Does Kaunch Beej Increase Testosterone: पुरुषों के स्वास्थ्य में हार्मोन्स, विटामिन और मिनरल्स मुख्य भूमिका निभाते हैं। लेकिन, जब आप खानपान और अनियमित जीवनशैली अपनाते हैं तो इससे आपको कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। पौष्टिक आहार का सेवन न करने की वजह से टेस्टोस्टोरोन हार्मोन प्रभावित हो सकता है। एक्सपर्ट्स बताते हैं कि व्यक्ति की उम्र बढ़ना, हाइपोगोनाडिज्म, डायबिटीज, मोटापा, किडनी रोग और अन्य बीमारियों के कारण टेस्टोस्टेरोन का स्तर सामान्य से नीचे जा सकता है। टेस्टोस्टेरोन की कमी होने पर व्यक्ति की मांसपेशियां कमजोर होने लगती है। साथ ही, यह हार्मोन पुरुषों के प्रजनन स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। ऐसे में सेहतमंद और एनर्जेटिक बने रहने के लिए आपको टेस्टोस्टेरोन को संतुलित रखना बेहद आवश्यक होता है। टेस्टोस्टेरोन के स्तर को नियंत्रित करने के लिए आप खानपान में कुछ आवश्यक बदलाव कर सकते हैं। इसके साथ ही आयुर्वेद में कई तरह की औषधियों से टेस्टोस्टोरोन की कमी को दूर करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसमें कौंच के बीज (Kaunch Beej) को भी शामिल किया जाता है। इस लेख में राजहंस चेरिटेबल अस्पताल के आयुर्वेदाचार्य डॉ. श्रेय शर्मा से जानते हैं कि क्या कौंच बीज से टेस्टोस्टेरोन बढ़ता है?
क्या कौंच बीज टेस्टोस्टेरोन बढ़ाता है? - Does kaunch beej increase testosterone in hindi
कौंच बीज को मेडिकल भाषा में Mucuna Pruriens कहा जाता है। यह एक प्रकार की बेल होती है जिसके बीज औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। इसका उपयोग आयुर्वेद में कई सौ वर्षों से पुरुष स्वास्थ्य, नपुंसकता, शुक्राणु की गुणवत्ता और टेस्टोस्टेरोन लेवल को बढ़ाने के लिए किया जाता रहा है। कई स्टडी से भी पता चलता है कि कौंच के बीज से पुरुषों के प्रजनन स्वास्थ्य और टेस्टोस्टेरोन से जुड़ी समस्या को दूर किया जा सकता है। आगे जानते हैं कि कौंच से बीच से पुरुषों के प्रजनन स्वास्थ्य को कैसे फायदा होता है।
मस्तिष्क के कार्य के लिए आवश्यक
कौंच बीज में अमीनो एसिड (L-DOPA) पाया जाता है, जो डोपामाइन के उत्पादन में मदद करता है। डोपामाइन एक न्यूरोट्रांसमीटर है जो मस्तिष्क में टेस्टोस्टेरोन के स्राव को बढ़ावा देता है।
शुक्राणु की गुणवत्ता में सुधार
कौंच बीज का सेवन करने से शुक्राणुओं की संख्या, गतिशीलता और गुणवत्ता में सुधार होता है। इससे पुरुषों की प्रजनन क्षमता बेहतर होती है।
तनाव कम करने में सहायक
कौंच बीज तनाव को कम करने में सहायक होता है, जिससे कोर्टिसोल (तनाव हार्मोन) घटता है। कोर्टिसोल के उच्च स्तर से टेस्टोस्टेरोन का उत्पादन रुक सकता है, इसलिए कौंच बीज अप्रत्यक्ष रूप से भी टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने में मदद करता है।
यौन क्षमता में वृद्धि
कौंच बीज को एक प्राकृतिक अफ्रोडिसिएक माना जाता है। यह यौन इच्छा और प्रदर्शन को बेहतर बनाता है, जो टेस्टोस्टेरोन के स्वस्थ स्तर से जुड़ा हुआ है।
कौंच बीज का उपयोग कैसे करें? - How To Take Kaunj Ke Beej In Hindi
- पाउडर (चूर्ण) के रूप में कौंच के बीच को डाइट में शामिल किया जा सकता है। इसके लिए आप गर्म दूध में करीब आधा से एक चम्मच कौंच के बीज का सेवन कर सकते हैं।
- बाजार में उपलब्ध आयुर्वेदिक कंपनियों द्वारा बनाई गई कौंच बीज कैप्सूल एक सुविधाजनक विकल्प है। इन्हें आप डॉक्टर की सलाह पर ले सकते हैं।
- कौंच बीज को उबालकर तैयार किया गया काढ़ा भी उपयोगी माना जाता है, विशेषकर यौन दुर्बलता के मामलों में यह फायदेमंंद होता है।
इसे भी पढ़ें: पुरुष जरूर करें कौंच के बीज का सेवन, मिलते हैं ये 5 फायदे
अगर आप अधिक मात्रा में कौंच के बीज का सेवन कर सकते हैं तो यह आपके लिए परेशानी का कारण भी बन सकती हैं। इस स्थित में व्यक्ति को उल्टी होना, घबराहट, नींद से जुड़ी समस्या आदि हो सकती है। हालांकि, कौंच बीज एक उपायोगी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जो पुरुषों के टेस्टोस्टेरोन लेवल को प्राकृतिक रूप से बढ़ाने में सहायक हो सकती है। यह न केवल प्रजनन स्वास्थ्य बल्कि मानसिक और शारीरिक ताकत को भी बेहतर बनाती है। हालांकि, किसी भी आयुर्वेदिक औषधि की तरह, इसका सेवन भी संतुलित मात्रा में और विशेषज्ञ की सलाह के अनुसार ही करना चाहिए।
FAQ
पुरुषों की फर्टिलिटी में कैसे सुधार करें?
पुरुषों की फर्टिलिटी में सुधार के लिए उन्हें नियमित एक्सरसाइज, पौष्टिक आहार लेना, पर्याप्त नींद लेना और स्ट्रेस को दूर करने के लिए मेडिटेशन करना चाहिए।पुरुष बांझपन के कारण क्या हो सकते हैं?
पुरुष बांझपन के लिए कई कारक जिम्मेदार होते हैं, इसमें शारीरिक विकृति, हार्मोन में बदलाव, ज्यादा शराब या धूम्रपान करना, अधिक स्ट्रेस में रहना और अनियमित लाइफस्टाइल फॉलो करना शामिल है।पुरुषों में प्रजनन क्षमता कैसे बढ़ाएं?
पुरुषों में प्रजनन क्षमता बढ़ाने के लिए स्वस्थ जीवनशैली, आहार, और कुछ आदतों में बदलाव करना जरूरी है। नियमित व्यायाम, स्वस्थ वजन बनाए रखना, तनाव कम करना, और शराब और धूम्रपान से बचना, ये सभी उपाय शुक्राणु की गुणवत्ता और मात्रा में सुधार कर सकते हैं।