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गर्भवती महिला को सीधे क्यों नहीं सोना चाहिए? डॉक्टर से जानें इस तरह सोने के नुकसान

प्रेग्नेंसी में महिलाओं को सोने में दिक्कत होती है खासकर कि तीसरी तिमाही में जब बच्चे का आकार बढ़ता जाता है और इससे पेट बढ़ जाता है। ऐसे में सीधे सोना नुकसानदेह हो सकता है।
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गर्भवती महिला को सीधे क्यों नहीं सोना चाहिए? डॉक्टर से जानें इस तरह सोने के नुकसान


प्रेग्नेंसी का फेज किसी भी महिला के लिए आसान नहीं होता। इस दौरान महिलाओं का शरीर हर दिन बदल रहा होता है और इसकी वजह से उन्हें कई सारी समस्याओं का सामना करना पड़ जाता है। जैसे कि उठने-बैठने में दिक्कत, चलने-फिरने में दिक्कत और फिर सोने या लेटने में दिक्कत। आज हम बात प्रेग्नेंसी में सोने के सही तरीके की करेंगे और जानेंगे कि अगर आप सीधा सोती हैं तो इससे बच्चे की सेहत पर कैसे असर पड़ता है। दरअसल, प्रेग्नेंसी में सोने का तरीका सही होना बेहद जरूरी है नहीं तो इससे बच्चे की सेहत पर भी असर हो सकता है। जैसे कि उनके शरीर का ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित हो सकता है, मां की रीढ़ की हड्डी पर प्रेशर पड़ सकता है और बहुत कुछ। तो इसलिए आज हम Dr. N Sapna Lulla, Lead Consultant - Obstetrics & Gynaecology, Aster CMI Hospital, Bangalore से जानेंगे कि गर्भवती महिला को सीधा क्यों नहीं सोना चाहिए? अगर सीधा सोते हैं तो इससे आपको कुछ नुकसान हो सकता है, जानते हैं विस्तार से।

गर्भवती महिला को सीधे क्यों नहीं सोना चाहिए?

Dr. N Sapna Lulla, बताती हैं कि डॉक्टर आमतौर पर गर्भवती महिलाओं को पीठ के बल सीधा न सोने की सलाह देते हैं, खासकर बाद के महीनों में। जब महिला पेट के बल लेटती है, तो बढ़ता हुआ गर्भाशय उस मुख्य रक्त वाहिका पर दबाव डालता है जो रक्त को हृदय तक वापस ले जाती है। इससे शिशु तक रक्त का प्रवाह कम हो सकता है और इससे उनकी ग्रोथ और सेहत प्रभावित हो सकती है। इसके अलावा सीधा सोने से मां को भी दिक्कत हो सकती है। ब्लड फ्लो प्रभावित होने की वजह से मां को चक्करआ सकते हैं, उनकी सांस फूल सकती है या फिर उन्हें असहजता महसूस हो सकती है।

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प्रेग्नेंसी में सीधा सोने के नुकसान

इन तमाम चीजों के अलावा प्रेग्नेंसी में सीधा सोने के कई अन्य नुकसान भी हैं (Pregnancy me sidha sone ke nuksan) जैसे कि उनके ब्लड वेसेल्स का काम काज प्रभावित हो सकता है, फेफड़ों से जुड़ी समस्या महसूस हो सकती है और कुछ नहीं तो आपका डाइजेशन पूरी तरह से प्रभावित हो सकता है। इस कारण गर्भवती महिलाएं शरीर में कई प्रकार के लक्षण महसूस कर सकती हैं जैसे कि

-सीधे सोने से पीठ दर्द

-पैरों में सूजन

-पाचन संबंधी समस्याएं जैसे गैस, उल्टी और मतली।

-कुछ महिलाओं को पेट के बल लेटने पर खर्राटे या नींद में खलल पड़ सकता है। इस वजह से वह थकी हुई और बीमार महसूस कर सकती हैं।

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प्रेग्नेंसी में सोने का सही तरीका क्या है?

डॉ. सपना बताती हैं कि डॉक्टर अक्सर बाईं करवट (left side) सोने की सलाह देते हैं क्योंकि इससे रक्त संचार बेहतर होता है और शिशु को अधिक ऑक्सीजन और पोषक तत्व प्राप्त करने में मदद मिलती है। इससे लिवर और किडनी पर दबाव भी कम होता है, जिससे शरीर अपशिष्ट और तरल पदार्थों को बेहतर तरीके से बाहर निकाल पाता है। यह स्थिति पैरों और टखनों की सूजन को कम कर सकती है।

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प्रेग्नेंसी में बाईं करवट सोने के फायदे

प्रेग्नेंसी में बाईं करवट सोने के कई फायदे होते हैं जैसे कि सबसे पहले तो ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है जिससे प्लेसेंटा और पेट में पल रहे बच्चों को पूरी तरह पोषण मिलता है। इसके अलावा रीढ़ की हड्डी दाईं और होती है तो जब आप बाईं करवट सोती हैं प्रेशर नहीं पड़ता और मां को कमर दर्द और नींद से जुड़ी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता।

हालांकि, थोड़े समय के लिए सीधा लेटने से गंभीर नुकसान नहीं हो सकता है, लेकिन इसे आदत बनाने से जोखिम बढ़ सकते हैं। गर्भवती महिलाओं को करवट लेकर आराम से सोने के लिए अपनी पीठ, पेट और घुटनों के बीच तकिये का सहारा लेना चाहिए। रात में करवट बदलना भी ठीक है, लेकिन पीठ के बल लेटने की तुलना में करवट लेकर सोना ज्यादा सुरक्षित है।

FAQ

  • क्या बाईं करवट लेटने से बच्चे की पोजीशन में मदद मिलती है?

    बाईं करवट सोने से बच्चे की पोजीशन में मदद मिलती है क्योंकि आपका ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है, पाचन में सुधार और सीने में जलन को कम करने में मदद कर सकता है।. 
  • सोते समय कौन सी करवट लेकर सोना चाहिए?

    सोते समय बाईं करवट सोना को पाचन बेहतर बनाता है और एसिड रिफ्लक्स के लक्षणों को कम कर सकता है। इससे आपकी नींद की गुणवत्ता में भी सुधार आता है।
  • स्लीप ऑन योर साइड क्या है?

    प्रेग्नेंसी में इस बात पर बहुत जोर दिया जाता है कि आप अपनी करवट लेकर सोएं जिसमें आप सहज हों और इस थ्योरी को स्लीप ऑन योर साइड कहते हैं। 

 

 

 

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