सर लोगों को कहते हुए सुना होगा कि शिशु के जन्म के बाद औरत का भी नया जन्म होता है। घंटों तक प्रसव का दर्द सहने के बाद महिला को पूरी तरीके से आराम की जरूरत होती है। ऐसा माना जाता है कि डिलीवरी के बाद महिला के शरीर को कम से कम 40 दिनों का आराम जरूर देना चाहिए। इतने समय में शरीर पूरी तरह से रिकवर हो चुका होता है। आखिरकार ऐसा क्यों है कि डिलीवरी के बाद 40 दिनों तक महिलाओं को विशेष देखभाल की जरूरत होती है। इस बारे में जानने के लिए हमने दिल्ली के सीके बिरला हॉस्पिटल की गायनोकोलॉजिस्ट प्रियंका सुहाग से बातचीत की।
40 दिन तक क्यों जरूरी है देखभाल?
डॉक्टर के अनुसार डिलीवरी के बाद महिलाओं को रिकवर करने के लिए ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है। डिलीवरी के बाद महिलाओं को 2 से 3 सप्ताह तक ब्लीडिंग होती है। ब्लीडिंग की वजह से महिलाओं के शरीर में दर्द होता है। इस दर्द से निपटने और ब्लीडिंग को कम करने के लिए महिलाओं को शारीरिक तौर पर आराम की जरूरत होती है। एक्सपर्ट के अनुसार प्रसव के बाद पहले छह सप्ताह पोस्टपार्टम पीरियड कहलाते हैं। इस समय में महिलाओं के शरीर के घावों को भरना और नए बदलावों में एडजस्ट होना होता है। यही वजह से कि महिलाओं को 40 दिन तक शारीरिक तौर पर आराम करने की सलाह दी जाती है। डिलीवरी के बाद छह से आठ सप्ताह के अंदर महिलाएं खुद को पूरी तरह से स्वस्थ महसूस करती हैं।
एक्सपर्ट के अनुसार प्रसव के बाद जिन महिलाओं को 40 दिन का आराम नहीं मिलता है उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। आइए जानते है इसके बारे में।
कमर में दर्दः प्रसव के तुरंत बाद ही महिलाएं अगर घर के काम करने में लग जाती हैं तो उन्हें कमर में दर्द की शिकायत हो सकती है। महिलाओं को यह परेशानी लंबे समय तक रह सकती है।
टांकों में दर्दः वजाइनल डिलीवरी में भी महिलाओं को टांके लगाए जाते हैं। अगर डिलीवरी के तुरंत बाद महिलाएं काम करने लगती है तो टांकों में दर्द की समस्या हो सकती है। कई बार टांकों में घाव भी बन सकते हैं।
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ब्लीडिंग बढ़नाः प्रसव के 4 से 6 दिन के बाद अगर महिलाएं काम करती हैं, तो उनकी ब्लीडिंग बढ़ सकती है। कई बार यह ब्लीडिंग इतनी बढ़ जाती है कि महिला को अस्पताल में भर्ती भी करवाना पड़ सकता है।
40 दिन के बाद क्या करें और क्या नहीं
एक्सपर्ट का कहना है कि डिलीवरी के 40 दिन के बाद महिलाओं को सावधानी के साथ घर के काम करने चाहिए, क्योंकि अभी भी बॉडी रिकवरी फेज में ही होती है। डिलीवरी के 40 दिन के बाद महिलाओं को क्या करना चाहिए और क्या नहीं आइए जानते है इसके बारे में।
एक्सरसाइज न करें : डिलीवरी के बाद वजन और बॉडी फैट का बढ़ना एक आम बात है। कुछ महिलाएं बॉडी फैट को कम करने के लिए एक्सरसाइज और योगा का सहारा लेती हैं। लेकिन इस तरह शरीर पर प्रेशर देने वाली चीजों को कम से कम 2 महीने तक नहीं करना चाहिए। एक्सपर्ट का कहना है कि प्रसव के 6 से 8 सप्ताह बाद तक महिलाओं को हैवी वर्कआउट से दूर रहना चाहिए। अगर कोई महिला प्रसव के 3 से 4 सप्ताह के भीतर की एक्सरसाइज करती है तो इसकी वजह से मांस फटना, कमर दर्द और टांकों में दर्द की समस्या हो सकती है।
कब्ज की समस्या से बचें: प्रसव के बाद महिलाओं को हल्का खाना ही खिलाया जाता है। एक्सपर्ट का कहना है कि 40 दिन के बाद जब महिलाएं ठीक होती हैं तो अचानक तेल, मसालेदार और चिकनाई वाला न खाएं। ऐसा करने से कब्ज और पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
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विटामिन और मिनरल्स खाएं : प्रसव के बाद महिलाओं को ऐसा लगता है कि उन्हें अब विटामिन और मिनरल्स की जरूरत नहीं है। हालांकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। प्रसव के बाद महिलाओं को ज्यादा विटामिन और मिनरल्स की जरूरत होती है। इसके लिए महिलाएं पर्याप्त मात्रा में हरी सब्जियां, फल और ड्राई फ्रूट्स को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें।
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