बारिश का मौसम, मिट्टी की खुशबू और प्लेट में नुक्कड़ वाले गुप्ता जी के दुकान के गर्मागर्म समोसे और जलेबी नाश्ते में मिल जाए, आह तो जिंदगी का मजा एक नहीं दो नहीं, बल्कि 10 गुणा हो जाए। समोसा और जलेबी का नाम सुनते ही मेरी तरह ही ज्यादातर लोगों के मुंह में पानी आ जाता है। लेकिन मुंह के पानी को रोकिए जनाब आपकी जुबां को ललचाने वाली समोसे और जलेबी को खाने से कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं। दरअसल, पिछले दिनों स्वास्थ मंत्रालय ने एक एडवाइडरी जारी की है। इसके तहत महाराष्ट्र के नागपुर स्थित सभी समोसा और जलेबी की दुकानों पर एक बोर्ड लगाया जाएगा, जिसमें ये लिखा होगा कि समोसा और जलेबी में कितनी कैलोरी और फैट की मात्रा है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आधिकारिक बयान में कहा गया है कि समोसे- जलेबी जैसे तेल, मसाले और चीनी से लबालब भरे हुए नाश्ते के कारण ही शरीर कई तरह की बीमारियों का शिकार हो रहा है। इसलिए सुक्षाव दिया गया कि जिस तरह तंबाकू और सिगरेट के पैकेट पर कैंसर जैसी बीमारी को लेकर चेतावनी जारी की जाती है। ठीक उसी तरह अब समोसा-जलेबी को लेकर भी चेतावनी देनी चाहिए। यही कारण है की नागपुर में सभी नाश्ते की दुकानों पर अब बोर्ड लगाया जाएगा, 'समझदारी से खाएं, आपका भविष्य आपको धन्यवाद देगा।'
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फूड लेबलिंग में आएगा नया मोड़
AIIMS नागपुर के अधिकारियों ने इसे फूड लेबलिंग में एक नया मोड़ कहा है, अब खाने के साथ भी उतनी ही गंभीर चेतावनी दिखेगी, जैसी सिगरेट पर होती है। मंत्रालय ने सभी सरकारी संस्थानों को कहा है कि कैफेटेरिया और सार्वजनिक जगहों पर ऐसे बोर्ड लगाए जाएं, जो आम भारतीय स्नैक्स में छिपी चीनी और तेल की मात्रा दिखाएं। खाने में चीनी और तेल की मात्रा को दिखाने का मुख्य मकसद लोगों ये बताना है कि आप जो कुछ भी खा रहे हैं, वो खाने में बेशक से लाजवाब हो, लेकिन शरीर के लिए बहुत हानिकारक होता है।
किन जगहों पर लगेगा बोर्ड
आधिकारिक जानकारी के अनुसार, जो भी फूड आइटम तले हुए और मीठे दोनों हैं, उन दुकानों पर इस तरह के बोर्ड लगाए जाएंगे। यानि की देश की उन सभी दुकानों पर ये बोर्ड लगाए जाएंगे, जहां समोसा, जलेबी, पकौड़े, वड़ा पाव, गुलाब जामुन,खस्ता कचौरी, मिठाइयां बिकती हैं।
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समोसा खाने से स्वास्थ्य को होने वाले नुकसान
भारत में ज्यादातर जगहों पर मैदा और आलू वाले ही समोसे बनाए जाते हैं। मैदे की पहली लेयर में मसालेदार आलू को भरा जाता है और उसके बाद समोसे को डीप फ्राई किया जाता है। जिससे इसमें ट्रांस फैट्स और सैचुरेटेड फैट्स की मात्रा बहुत अधिक हो जाती है। समोसा खाने की वजह से ये हार्ट प्रॉब्लम, कोलेस्ट्रॉल बढ़ने और मोटापे जैसी घातक बीमारी का कारण बन सकता है। नियमित तौर पर अगर समोसे का सेवन किया जाए, तो ये पाचन से जुड़ी बीमारियां जैसे कब्ज और पेट में दर्द का कारण भी बन सकता है।
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जलेबी खाने से स्वास्थ्य को होने वाले नुकसान
जलेबी के मैदे के घोल से डीप फ्राई करके तैयार किया जाता है। इसके बाद जलेबी को चाशनी में डुबोया जाता है। जिससे इसमें चीनी की मात्रा बहुत अधिक होती है। जलेबी खाने से शरीर का ब्लड शुगर लेवल बढ़ता है और डायबिटीज जैसी लाइलाज बीमारी का कारण बनता है। 2-3 जलेबियों में ही 300 से अधिक कैलोरी हो सकती है, जो आपके वजन को बेहिसाब तरीके से बढ़ा सकती है।
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निष्कर्ष
समोसा और जलेबी खाने में बेशक स्वादिष्ट लगते हों, लेकिन मैदा और चीनी का इस्तेमाल होने से ये स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते हैं। इन दिनों जब डायबिटीज, कैंसर और मोटापे जैसी परेशानियां बढ़ रही हैं, तब जुबां से पहले खाने को शरीर के लिए चुनें।