कई सरकारी अस्पतालों की कैंटीन में अनहेल्दी या फिर दूषित खाना बांटा जाता है, जो मरीजों को और बीमार बनाता है। इससे मरीजों के साथ-साथ उन्हें मिलने आए लोगों की सेहत पर भी असर पड़ता है। हालांकि, कुछ अस्पतालों में साफ-सफाई का पूरी तरह से ध्यान रखा जाता है। इस समस्या को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सरकारी अस्पतालों और मेडिकल इंस्टीट्यूट्स में होने वाली कैंटीन में अनहेल्दी और जंक फूड नहीं बेचने की सलाह दी है। आइये विस्तार से जानते हैं इसके बारे में।
ताजा और हेल्दी खाना देने की दी सलाह
स्वास्थ्य मंंत्रालय द्वारा सरकारी कैंटीन में अनहेल्दी या फिर हाई फैट फूड्स को बंद करके ताजा खाना देने की सलाह दी है। डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ हेल्थ सर्विसेज (DGHS) अतुल गोयल द्वारा सरकारी अस्पतालों को एक लेटर जारी किया गया है, जिसमें हाई फैट फूड्स और अनहेल्दी ड्रिंक्स को बंद करने के साथ ही ज्यादा नमक और चीनी वाले आहारों पर भी रोक लगाने की सलाह दी गई है। इसके साथ ही प्रोसेस्ड और जंक फूड्स को ताजे फलों, सब्जियों, जूस, साबूत अनाज, बाजरा और ड्राई फ्रूट्स आदि से रिप्लेस करने की सलाह दी है।
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बढ़ती हैं बीमारियां
एक जनवरी को मेडिकल इंस्टीट्यूशन्स के डीन के पास भेजे गए इस पत्र में गोयल ने अनहेल्दी खान-पान, तंबाकु और शराब के कारण होने वाली बीमारियों का भी जिक्र किया है। उन्होंने कहा कि ऐसे छोटे-छोटे कदम उठाकर हम समाज को स्वस्थ और बीमारियों से सुरक्षित रख सकते हैं। पत्र के मुताबिक नॉन कम्यूनिकेबल बीमारियां होने से देश में 63 प्रतिशत मौतें हुई थीं। वहीं, 27 प्रतिशत मौतें कार्डियोवैस्कुलर डिजीज, 11 प्रतिशत सांस से जुड़ी समस्याओं और 11 प्रतिशत मौतें कैंसर के कारण हुई थी।
अनहेल्दी खाने से सेहत पर कैसे पड़ता है प्रभाव?
- अनहेल्दी खान-पान फॉलो करने से सेहत पर कई तरीकों से प्रभाव पड़ता है।
- अनहेल्दी आहार खाने से शरीर में वसा की मात्रा बढ़ती है, जिससे आप मोटापे का शिकार हो सकते हैं।
- खराब या दूषित खाने से कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ कमजोर होती है, इससे दिल की बीमारियां होने की आशंका बढ़ती है।
- लंबे समय तक जंक या फास्ट फूड खाने से कैंसर होने का भी खतरा बढ़ जाता है।