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कम उम्र में भी हो सकता है डिमेंशिया, डॉक्टर से जानें इसके लक्षण, कारण और इलाज

डिमेंशिया की समस्या कम उम्र के लोगों को भी हो सकती है। आगे जानते हैं इस समस्या के कारण और लक्षण   
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कम उम्र में भी हो सकता है डिमेंशिया, डॉक्टर से जानें इसके लक्षण, कारण और इलाज

उम्र बढ़ने के साथ ही लोगों को कई तरह की समस्या हो सकती है। बढ़ती उम्र में लोग अक्सर चीजें भूलने लगते हैं। इसे डिमेंशिया कहा जाता है। इसमें व्यक्ति सोचने और किसी बात को समझने में परेशानी होती है। कुछ लोगों में यह समस्या इतनी गंभीर हो जाती है कि उनको दूसरों पर डिपेंड होना पड़ता है। आज के दौर में कुछ युवाओं में भी डिमेंशिया के लक्षण देखने को मिल रहे हैं। हालांकि, युवाओं में डिमेंशिया एक दुर्लभ समस्या मानी जाती है। लेकिन, कुछ मामलों में यह युवाओं को भी प्रभावित कर सकती हैं। आगे क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट प्रेरणा कोहली से जानते हैं कि डिमेंशिया होने के पीछे क्या कारण होते हैं। साथ ही, यह भी समझेंगे कि क्या यह समस्या युवाओं को भी हो सकती है। 

कम उम्र में डिमेंशिया होने के लक्षण - Symptoms Of Dementia At Younger Age In Hindi 

आजकल के समय में डिमेंशिया कम उम्र में भी लोगों को प्रभावित कर सकती है। युवाओं में चीजों को भूलने की समस्या देखने को मिल रही है। डॉक्टर के अनुसार युवाओं की लाइफस्टाइल में होने वाले बदलाव और न्यूरोलॉजिकल समस्या डिमेंशिया का कारण बन सकता है। आगे जानते हैं इस दौरान महसूस होने वाले लक्षण क्या हो सकते हैं। 

  • युवाओं का समाज से दूरी बनाना। 
  • व्यवहार में बदल होना।  
  • लोगों के साथ बात करने में परेशानी होना। 
  • किसी सही निर्णय पर ना पहुंचाना। 
  • छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा होना। 

dementia in young adults in hindi

कम उम्र में डिमेंशिया का इलाज कैसे किया जा सकता है - Treatment Of Demetia At Younger Age In Hindi 

डिमेंशिया का कोई सटिक इलाज उपलब्ध नहीं है। हालांकि, कई थेरेपी की मदद से इस स्थिति को कम करने की कोशिश की जा सकती है। साथ ही, डॉक्टर कुछ दवाएं दे सकते हैं। 

  • व्यहार संबंधी इलाज (बिहेवियरल ट्रीटमेंट): इसमें मरीज व उसकी देखभाल करने के वाले व्यक्ति को किसी मुश्किल स्थिति को समझनें और उसको मैनेज करने के तरीके को बताया जाता है। 
  • दवाएंः डिमेंशिया के कई प्रकार होते हैं। न्यूरोलॉजिकल समस्याओं को दूर करने के लिए डॉक्टर दवाएं दे सकते हैं। 
  • सपोर्टिव केयरः डिमेंशिया के मरीज को सपोर्टिव केयर की जरूरत होती है। ऐसे में डॉक्टर इसके किसी स्टाफ को मरीज की केयर के लिए असाइन कर सकते हैं।
  • लाइफस्टाइल में बदलाव: युवाओं इस स्थिति में लाइफस्टाइल में बदलाव की सलाह दी जाती है। डॉक्टर इस स्थिति में रेगूलर एक्सरसाइज, लोगों से मिलने और हेल्दी डाइट लेने की सलाह दे सकते हैं। 

इसे भी पढ़ें : डिमेंशिया कितने प्रकार के होते हैं? डॉक्टर से जानें

डिमेंशिया मस्तिष्क संबंधी रोग है। इसके लक्षण दवाओं के द्वारा कम किए जा सकते हैं। इस समस्या को अनदेखा नहीं करना चाहिए। यह रोग आगे चलकर बड़ी समस्या का कारण बन सकती है। इस दौरान परिवार के लोगों के मरीज की मदद करनी चाहिए।   

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