आंख हमारे शरीर के सबसे नाजुक अंगों में से एक है। आंखों की सेहत का ध्यान रखना हर तरह से जरूरी है और लोग तमाम प्रकार के डाइट से लेकर सप्लीमेंट्स तक की मदद लेते हैं। लेकिन, आज हम बात करेंगे आंखों में शहद डालने की। दरअसल, आंखों में शहद डालना एक नेचुरल प्रोसेस के तरह है जो कि आंखों की डिटॉक्सीकेशन के लिए किया जाता है। इसके अलावा माना जाता है कि आंखों में शहद डालने से आंखों की रोशनी भी बढ़ती है और आंखें हेल्दी रहते हैं। लेकिन, सवाल यह है कि आंखों में शहद डालना कितना सही है, कैसे डालें, क्या है इसका तरीका। जानते हैं इस बारे में एक्सपर्ट से Dr. Jatin Choudhary, Naturopathy expert से बात की। इसके अलावा इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने Dr. Neeraj Sandhuja-Ophthalmologist and Founder of Viaan eye and retina centre
क्या शहद डालने से आंखों की रोशनी बढ़ती है?
Dr. Neeraj Sandhuja-Ophthalmologist बताते हैं कि आंखों में शहद डालना नुकसानदेह हो सकता है और इससे इंफेक्शन का खतरा है।
तो Dr. Jatin Choudhary बताते हैं कि NIH की एक स्टडी है जिसके अनुसार आंखों के लिए 1 बूंद शहद के कई फायदे हैं। इस रिसर्च ती मानें तो शहद अपने एंटीऑक्सीडेंट, सूजनरोधी, जीवाणुरोधी और दर्द निवारक गुणों के कारण विभिन्न नेत्र रोगों के उपचार में आशाजनक साबित होते हैं। जहां शहद नेत्रश्लेष्मलाशोथ और कॉर्निया की चोटों जैसी बाहरी आंखों की समस्याओं के लिए लाभदायक है, वहीं प्रोपोलिस यानी मधुमक्खी गोंद रेटिना और ऑप्टिक तंत्रिका संबंधी समस्याओं जैसी आंतरिक आंखों की समस्याओं के लिए अधिक प्रभावी है। हालांकि, इन निष्कर्षों को नैदानिक स्थितियों में लागू करने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है।
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ऐसे में डॉ. चौधरी कहते हैं शहद या इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन, इंफेक्शन या एलर्जी के जोखिम को कम करने के लिए उच्च गुणवत्ता वाला, शुद्ध और कच्चा शहद चुनें। किसी भी प्रतिकूल प्रतिक्रिया की जांच के लिए त्वचा के एक छोटे से क्षेत्र पर पैच टेस्ट करें। किसी स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से परामर्श किए बिना शहद को खुले घावों या कट पर नहीं लगाना चाहिए। अगर शहद के उपयोग के बारे में आपके कोई विशिष्ट प्रश्न या चिंताएं हैं, तो व्यक्तिगत सलाह के लिए किसी स्वास्थ्य सेवा पेशेवर या त्वचा विशेषज्ञ से परामर्श करना सबसे अच्छा है। इस दावे के समर्थन में सीमित वैज्ञानिक प्रमाण हैं कि शहद आंखों में डालने से दृष्टि में सुधार होता है। हालांकि, शहद में रोगाणुरोधी और सूजनरोधी गुण होते हैं, लेकिन आंखों की समस्याओं के इलाज या दृष्टि में सुधार में इसकी प्रभावशीलता पर कई सवाल हैं।
फायदे की जगह हो सकता है नुकसान
शहद आंखों में बैक्टीरिया या अन्य दूषित पदार्थ पहुंचा सकता है, जिससे संक्रमण हो सकता है। शहद की चिपचिपाहट और संभावित एलर्जी आंखों में जलन, रेडनेस या बेचैनी पैदा कर सकती है। शहद का गाढ़ापन अस्थायी रूप से दृष्टि को धुंधला कर सकता है या आंखों में रुकावट पैदा कर सकता है।
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आंखों के आस-पास कैसे लगाएं?
-सबसे पहले तो अपने डॉक्टर या किसी एक्सपर्ट से पूछें और बिलकुल शुद्ध शहद चुनाव करें।
-शहद की पहचान करने के बाद सबसे पहले अपने आंखों को पानी से धो लें।
-बस एक बूंद दोनों आंखों के आस-पास लगाएं।
-इसे आंखों के आस-पास लगाए रखें और 2 मिनट में आंखों को धो लें।
वैकल्पिक नेत्र स्वास्थ्य विकल्प
आंखों के स्वास्थ्य की निगरानी और संभावित समस्याओं का जल्द पता लगाने के लिए नियमित नेत्र परीक्षण करवाएं। आंखों की देखभाल की उचित आदतों का पालन करें, जैसे धूप का चश्मा पहनना, अच्छी स्वच्छता बनाए रखना और अत्यधिक स्क्रीन समय से बचना। ओमेगा-3 फैटी एसिड, ल्यूटिन और जैक्सैंथिन से भरपूर संतुलित आहार आंखों के स्वास्थ्य को बेहतर बना सकता है।
अगर आप अपनी आंखों के स्वास्थ्य या दृष्टि को लेकर चिंतित हैं, तो व्यक्तिगत सलाह और उपचार के लिए किसी नेत्र रोग विशेषज्ञ से सलाह लें। आंखों में शहद लगाना दृष्टि सुधारने या आंखों की समस्याओं के समाधान के लिए कोई सिद्ध या अनुशंसित उपचार नहीं है। हालांकि, कुछ लोग दावा करते हैं कि शहद के रोगाणुरोधी और सूजन-रोधी गुण आंखों की जलन या संक्रमण को कम करने में मदद कर सकते हैं।