Ayurveda: बीमारियों से बचाने और इम्‍युनिटी बूस्‍ट करने वाले काढ़े का अधिक सेवन डाल सकता है सेहत पर दुष्‍प्रभाव

काढ़ा पीने के फायदे तो आप जानते ही होंगे, आयुर्वेद में काढ़े को हर मर्ज की दवा माना जाता है। लेकिन अधिक मात्रा में काढ़ा पीना नुकसानदेहक हो सकता है। 
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Ayurveda: बीमारियों से बचाने और इम्‍युनिटी बूस्‍ट करने वाले काढ़े का अधिक सेवन डाल सकता है सेहत पर दुष्‍प्रभाव


बीमारियों और संक्रमण से बचने में काढ़ा को काफी मददगार माना जाता है। ऐसा इसलिए कि आयुर्वेद में काढ़े का सेवन कई बामारियों को दूर करने और इम्‍युनिटी बनाने में फायदेमंद माना जाता है। जैसा कोरोनावायरस महामारी के समय हम सबको सलाह भी दी जा रही है कि हम ऐसी चीजों का सेवन करें, जिससे हमारी प्रतिरक्षा मजबूत हो। काढ़ा ऐसी ही इम्‍युनिटी बूस्‍टर ड्रिंकों में से एक है। काढ़े में कुछ विटामिन और खनिज मौजूद होते हैं, जो आपकी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं। यह आयुर्वेदिक काढ़ा काली मिर्च, दालचीनी, हल्दी, लौंग, गुड़, अदरक और तुलसी के पत्तों जैसे आसानी से उपलब्ध आयुर्वेदिक बूटियों के साथ तैयार किया जाता है। लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि संक्रामक रोगों से बचाने और इम्‍युनिटी को बूस्‍ट करने वाला यह काढ़ा आपके लिए नुकसानदेहक भी हो सकता है। जी हां, बिलकुल सही सुना, जब हम काढ़े का सेवन अधिक मात्रा में करते हैं यानि इसकी अति करते हैं, तो यह हमारी सेहत को नुकसान पहुंचाता है। आइए यहां इसके कुछ नुकसान या साइड इफेक्‍ट्स जानें। 

Drinking Too Much Kadha Side Effects

ज्यादा मात्रा में काढ़ा पीने के नुकसान 

यदि आप प्रतिदिन की जरूरत से ज्‍यादा काढ़ा पीते हैं, तो इसके शरीर पर कुछ दुष्‍प्रभाव हो सकते हैं। जैसे: 

  • नाक से खून बहना
  • मुंह में फोड़े या छाले आना
  • एसिडिटी
  • पेशाब करने में समस्या या पेशाब जलन 
  • अपच या कब्‍ज 

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काढ़े की अधिक मात्रा कैसे पहुंचाती है शरीर को नुकसान?

ऐसा आपके साथ तब होता है, जब आप अधिक मात्रा में काढ़े का सेवन करते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि काली मिर्च, हल्दी, दालचीनी, अश्वगंधा सहित अन्‍य चीजें काढ़ा बनाने के लिए उपयोग की जाती हैं। यह सभी सामग्रियां शरीर में गर्मी पैदा करती हैं। जिससे कि शरीर में अधिक गर्मी पाचन को बाधित कर सकती है, नाक से खून निकलना या मुंह से छाले आने जैसी समस्‍याएं पैदा होती हैं। 

Kadha

कितनी मात्रा में काढ़े का सेवन है सही?

यदि आप स्‍वस्‍थ और रोगमुक्‍त रहना चाहते हैं, तो इसके लिए आप काढ़े के सेवन के साथ-साथ इसकी सही मात्रा भी जरूर जान लें। ऐसा माना जाता है कि काढ़े का सेवन करने की मात्रा आपके शरीर के प्रकार यानि दोष पर निर्भर करती है।

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कफा दोष - कफा दोष वालों को दिन में 1-2 बार मध्यम मात्रा में सामग्री के साथ बना काढ़ा 1 गिलास पीना चाहिए। 

पित्त दोष - पित्त दोष वालों के लिए दिन में 1 बार से अधिक काढ़े का सेवन नहीं करना चाहिए।

वात दोष - वात दोष वाले लोगों को दिन में 1 से 2 बार काढ़े का सेवन कर सकते हैं। 

नोट: ध्‍यान दें कि आप एक बार में यानि एक सर्विंग में काढ़े की मात्रा 50 मिली से अधिक नहीं रखें। इसके अलावा, आप इसमें 100 मिलीलीटर पानी डालें। आप इस काढ़े को 10 से 15 मिनट के लिए उबाल सकते हैं यानि आप 50 मिलीलीटर तक उबालने के लिए प्रतीक्षा करें। 

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