पानी यानी की जल हमारे जीवन का अहम हिस्सा है और इसके बिना जीवन की कल्पना कर पाना भी मुश्किल है। सभी को पता है कि हर व्यक्ति को दिन में कम से कम 2 से 3 लीटर पानी पीना चाहिए ताकि उसका शरीर निरोग व स्वस्थ रहे। पर्याप्त पानी पीने से शरीर के हानिकारक तत्व मल मूत्र के जरिए बाहर निकलते हैं । लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके द्वारा पानी पीने का गलत तरीका आपके लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। खड़े होकर पानी पीने से न केवल हमारे पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचता है बल्कि हृदय और किडनी संबंधित समस्याएं भी पैदा हो सकती हैं ।
अगर आप खड़े होकर पानी पीते हैं तो आपको अपनी ये आदत सुधारने की जरूरत है। अपने अक्सर अपने बड़े-बुजुर्गों से सुना होगा कि बैठ कर शांति से पानी पीना चाहिए। दरअसल विज्ञान कहता है कि बैठने से हमारी मांसपेशियां और नर्वस सिस्टम रिलेक्स हो जाता है और तब पानी पीने से शरीर को फायदा मिलता है। जबकि कुछ लोग जल्दबाजी में खड़े होकर व चलते-फिरते ही पानी पीते हैं, जो न उनके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है बल्कि कई अंगों को काम करने में भी दिक्कत होती है। अगर आप भी खड़े होकर पानी पीने के नुकसान से अनजान हैं तो हम आपको इससे जुड़े कई तथ्य बताने जा रहे हैं, जो आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं।
खड़े होकर पानी पीने के नुकसान
खड़े होकर पानी पीने से पानी गुर्दों से बिना साफ हुए शरीर में पहुंच जाता है, जिसके कारण पानी में मौजूद हानिकारक पदार्थ आपके पूरे शरीर में फैल सकते हैं । ऐसी स्थिति में पानी बिना छने ही किडनी से बाहर निकलने लगता है जिसके कारण किडनी में कई प्रकार की इंफेक्शन हो जाते हैं।
खड़े होकर पानी पीने से एसिडिटी, गैस, कब्ज आदि की समस्याएं हो सकती है।
पाचन तंत्र को सही रखने और पाचन संबंधी समस्याओं से बचने के लिए जमीन पर बैठकर धीरे-धीरे पानी पीएं।
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खड़े होकर पानी पीने से इसोफेगस के जरिए तेजी से पानी पेट में पहुंचता है और आपके पेट पर अधिक प्रेशर पड़ता है। पेट पर प्रेशर पड़ने से पेट व आसपास की जगह और डाइजेस्टिव सिस्टम को क्षति पहुंचती है।
पानी के तेजी से पेट में जाने के कारण पानी इंप्योरिटीज ब्लैडर में जमा हो जाता है, जिससे किडनी को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है।
पानी के तेजी से पेट में पहुंचने से शरीर के पूरे बायोलॉजिकल सिस्टम पर प्रभाव पड़ता है।
ऐसा करने से फेफड़ों पर भी खराब असर पड़ता है दरअसल खड़े होकर पानी पीने से हमारे फूड पाइप और विंड पाइप में ऑक्सीजन की सप्लाई रूक जाती है।
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हमेशा खड़े होकर पानी पीने से फेफड़ों के साथ-साथ दिल संबंधी बीमारी होने की संभावना अधिक होती है। खड़े होकर पिया गया पानी खाने को सही तरह से नहीं पचा पाता और ऐसे में शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने लगती है, जो कि हार्ट अटैक का कारण बनता है।
खड़े होकर पानी पीने से प्यास बुझती नहीं, जिसके कारण आपको बार-बार प्यास लगती है।
खड़े होकर पानी पीने से बॉडी में कई प्रकार के तरल पदार्थों का संतुलन बिगड़ने लगता है, जिससे हमारे शरीर के जोड़ों को पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता और इस संतुलन के बिगड़ने से गठिया जैसी समस्या पैदा हो जाती है।
खड़े होकर पानी पीने से अल्सर भी हो सकता है। खड़े होकर पानी पीने से शरीर में एसोफेगस नली का निचला हिस्सा प्रभावित होता है जो कि जानलेवा अल्सर जैसी बीमारी को बढ़ावा देता है।
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