Does Chlamydia Cause Erectile Dysfunction In Hindi: क्लैमाइडिया एक तरह का सेक्सुअल ट्रांसमिटेड इंफेक्शन है। हालांकि, यह ठीक हो सकता है। लेकिन, इसकी गंभीरता की अनदेखी नहीं की जानी चाहिए। जब कोई व्यक्ति क्लैमाइडिया संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संबंध बनाता है, तो उसे भी यह बीमारी होने का जोखिम बना रहता है। आपको बता दें कि यह बीमारी पुरुष और महिला दोनों को हो सकती है। क्लैमाइडिया होने पर कई तरह की सीरियस हेल्थ इश्यूज हो सकते हैं, जैसे गुप्तांग से स्राव, पेशाब करने के दौरान दर्द होना और पेट के निचले हिस्से में दर्द होना। तो क्या पुरुषों में क्लैमाइडिया के कारण इरेक्टाइल डिसफंक्शन भी हो सकता है? जानें, इस बारे में मेडिकवर हॉस्पिटल के यूरोलॉजिस्ट और एंड्रोलॉजिस्ट डॉ. विजय दहिफले का क्या कहना है।
क्या क्लैमाइडिया इरेक्टाइल डिसफंक्शन का कारण बन सकता है?- Can Chlamydia Cause Erectile Dysfunction In Men In Hindi
जैसा कि हमने ही पहले ही बताया है कि यह क्लैमाइडिया गंभीर संक्रमण है। अगर लंबे समय तक इसका इलाज न किया जाए, तो शरीर के कई हिस्सों पर इसका नेगेटिव असर पड़ सकता है। जहां तक सवाल इस बात का है कि क्या क्लैमाइडिया के कारण इरेक्टाइल डिसफंक्शन हो सकता है? इस बारे में डॉक्टर का कहना है, "अगर क्लैमाइडिया का समय पर इलाज न किया जाए, तो इरेक्टाइल डिसफंक्शन होने का जोखिम रहता है। दरअसल, क्लैमाइडिया के कारण प्रोस्टेट संक्रमण हो सकता है, जिससे अप्रत्यक्ष रूप से इरेक्टाइल डिसफंक्शन (ईडी) में योगदान दे सकता है। ऐसे में सूजन बढ़ जाती है और पेनिस में ब्लड फ्लो प्रभावित हो सकता है।" कुल मिलाकर, आप कह सकते हैं कि क्लैमाइडिया अप्रत्यक्ष रूप से इरेक्टाइल इंफेक्शन में योगदान दे सकता है।
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पुरुषों के लिए क्लैमाइडिया का इलाज
क्लैमाइडिया का इलाज करने के लिए एंटीबायोटिक का यूज किया जाता है। मरीज को करीब एक सप्ताह या इससे ज्यादा समय तक दवाईयां लेनी पड़ सकती हैं। क्लैमाइडिया के मरीजों को डॉक्टर सलाह देते हैं कि वे ट्रीटमेंट के दौरान कुछ दिनों के लिए यौन संबंध या किसी भी तरह की सेक्सुअल एक्टिविटी से दूर रहें। क्लैमाइडिया के ट्रीटमेंट के बाद भी व्यक्ति सुरक्षित यौन संबंध बनाने पर ध्यान देना चाहिए।
क्लैमाइडिया से कैसे बरें बचाव
क्लैमाइडिया से बचाव के लिए यहां बताए गए कुछ टिप्स अपनाएं, जैसे-
- किसी भी तरह के यौन संबंध बनाने के दौरान कंडोम का उपयोग करना न भूलें।
- एक से अधिक पार्टनर के साथ शारीरिक संबंध बनाना असुरक्षित होता है, इसका ध्यान रखें।
- समय-समय पर एसटीआई का स्क्रीनिंग टेस्ट करवाते रहें।
- अपने पार्टनर को भी समय-समय पर स्क्रीनिंग टेस्ट करवाने की सलाह दें।