सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के अनुसार अल्जाइमर रोग युवाओं में मौत का 6वां सबसे बड़ा और बूढ़ों में मौत का पांचवा सबसे बड़ा कारण है। अल्जाइमर मस्तिष्क से संबंधित बीमारी है, जिसके कारण व्यक्ति की याददाश्त, सोचने-समझने की क्षमता और सीखने की क्षमता कमजोर होने लगती है या खो जाती है। आमतौर पर माना जाता है कि अल्जाइमर रोग का खतरा 65 साल की उम्र से बड़े लोगों को ज्यादा होता है, मगर आजकल युवा लोग भी बड़ी संख्या में इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। अल्जाइमर और डिमेंशिया जैसी बीमारियों के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से ही हर साल 21 सितंबर को विश्व अल्जाइमर दिवस (World Alzheimer's Day) मनाया जाता है। आज वर्ल्ड अल्जाइमर डे के मौके पर हम आपको बता रहे हैं अल्जाइमर और डिमेंशिया से बचने के लिए आपको अपनी लाइफस्टाइल में किन बातों को शामिल करना चाहिए।
एक्सपर्ट्स इस बारे में लगातार रिसर्च कर रहे हैं कि अल्जाइमर रोग होने का वास्तविक कारण क्या है। अब तक कारणों का सही पता तो नहीं लग सका है लेकिन यह जरूर पता लगाया जा सका है कि कुछ रिस्क फैक्टर्स को कम करके अल्जाइमर के खतरे को कम किया जा सकता है। इसी आधार पर वैज्ञानिक अल्जाइमर से बचने के लिए 5 टिप्स बताते हैं।
डाइट सही रखें
रिसर्च में पाया गया है कि प्लांट बेस्ड डाइट (शाकाहारी भोजन) डिमेंशिया और अल्जाइमर के खतरे को कम करते हैं। इसलिए आपको अपने खाने में ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियां, बेरीज, साबुत अनाज, बीन्स, नट्स और ऑलिव ऑयल आदि को शामिल करना चाहिए। इन फूड्स में खास एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं और एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण होते हैं, जिसके कारण ये ब्रेन सेल्स को डैमेज होने से बचाते हैं और मस्तिष्क लंबे समय तक स्वस्थ रहता है।
इसे भी पढ़ें: जवानी की इन 12 गलतियों के कारण बुढ़ापे में होता है डिमेंशिया रोग, ये 8 आदतें बदलकर 40% तक घटा सकते हैं खतरा
टॉप स्टोरीज़
डिप्रेशन और अकेलेपन से बचें
बहुत सारे अध्ययनों में इस बात का खुलासा हुआ है कि सोशल आइसोलेशन (सामाजिक अकेलापन) और डिप्रेशन आदि समस्याएं व्यक्ति की बौद्धिक क्षमताओं को घटाती जाती हैं। लंबे समय तक ये परिस्थितियां डिमेंशिया और अल्जाइमर का कारण बन सकती हैं। इसलिए आपको इन चीजों से बचना चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि आप अपने काम पर फोकस रखते हुए अपने परिवार, दोस्तों और परिचितों के संपर्क में रहें, उनसे बातचीत करें और रिश्ता बनाए रखें।
धूम्रपान की लत छोड़ें
अल्जाइमर और डिमेंशिया के सबसे बड़े कारणों में से एक स्मोकिंग यानी धूम्रपान भी है। धूम्रपान से अन्य कई गंभीर बीमारियां जैसे- हार्ट अटैक, स्ट्रोक, फेफड़े का कैंसर, मुंह का कैंसर आदि होने का भी खतरा रहता है। इसलिए आप अगर धूम्रपान करते हैं, तो आपको ये लत अभी से ही पूरी तरह छोड़ देनी चाहिए।
रोज थोड़ी एक्सरसाइज करें
रोजाना थोड़ी एक्सरसाइज करना आपके पूरे शरीर की सेहत के लिए फायदेमंद है, जिसमें मस्तिष्क भी शामिल है। आप शुरुआती दिनों में वॉकिंग (पैदल चलना), योग और स्विमिंग (तैराकी) कर सकते हैं। जैसे-जैसे अभ्यास बढ़ता जाए आप कार्डियो और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग कर सकते हैं। ये एक्सरसाइज आपके मस्तिष्क के हिस्से में ब्लड फ्लो को बेहतर रखती हैं, जिससे अल्जाइमर और डिमेंशिया का खतरा कम रहता है।
इसे भी पढ़ें: सही डाइट से रोका जा सकता है अल्जाइमर रोग का खतरा, न्यूट्रीशनिस्ट से जानें क्या खाएं और क्या नहीं
अच्छी नींद लें
तमाम रिसर्च बताती हैं कि नींद का आपकी मानसिक क्षमताओं पर बहुत गहरा असर पड़ता है। इसलिए अगर आप हर दिन अच्छी और गहरी नींद लेते हैं, तो ये आपको अल्जाइमर और दूसरी कई बीमारियों से बचाता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार कम नींद लेने से बौद्धिक क्षमता कम होने लगती है और मस्तिष्क सिकुड़ने लगता है, जिससे याददाश्त कम होने और मानसिक क्षमताएं कम होने की समस्या शुरू हो जाती है। इसलिए आपको हर दिन पर्याप्त नींद लेनी चाहिए। रिसर्च के अनुसार एक वयस्क को एक दिन में कम से कम 7 से 9 घंटे की नींद लेना बहुत जरूरी है।
इन टिप्स को अपनाकर आप डिमेंशिया और अल्जाइमर जैसी गंभीर बीमारियों के खतरे को बहुत हद तक कम कर सकते हैं। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि आपके सिर में कोई चोट न लगे, क्योंकि सिर की चोट भी कई बार ऐसी बीमारियों का कारण बन सकती है।
Read More Articles on Other Diseases in Hindi