
छोटी-छोटी बातों को भूलना, याददाश्त में कमी, कंसंट्रेशन में कमी, यह कुछ ऐसी स्थितियां हैं जो बढ़ती उम्र के साथ अक्सर लोगों में दिखाई देती हैं। असल में हम ही बूढ़े नहीं हो रहे होते हमारे अंग भी बूढ़े हो रहे होते हैं। कई बार हमारी लाइफस्टाइल या हमारी सेहत में चल रही किसी स्थिति के कारण भी ऐसा हो सकता है। जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती जाती है यह समस्या और अधिक बढ़ती जाती है। ये सारे याददाश्त कमजोर होने के लक्षण काफी कुछ डिमेंशिया से मिलते जुलते हैं।
आर्टमिस हॉस्पिटल के अग्रिम इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरो साइंसेस में न्यूरोसर्जरी विभाग के चीफ डॉक्टर सुमित सिंह का कहना है कि डिमेंशिया कोई खास बीमारी नहीं होती है, बल्कि इस टर्म को मानसिक स्थिति की कुछ समस्याओं को दर्शाने के लिए प्रयोग किया जाता है। जैसे कि ये दो ब्रेन फंक्शन को बताती है याददाश्त भूलना और जजमेंट। अल्जाइमर, वैस्कुअलर डिमेंशिया, पार्किनसन आदि सभी डिमेंशिया के ही प्रकारों में आते है । इसके कुछ अन्य लक्षणों में चीजों को भूलना, सोशल स्किल्स का कमजोर होना आदि शामिल होता है। इनमें से कुछ समस्याएं बूढ़ी उम्र होने के साथ आम हो जाती हैं। लेकिन इसका अर्थ यह नहीं होता है कि आपको डिमेंशिया ही है। आइए जानते हैं कुछ ऐसे अंतर जो आपको डिमेंशिया और याददाश्त कमजोर होने में अंतर बताने में मदद करेंगे।

1. घर जाने का रास्ता भूल जाना
घर का रास्ता भूल जाना याददाश्त कमजोर होने का नहीं, बल्कि डिमेंशिया का ही संकेत है। किसी व्यक्ति की याददाश्त कितनी भी कमजोर हो, लेकिन वो उस रास्ते को नहीं भूल सकता है, जिस पर वो लंबे समय से चल रहा हो, जैसे- घर, पड़ोस, परिचित आदि का पता। लेकिन अगर कोई व्यक्ति घर का रास्ता भूल रहा है, तो उसे मस्तिष्क संबंधी बीमारी डिमेंशिया ही है। अक्सर ऐसे मरीज अपने घर का रास्ता याद कर पाने में बहुत कठिनाई महसूस करते हैं। डिमेंशिया के मरीज अगर आस पास के किसी पार्क में भी जा रहे हैं तो भी घर का रास्ता भूल सकते हैं।
इसे भी पढ़ें: जवानी की इन 12 गलतियों के कारण बुढ़ापे में होता है डिमेंशिया रोग, ये 8 आदतें बदलकर 40% तक घटा सकते हैं खतरा
2. हिसाब करने में गलतियां करना
जोड़, घटाना, गुणा, भाग कुछ ऐसी मानसिक क्षमताएं हैं, जो व्यक्ति धीरे-धीरे शिक्षा के माध्यम से सीखता है और जीवनपर्यंत इनका प्रयोग करता है। इसलिए अगर जोड़-घटाना जैसी क्रियाएं भूल जाना या अक्सर इनमें गलतियां हो जाना सामान्य याददाश्त कमजोर होने का नहीं, बल्कि डिमेंशिया का ही संकेत है। जिन लोगों को डिमेंशिया होता है वह नंबर के खेल में हार जाते हैं और किसी चीज को गिनने व उसे याद रखने में दिक्कत महसूस करते हैं। डिमेंशिया के मरीज किसी पजल को सॉल्व नहीं कर पाते हैं। न ही वह बड़ी बड़ी गणना कर पाते हैं। महीने के बिल याद रखने में भी डिमेंशिया के मरीजों को दिक्कत महसूस होती है।
3. छोटी छोटी चीजों के बारे में भूलना
उम्र अधिक होने पर भूलना एक आम लक्षण होता है। कई बार यह पोषण की कमी के कारण भी हो जाता है। कई बार अर्ध उम्र में भी लोग स्ट्रेस और काम के अधिक प्रेशर के कारण चीजों को भूलना शुरू कर देते हैं। लेकिन बाद में उन्हें वह चीजें याद भी आ जाती हैं। ये सामान्य कारणों से भी हो सकता है, इसलिए इसे डिमेंशिया मानना ठीक नहीं है। हां कई बार ये लक्षण भविष्य में डिमेंशिया होने का संकेत जरूर दतेे हैं। लेकिन डिमेंशिया से बचाव के लिए कुछ उपायों को अपनाया जा सकता है।
4. शब्द, टॉपिक या बातें भूल जाना
कई बार तो आप बात करने का टॉपिक ही भूल जाते है। डिमेंशिया का ये भी एक मुख्य लक्षण होता है कि मरीज बातें करते समय बहुत बात जो शब्द बोलने होते हैं उन्हें भूल जाते हैं और बातें अधूरी छोड़ देते हैं। यह उन्हें बहुत बार महसूस होता है। बात को याद करने में भी काफी समय लग जाता है । हां अगर आप कभी-कभार कोई शब्द भूल जाते हैं तो यह नॉर्मल है।
इसे भी पढ़ें: अल्जाइमर और डिमेंशिया का खतरा कम करने के लिए आपको अपनाने चाहिए ये 5 टिप्स
5. आज कौन सा दिन है यह याद न रख पाना
यह वैसे तो हम सब के साथ ही होता है। हम कुछ समय के लिए एकदम से ब्लैंक हो जाते हैं और कुछ सेकंड बाद हमें याद आता है कि आज कौन सी तारीख और दिन है। यह हमारे साथ कभी कभार होता है। लेकिन डिमेंशिया के मरीजों के साथ यह बहुत बार होता है और वह कैलेंडर देखे बिना दिन का पता नहीं कर पाते हैं।
इनमें से कुछ लक्षण ऐसे हैं जो उम्र बढ़ने के साथ साथ या कम उम्र में भी हम सब को ही देखने पड़ते हैं। लेकिन ऐसा केस कभी कभी ही सामने आता है। वह आसानी से चीजें याद कर लेते हैं। जबकि डिमेंशिया के केस में काफी समय तक चीजें याद ही नहीं हो पाती हैं।
Read More Articles on Miscellaneous in Hindi
Read Next
ये 5 लक्षण बताते हैं आप ठीक से नहीं पचा पा रहे हैं फैट (वसा), डॉक्टर से जानें क्या है फैट इनडाइजेशन
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version