दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में सिर्फ 6 सीटी स्कैन मशीन, हाई कोर्ट ने केजरीवाल सरकार को लगाई फटकार

दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को राजधानी में अस्पतालों में सुविधाएं कम होने को लेकर नाराजगी जाहिर की है। अस्पतालों में सिटी स्कैन की मशीनों की भी कमी है। 
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दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में सिर्फ 6 सीटी स्कैन मशीन, हाई कोर्ट ने केजरीवाल सरकार को लगाई फटकार


दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को राजधानी में अस्पतालों में सुविधाएं कम होने को लेकर नाराजगी जाहिर की है। अस्पतालों में इलाज के लिए टेक्निकल मशीन्स की कमी होने की बात कही जा रही है। यही नहीं सरकारी अस्पतालों में कई पद खाली हैं, जिनपर भर्ती नहीं होने को लेकर भी हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाई है। सुविधाओं की कमी होने के कारण लोगों को पर्याप्त इलाज नहीं मिल पा रहा है। चलिए विस्तार से जानते हैं इसके बारे में। 

अस्पतालों में केवल 6 सिटी स्कैन मशीन 

दिल्ली के 39 सरकारी अस्पतालों में केवल 6 सिटी स्कैन मशीनें हैं। हाई कोर्ट का कहना है कि राजधानी में 3 करोड़ की आबादी होने के बाद भी अस्पतालों में केवल 6 सिटी स्कैन मशीनें ही उपलब्ध हैं, जो काफी कम हैं। कोर्ट ने कहा कि स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के बुनियादी ढांचे को कई गुना बेहतर बनाने की जरूरत है। इसे रातों रात नहीं किया जा सकता है। पीठ द्वारा सरकार को स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर पर्याप्त ध्यान नहीं देने के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। 

डॉक्टर और दवाओं की कमी 

मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत पीएस अरोड़ा की पीठ के मुताबिक राजधानी के स्वास्थ्य मंत्री ने दिल्ली की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर एक रिपोर्ट दी है, जिसमें यह स्पष्ट है कि दिल्ली के अस्पतालों में डॉक्टरों, दवाओं और पैरामेडिक्स के साथ ही साथ अन्य भी कई कमियां हैं। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव को दिल्ली के अस्पतालों की व्यवस्थाओं के बुनियादी ढ़ांचे को ठीक करने की एक रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट ने सरकार से 9 फरवरी तक रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा है। 

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इलाज के अभाव पर भी मांगी रिपोर्ट 

हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार के अस्पतालों में हो रही असुविधाओं के कारण होने वाली मौतों पर भी रिपोर्ट मांगी है। दरअसल, अस्पतालों में वेंटिलेटर और आईसीयू बेड्स की कमी के कारण भी कई लोगों की जान जाने को लेकर कोर्ट ने सफाई देने के लिए कहा है।  

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