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पेट के कीड़ों को खत्म करने में असरदार है विडंग, आयुर्वेदाचार्य से जानें तरीका और फायदे

पेट के कीड़े बच्चों में आम समस्या है, जो खराब पाचन, दूषित भोजन या मिट्टी के संपर्क से हो सकती है। यहां जानिए, पेट के कीड़ों के लिए विडंग का उपयोग कैसे करें और इसके फायदे क्या हैं?
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पेट के कीड़ों को खत्म करने में असरदार है विडंग, आयुर्वेदाचार्य से जानें तरीका और फायदे


आजकल की बदलती लाइफस्टाइल, अनियमित दिनचर्या और असंतुलित खानपान ने कई स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दिया है। इन समस्याओं में से एक है पेट में कीड़े होना, जो पहले सिर्फ बच्चों तक सीमित मानी जाती थी, लेकिन अब यह समस्या बड़ों को भी तेजी से प्रभावित कर रही है। बाहर का तला-भुना भोजन, ज्यादा मीठा सेवन, साफ-सफाई की अनदेखी और कमजोर पाचन शक्ति इस समस्या के प्रमुख कारण हैं। पेट में कीड़े होने से भूख न लगना, पेट दर्द, मलदोष, कमजोरी, चिड़चिड़ापन, नींद में कमी और कभी-कभी वजन में कमी जैसी समस्याएं सामने आने लगती हैं। आधुनिक चिकित्सा में इसके इलाज के लिए दवाइयों का सहारा लिया जाता है, लेकिन लंबे समय तक इनका सेवन शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है। ऐसे में आयुर्वेद एक प्राकृतिक, सुरक्षित और प्रभावी विकल्प प्रदान करता है। आयुर्वेद में पेट के कीड़ों को ‘कृमि’ कहा जाता है और इन्हें दूर करने के लिए विभिन्न औषधियों का उल्लेख मिलता है, जिनमें विडंग (Vidanga) को सबसे प्रमुख माना गया है। इस लेख में रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से जानिए, पेट के कीड़ों के लिए विडंग का उपयोग और फायदे क्या हैं?

पेट के कीड़े कैसे खत्म करें? - What Is The Fastest Way To Cure Worms

डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि विडंग, एक प्रभावशाली कृमिनाशक औषधि है और यह शरीर से कीड़ों को नष्ट कर प्राकृतिक रूप से बाहर निकालने में मदद करता है। विडंग न सिर्फ कीड़ों को खत्म करता है, बल्कि पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और दोबारा कृमि संक्रमण की संभावना को कम करता है। इसीलिए आयुर्वेदाचार्य विडंग को पेट के कीड़ों के इलाज में एक उत्तम और भरोसेमंद औषधि मानते हैं। विडंग के उपयोग के पारंपरिक तरीके, लाभ और सावधानियों को जानना हर आयु वर्ग के लिए फायदेमंद हो सकता है।

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पेट के कीड़ों में विडंग का उपयोग - How To Consume Vidanga

विडंग के सूखे फल आयुर्वेद में औषधीय रूप से प्रयोग किए जाते हैं। इसके फलों को चूर्ण बनाकर या गोली के रूप में प्रयोग किया जाता है। आयुर्वेद में विडंग को कृमिघ्न, दीपनीय (अग्नि को प्रज्वलित करने वाला), पाचनीय (पाचन सुधारने वाला) और रसायन कहा गया है। डॉ. श्रेय शर्मा बताते हैं कि विडंग का चूर्ण पेट के कीड़ों को शांत करने में बेहद प्रभावी होता है। यह बच्चों और बड़ों दोनों के लिए लाभकारी है, विशेषकर उन बच्चों के लिए जिन्हें बार-बार पेट दर्द, भूख न लगना, रात को दांत पीसना, चिड़चिड़ापन या मल में कीड़े की समस्या होती है।

 Ayurvedic medicine for stomach worms

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  • विडंग के फलों का चूर्ण बनाकर उसमें थोड़ा सा गुड़ मिलाकर 250 mg की गोलियां बना लें।
  • 3 से 5 साल के बच्चों को दिन में दो बार, सुबह और शाम, 1 गोली दी जाए।
  • 5 से 10 साल के बच्चों को 2 गोलियां दिन में दो बार दें।
  • इससे पेट के कीड़े नष्ट हो जाते हैं और कीड़ों के कारण होने वाली पेट दर्द, सूजन और चिड़चिड़ापन जैसी समस्याएं भी समाप्त होती हैं।

विडंग के फायदे - What Are The Benefits Of Vidanga

  • विडंग का सेवन कब्ज की समस्या को दूर करता है और मल साफ आने में मदद करता है। जिन बच्चों को कीड़ों के कारण पेट सख्त लगता है, उनके लिए यह विशेष रूप से लाभकारी है।
  • विडंग में मौजूद गुण फेफड़ों की कार्यक्षमता को बढ़ाते हैं। यह सांस की नली को साफ करता है और कफ को हटाने में मदद करता है।
  • विडंग के एंटीसेप्टिक गुण मुंह के छालों और संक्रमण को ठीक करने में मदद करते हैं।

विडंग के सेवन में सावधानियां

विडंग एक प्राकृतिक औषधि है, लेकिन इसका प्रयोग आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह से करना चाहिए।

निष्कर्ष

विडंग प्रभावी आयुर्वेदिक औषधि है, जो विशेष रूप से बच्चों में पेट के कीड़ों के इलाज में लाभ देती है। इसके उपयोग से कृमि रोग, अपचन, पेट दर्द और भूख न लगने जैसी समस्याओं से राहत मिलती है। साथ ही यह शरीर की इम्यूनिटी, पाचन सुधारने और संक्रमण से बचाने में भी सहायक है। यदि आप बच्चों में कृमि रोग की समस्या से परेशान हैं, तो आयुर्वेदिक विशेषज्ञ की सलाह लेकर विडंग का उपयोग करें।

All Images Credit- Freepik

FAQ

  • कैसे पता चलेगा कि पेट में कीड़े हैं?

    पेट में कीड़े होने पर आमतौर पर भूख कम लगना या अचानक बढ़ जाना, पेट में दर्द या मरोड़, मल के साथ कीड़ों का निकलना, वजन घटना, नींद में बेचैनी, आंखों के नीचे काले घेरे, चिड़चिड़ापन और थकान जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। यदि इन लक्षणों में से कई लगातार बने रहें, तो यह संकेत हो सकता है कि पेट में कृमि (कीड़े) हैं और समय रहते इलाज की आवश्यकता है।
  • पेट में कीड़े होने से क्या नुकसान है?

    पेट में कीड़े होने से शरीर पर कई नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं। ये कीड़े आंतों में रहकर पोषक तत्वों को चूस लेते हैं, जिससे शरीर को उचित पोषण नहीं मिल पाता और कमजोरी, थकान और वजन घटना जैसी समस्याएं होती हैं। लगातार कृमि संक्रमण से पाचन तंत्र कमजोर हो सकता है, जिससे गैस, अपच और दस्त की समस्या बनी रहती है।
  • पेट में कीड़े होने से क्या दिक्कत होती है?

    पेट में कीड़े होने से कई तरह की दिक्कतें हो सकती हैं, जो शारीरिक और मानसिक दोनों स्तरों पर असर डालती हैं। इससे पेट में बार-बार दर्द होना, भूख में बदलाव, मतली, उल्टी, गैस, अपच और दस्त जैसी समस्याएं हो सकती हैं। मल त्याग के समय जलन या खुजली महसूस होना भी आम है।

 

 

 

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