
Right Way to Drink Water: यह तो हम सभी जानते हैं कि शरीर का लगभग 60 से 70 फीसदी हिस्सा पानी से बना है और इसी से पता चलता है कि शरीर के लिए पानी कितना जरूरी है। पानी ही शरीर के हर अंग को ठीक से काम करने के लिए मदद करता है। इसलिए हर किसी को रोजाना पानी पर्याप्त मात्रा में पीना चाहिए लेकिन क्या आप जानते हैं कि पानी पीने का भी तरीका होता है? कई लोग पानी पीते समय बोतल लेकर ऊपर से ही गटक-गटककर पानी पीते हैं। क्या इस तरह से पानी पीना सेहत पर असर डाल सकता है? इस तरह के सवालों के जवाब जानने के लिए हमने ग्रेटर नोएडा के सर्वोदय अस्पताल के इंटरनल मेडिसन के कंसल्टेंट डॉ. स्वाप्निल शिखा (Dr. Swapnil Shikha, Consultant - Internal Medicine, Sarvodaya Hospital, Greater Noida West) से बात की। डॉ. स्वाप्निल ने पानी पीने का सही तरीका भी बताया।
गटककर पानी पीना कित सही?
डॉ. स्वाप्निल कहती हैं, “जब आप पानी को ऊपर से तेजी से गटकते हैं, तो इसके शरीर पर कई तरह के नुकसान होते हैं। हालांकि लोगों को तुरंत ये समझ नहीं आते, लेकिन लगातार ऐसे ही गटककर पानी पीते रहने से भविष्य में इसके नुकसान देखने को मिलते हैं।”
डाइजेशन में समस्या
गटककर तेजी से पानी पीने से यह सीधे बिना रुके पेट में चला जाता है। इस प्रोसेस में पानी और लार एक दूसरे में घुल नहीं पाते और लार में मौजूद एमाइलेज एंजाइम भोजन के पाचन की पहली प्रक्रिया शुरू करता है। जब पानी इस एंजाइम के कंटेक्ट में नहीं आ पाता, तो डाइजेशन काफी धीमा हो जाता है और इससे गैस, एसिडिटी, सूजन और अपच जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं। इसलिए हमेशा कहा जाता है कि बैठकर धीरे-धीरे पानी पीना चाहिए।

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किडनी पर अतिरिक्त प्रेशर
तेजी से और एक साथ बहुत सारा पानी गटकने से किडनी पर अचानक लोड बढ़ जाता है। दरअसल, जब एक ही बार में शरीर में बहुत सारा पानी चला जाता है, तो इससे किडनी को उसे फिल्टर करने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है। इससे शरीर का इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस (Electrolyte Balance) बिगड़ सकता है। ऐसे में कई बार शरीर में सोडियम का लेवल कम हो जाता है और फिर लोगों को सिरदर्द, कमजोरी, चक्कर आने या उल्टी की परेशानी हो सकती है। इसलिए कहा जाता है कि पानी कम मात्रा में बार-बार पीना चाहिए।
हड्डियों और जोड़ों पर असर
कई बार लोग खड़े होकर या तेजी से पानी पीते हैं, तो इसका फ्लो शरीर में बढ़ जाता है। यह फ्लो शरीर के जोड़ों या नसों पर हल्का प्रेशर डाल सकता है। हालांकि यह असर तुरंत नहीं दिखता, लेकिन लंबे समय तक ऐसा करने से लोगों को जोड़ों के दर्द, सूजन या स्टिफनेस जैसी परेशानियों का कारण बन सकता है। इसलिए बैठकर पानी पीने से फ्लो में कंट्रोल रहता है और शरीर इसे बेहतर तरीके से इस्तेमाल कर सकता है।
पानी का सांस और हार्ट का रिलेशन
जब कोई पानी ऊपर से गटकते हुए पीता है, तो सांस लेने का पैटर्न गड़बड़ा सकता है। दरअसल, जब पानी तेजी से गले में जाता है, तो शरीर को सांस और निगलने के बीच तालमेल बैठाने में दिक्कत होती है। जिन लोगों को अस्थमा, सांस की तकलीफ या हार्ट प्रॉब्लम्स होती हैं, उनके लिए यह तरीका दिक्कत दे सकता है। इसलिए धीरे-धीरे पानी पीने से शरीर को ऑक्सीजन सप्लाई बेहतर तरीके से मिलती है। इससे हार्ट बीट स्टेबल रहता और ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है।
पानी पीने का सही तरीका
डॉ. स्वप्निल ने सही तरीके से पानी पीने के टिप्स दिए हैं ताकि शरीर को सभी न्यूट्रिशन मिल सके।
- पानी बैठकर पीने से पेट और किडनी पर समान रूप से प्रेशर पड़ता है।
- पानी पीते समय हर सिप को कुछ सेकंड तक मुंह में रखें ताकि लार पानी के साथ मिले और डाइजेशन बेहतर होता है।
- सुबह उठते ही गुनगुना पानी पीने से शरीर के टॉक्सिन्स निकालने और मेटाबॉलिज्म बढ़ाने में मदद करता है।
- खाना खाने से आधा घंटा पहले या बाद में पानी पीना डाइजेशन के लिए बेहतर माना जाता है।
- गर्मी में या फिर पसीना आने के बाद एकदम ठंडा पानी शरीर की मांसपेशियों में दर्द और जकड़न हो सकती है।
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आयुर्वेदिक में पानी पीने का तरीका
आयुर्वेद में पानी पीने को एक संस्कार माना जाता है। आयुर्वेद में कहा जाता है कि पानी धीरे-धीरे और शरीर की जरूरत के अनुसार ही पीना चाहिए। यह शरीर में एक नेचुरल कूलिंग सिस्टम की तरह काम करता है। इसलिए आयुर्वेद भी पानी पीने के तरीके में कहा गया है कि आराम से बैठकर धीरे-धीरे पानी पीना चाहिए ताकि शरीर के हर अंग को सही तरीके से पोषण मिल सके।
निष्कर्ष
ऊपर से गटककर या खड़े होकर पानी पीना शरीर के लिए अच्छा नहीं माना जाता और इससे डाइजेशन, किडनी पर प्रेशर और जोड़ों में दर्द की समस्या हो सकता है। आयुर्वेद और विज्ञान दोनों ही पानी पीने का एक ही तरीका मानते हैं। जल्दबाजी में पानी पीना विज्ञान और आयुर्वेद दोनों में अच्छा नहीं माना जाता। इसलिए सभी को पानी शांति से और धीरे-धीरे पीना चाहिए।
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Oct 24, 2025 07:03 IST
Published By : Aneesh Rawat