बच्चो के पेट में भी कीड़े होना बहुत आम समस्या है, लेकिन ये समस्या उनकी सेहत को बुरी तरह प्रभावित कर सकती है। पेट में कीड़े होने के कारण बच्चों के पेट में दर्द और सोने में तकलीफ होने जैसी समस्याएं हो सकती है, जिसे नजरअंदाजर करना उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। बच्चों के पेट में कीड़े को खत्म करने का सही समय पर इलाज न करने पर ये बच्चों के विकास को भी कम कर सकता है। किरण मल्टीसुपरस्पेशियलिटी अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ और नवजात शिशु विशेषज्ञ डॉ. पवन मंडाविया के अनुसार, “1 से 10 साल के बच्चों के पेट में कीड़े होना बहुत ही आम समस्या है। लेकिन इस दौरान बच्चों को पेट में कीड़ा मारने की दवा देते समय अधिकतर पेरेंट्स गलत तरीके से बच्चों को दवाई देते हैं, जो बच्चे के सेहत पर बुरा प्रभाव डाल सकते हैं।” तो आइए जानते हैं किस उम्र के बच्चे को कितनी मात्रा में पेट में कीड़ा मारने की दवा देनी चाहिए।
बच्चों को पेट के कीड़े मारने की दवा कैसे खिलाएं? - How Do You Give A Toddler Worm Medicine in Hindi?
- नवजात शिशु या 1 साल से कम उम्र के बच्चे को दवाई न दें।
- 1 से 2 साल के बच्चों को 200mg डोज ही दें।
- 2 साल से बड़े बच्चों को आप 400mg तक की डोज दे सकते हैं।
- बच्चों को पेट में कीड़ा मारने की दवा सिर्फ एक बार या स्वास्थ्य ज्यादा गंभीर होने पर 2 बार दे सकते हैं।
- हर 6 महीने पर आप बच्चे को एक डोज दे सकते हैं।
बच्चों के पेट में कीड़ा होने के लक्षण क्या हैं? - What Are The Symptoms Of Worms In Stomach in Hindi?
- भरपूर मात्रा में खाना खाने के बाद वजन न बढ़ना
- मलत्याग करने के स्थान पर खुजली होना
- रात को सोने में समस्या होना
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पेट में कीड़े मारने की दवा बहुत ज्यादा देने से क्या होता है? - What Are The Side Effects Of Too Much Deworming Medicine in Hindi?
- उल्टी होना
- जी मिचलाना
- पेट में दर्द या ऐंठन
- दस्त की समस्या
- चक्कर आना
- सिर में दर्द होना
- थकान या कमजोरी होना
- भूख न लगना
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बच्चों के पेट में कीड़े होने से कैसे रोकें? - How To Prevent Stomach Worms in Kids in Hindi?
- बच्चों को खाने से पहले और शौचालय का उपयोग करने के बाद हाथों को साबुन और पानी से धोने के लिए प्रोत्साहित करें।
- बच्चों को मिट्टी खाने या गंदी चीजें मुंह में डालने से रोकें, ताकि बैक्टीरिया उनके पेट में न जाएं।
- किसी भी बैक्टीरिया को मारने के लिए मांस, मछली और मुर्गे जैसे खाद्य पदार्थों को अच्छी तरह से पकाएं।
- घर के बाहर बच्चों को नंगे पैर चलने से बचाएं।
- बच्चों को दूषित पानी पीने से रोकने के लिए स्वच्छ, सुरक्षित पानी उपलब्ध करवाएं, हो सकें तो उन्हें पानी उबाल कर दें।
Image Credit- Freepik
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