हमारा शरीर एक विशेष तरह से काम करता है। सुबह उठने और रात को सोने से शरीर स्वस्थ रहता है। दरअसल, एक्सपर्ट के अनुसार शरीर की एक बायोलॉजिकल क्लॉक होती है। इसे सर्कैडियन रिदम के नाम से जाना जाता है। यह शरीर को जागने और सोने के संकेत देती है। रात को सोते समय शरीर की कोशिकाएं दोबारा से बनती और रिपेयर होती हैं। यह एक बेहद आवश्यक कार्य है इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है और आपको इंफेक्शन होने का खतरा कम हो जाता है। लेकिन, यदि आप देर रात तक जागकर ऑफिस का काम करते हैं, तो इससे आपके हार्मोन प्रभावित होते हैं। इसकी वजह से आपका मेटाबॉलिज्म में भी गड़बड़ी हो सकती है। आगे जानते हैं कि क्या रात की शिफ्ट करने से आपके हार्मोन प्रभावित हो सकते हैं।
नाइट शिफ्ट करने से हार्मोन्स पर क्या प्रभाव पड़ता है? - Effects Of Night Shifts On Hormones Level In Hindi
रिसर्च के अनुसार पता चला है कि मानव शरीर एक सर्कैडियन रिदम यानी लय पर काम करता है। यह रिदम हार्मोन उत्पादन सहित विभिन्न शारीरिक प्रक्रियाओं को नियंत्रित करती है। मेलाटोनिन, जिसे अक्सर नींद का हार्मोन कहा जाता है, मुख्य रूप से रात के समय रिलीज होता है, जो शरीर को संकेत देता है कि यह आराम करने का समय है। इसके विपरीत, कोर्टिसोल, जिसे तनाव हार्मोन के रूप में जाना जाता है, दिन की शुरुआत करने में मदद करने के लिए सुबह अपने हाई स्तर पर होता है।
जब कोई व्यक्ति नाइट शिफ्ट में काम करता हैं, तो इससे प्राकृतिक व्यवस्था बाधित हो जाती है। शरीर की आंतरिक घड़ी में गड़बड़ी होने लगती है, इसका असर हार्मोन रिलीज पर भी पड़ता है। यह घड़ी, प्रकाश और अंधेरे के संपर्क में आने से संचालित होती है। रात के समय कृत्रिम प्रकाश के संपर्क में आने से मेलाटोनिन का उत्पादन कम हो जाता है। जिससे नींद आने में दिक्कत होने लगती है। इससे नाइट की शिफ्ट में काम करने वाले लोगों को अनिद्रा और नींद से जुड़ी समस्याएं होने लगती हैं।
नाइट की शिफ्ट में काम करने से कोर्टिसोल हार्मोन भी हाई पर रहता है। इससे माइंड ज्यादा समय तक एक्टिव मोड में रहता है, जिसकी वजह से व्यक्ति को तनाव हो सकता है। यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है। इसकी वजह से व्यक्ति को मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर व स्ट्रेस की समस्या हो सकती है।
नाइट शिफ्ट में होने वाले हार्मोनल बदलाव से कैसे बचें - Tips To Prevent Hormonal Changes During Night Shift In Hindi
- नाइट शिफ्ट में आराम के लिए कुछ घंटों का ब्रेक होना चाहिए।
- नाइट शिफ्ट में ब्रेक शिड्यूल थोड़े-थोड़े समय के अंतराल में होने चाहिए।
- दिन के समय पर्याप्त नींद लेनी चाहिए।
- कमरे का प्रकाश बेहद कम रखें।
- रोजाना एक्सरसाइज करें।
- शराब या कैफीन का सेवन न करें।
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रात की शिफ्ट में काम करने से बचें। इससे आपकी सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है। ऐसे में आप जनरल शिफ्ट वाले ऑफिस को ज्वाइन कर सकते हैं। जब तक जॉब चेंज करना संभव न हो, तब तक हेल्दी डाइट लें और स्लीप रुटीन को फॉलो करें।
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