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क्या रोज चावल का पानी पीना अच्छा है? आयुर्वेदाचार्य से जानें

रोज चावल का पानी पीना सेहत और पाचन के लिए कितना फायदेमंद है? जानें इसके हेल्थ बेनिफिट्स, सही तरीका और कब नहीं पीना चाहिए।
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क्या रोज चावल का पानी पीना अच्छा है? आयुर्वेदाचार्य से जानें

भारत में चावल केवल भोजन का हिस्सा नहीं है, बल्कि हमारी परंपरा और संस्कृति से भी जुड़ा हुआ है। खासकर गांवों में चावल पकाने के बाद निकलने वाला माड़ यानी चावल का पानी पीने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। इसे न सिर्फ एक आसान घरेलू नुस्खा माना जाता है बल्कि आयुर्वेद में इसे कई बीमारियों का उपचार भी बताया गया है। यही वजह है कि आज भी कई परिवार इसे अपने खानपान में शामिल करते हैं। बच्चों में कुपोषण, बुजुर्गों में कमजोरी और बार-बार बीमार पड़ने वाले लोगों के लिए यह एक नेचुरल टॉनिक (roj chawal ka pani peene se kya hota hai) की तरह काम करता है। यही कारण है कि लंबे समय से बीमार चल रहे रोगियों को भी यह हल्का और पौष्टिक आहार के रूप में दिया जाता है। इस लेख में रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से जानिए, क्या रोज चावल का पानी पीना अच्छा है?


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क्या रोज चावल का पानी पीना अच्छा है? - What Happens If We Drink Rice Water Daily

आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा के अनुसार, ''जो बच्चे कुपोषित होते हैं, जिन्हें भोजन पचाने में समस्या रहती है या बार-बार बीमार पड़ते हैं, उनके लिए रोजाना चावल का पानी फायदेमंद माना गया है।'' हालांकि, हर चीज की तरह इसका सेवन भी समझदारी से करना जरूरी है। ऐसा इसलिए क्योंकि आयुर्वेद के अनुसार इसकी तासीर ठंडी होती है और यह कफ को बढ़ाता है। आइए विस्तार से जानते हैं कि अगर आप रोजाना चावल का पानी पीते हैं तो आपके शरीर पर इसका क्या असर हो सकता है।

1. कुपोषण और कमजोरी में लाभकारी

आयुर्वेद में कहा गया है कि चावल का पानी शरीर को तुरंत एनर्जी देने वाला पेय है, जो कमजोर और कुपोषित बच्चों के लिए लाभकारी होता है। जिन बच्चों का वजन कम होता है या जिन्हें भूख कम लगती है, उनके लिए नियमित रूप से चावल का पानी देना पाचन में सुधार करता है और धीरे-धीरे ताकत भी बढ़ाता है। इसी तरह जो बड़े लोग लंबे समय से बीमार हैं और खाना नहीं पचा पाते, उनके लिए भी यह हल्का और पौष्टिक आहार साबित होता है।

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2. पाचन शक्ति को मजबूत करे

डॉ. श्रेय शर्मा बताते हैं कि चावल के पानी को आयुर्वेद में "ग्राही" गुण वाला माना गया है, यानी यह मल को बांधने का काम करता है। जिन लोगों को दस्त या बार-बार ढीला पेट होने की समस्या रहती है, उनके लिए यह फायदेमंद होता है। यह आंतों को मजबूत करता है और पाचन को सुधारने में मदद करता है। वहीं जिन लोगों की अग्नि मंद यानी पाचन अग्नि कमजोर होती है, उन्हें भी चावल का पानी धीरे-धीरे ताकतवर बनाता है।

3. इम्यूनिटी बढ़ाने में मददगार

आयुर्वेद के अनुसार, चावल का पानी सिर्फ एनर्जी ही नहीं देता बल्कि रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी को भी बेहतर बनाता है। यह शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाता है और खासकर बच्चों और बुजुर्गों में बार-बार होने वाले इंफेक्शन से बचाव करता है। इसमें मौजूद पोषक तत्व शरीर को धीरे-धीरे मजबूत बनाते हैं और लंबे समय में सेहत सुधारने में मदद करते हैं।

4. स्किन रोगों में फायदेमंद

आयुर्वेद में चावल का पानी स्किन के लिए भी लाभकारी माना गया है। यह शरीर की गर्मी को शांत करता है और स्किन डिजीज जैसे खुजली, लाल दाने, जलन या एक्जिमा जैसी समस्याओं में राहत पहुंचा सकता है। इसकी ठंडी तासीर शरीर में जलन और पित्त दोष को शांत करने में सहायक होती है। यही कारण है कि पुराने समय में लोग इसे न सिर्फ पीते थे बल्कि कई बार बाहरी तौर पर त्वचा पर भी लगाते थे।

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5. शरीर को ठंडक देता है

चावल का पानी तासीर में ठंडा होता है, इसलिए यह गर्मियों के मौसम में शरीर को ठंडक प्रदान करता है। धूप या लू लगने से होने वाली थकान और डिहाइड्रेशन की स्थिति में भी यह राहत पहुंचाता है। यही कारण है कि ग्रामीण भारत में लोग अक्सर इसे गर्मियों में नियमित रूप से पीते हैं।

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सेवन का सही तरीका

चावल का पानी बनाने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि सफेद या मोटे चावल को हल्का उबालकर उसका पानी निकाल लें। इसमें नमक या मसाला डालने की बजाय सादा ही पीना बेहतर होता है। कुछ लोग इसे ठंडा करके पीते हैं तो कुछ हल्का गुनगुना। आयुर्वेद के अनुसार, सुबह या दिन में इसका सेवन करना ज्यादा फायदेमंद है। रात में ठंडी तासीर वाली चीजें लेने से कफ बढ़ सकता है, इसलिए रात को इसे लेने से बचना चाहिए।

कितनी मात्रा में पिएं?

रोजाना एक गिलास चावल का पानी पर्याप्त होता है। इससे अधिक सेवन करने से पाचन पर अतिरिक्त दबाव पड़ सकता है और कफ संबंधी समस्या हो सकती है। बच्चों को भी यह दिन में एक या दो बार ही देना चाहिए।

निष्कर्ष

चावल का पानी आयुर्वेद में एनर्जी, पाचन और इम्यूनिटी को बढ़ाने वाला माना गया है। यह खासकर कमजोर, कुपोषित और बीमार लोगों के लिए फायदेमंद है। इसकी ठंडी तासीर गर्मियों में राहत देती है और स्किन डिजीज में भी उपयोगी साबित होती है। हालांकि, यह कफ बढ़ाने वाला है इसलिए जिन लोगों को एलर्जी या अस्थमा जैसी समस्या है, उन्हें इसका सेवन सोच-समझकर करना चाहिए।

All Images Credit- Freepik

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  • Dec 02, 2025 16:06 IST

    Published By : Akanksha Tiwari

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