जब बात पुरानी और घातक बीमारियों की आती है और नियमित इलाज के बाद भी कोई राहत नहीं मिलती तो वैकल्पिक चिकित्सा अनिवार्य हो जाती है। हर कोई नया रास्ता खोजता रहता है और मीडिया में कई अनसुने शोधों पर चर्चा की जाती है। एक ऐसा वैकल्पिक इलाज, जिसपर कई वर्षों से लगातार चर्चा होती आ रही है वह है कि कैसे गौमूत्र' कैंसर को ठीक करने में मदद कर सकता है। हाल ही में भाजपा की भोपाल से सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने दावा किया कि उन्होंने गौमूत्र से अपने स्तन कैंसर को ठीक किया है हालांकि उनके डॉक्टर ने हाल ही में खुलासा किया कि उनकी बीमारी के लिए उनका तीन बार ऑपरेशन किया गया था। लेकिन इन सबसे जरूरी बात ये है कि उनके दावे में कितनी सच्चाई है, जिसका पता लगाना बेहद जरूरी है कि यह सच है या नहीं।
गौमूत्र में मिलते हैं खनिज
ऐसा पाया गया है कि गौमूत्र में सोडियम, पोटेशियम, क्रेटानाइन, फॉस्फोरस और एपिथेलियल सेल जैसे महत्वपूर्ण खनिज होते हैं लेकिन इनमें से किसी में भी कैंसर रोधी गुण नहीं होते। गौमूत्र में पाए जाने वाले यह खनिज मिट्टी के उपजाऊपन को बढ़ाने के लिए अच्छे होते हैं लेकिन इनका किसी कीमत पर कैंसर के इलाज के विकल्प के रूप में बाजारीकरण नहीं किया जाना चाहिए।
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गौमूत्र से कैंसर के इलाज को वैज्ञानिक समर्थन नहीं
इसलिए सवाल ये उठता है कि क्या गौमूत्र वास्तव में कैंसर के उपचार में प्रभावी है? इसका जवाब है नहीं, ऐसा नहीं हो सकता। यह वैकल्पिक इलाज बेबुनियाद है और इस प्रचार का दावा करने के लिए कोई वैज्ञानिक समर्थन नहीं है। इतने सारे लोगों का दावा है कि एक बछिया (virgin cow)के मूत्र से कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं और लोगों को इसे आहार में प्रमुखता देनी चाहिए, जिसके कारण शोधकर्ताओं को वास्तव में इस सिद्धांत की जांच करना जरूरी हो गया है।
नेताओं ने उड़ाई अफवाह
इस दावे ने व्यापक रूप इस लिए ले लिया क्योंकि एक प्रकार के कैंसर से जूझ रहे व्यक्ति ने लोगों को बताया कि कैसे गौमूत्र ने उनकी जान बचाई। इस दावे को आध्यत्मिक गुरुओं ने अपने कृत्यों से और जोर दिया। इस 'पवित्र उपचार' से वशीभूत कई नेताओं ने अपनी बीमारियों और चिकित्सा में सहायता के लिए गौमूत्र जैसे शब्दों का प्रयोग किया। चूंकि इसका कोई प्रमाण नहीं है, लेकिन मुंह से निकली बात ने लाखों लोगों पर अपनी मजबूत पकड़ बना ली और ऐसे कई व्यक्तियों को फंसा लिया, जो इलाज के लिए मारे-मारे फिर रहे थे। कई लोगों ने इस चक्कर में अपनी जान भी खोई।
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वैज्ञानिकों ने निकाला निष्कर्ष
गौमूत्र में कई चमत्कारी गुण पाए जाने के कई दावों के कारण जूनागढ़ कृषि विश्वविद्यालय के बायोटेक्नोली वैज्ञानिकों के एक दल ने 2018 में गौमूत्र का प्रयोग कर एक बोतल में कैंसर सेल को खत्म करने का पहला प्रयास किया, जिसमें वह सफल रहें। इस शोध के बाद अनुसंधान पर सवाल उठाने वाले लोगों का विरोध शुरू हो गया। हालांकि इस शोध को कभी भी वैज्ञानिक समर्थन हासिल नहीं हुआ लेकिन लोग फिर भी दावों की कसमें खाने लगे।
इस पूरे सवाल से यह जवाब निकलकर आता है कि गौमूत्र कैंसर का इलाज कर सकता है इसका कोई वैज्ञानिक सबूत नहीं है और साध्वी प्रज्ञा जैसे मरीजों को कुछ भी बोलने से पहले डॉक्टरों की सलाह का पालन करना चाहिए।
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