Mpox Outbreak in India: एमपॉक्स का कहर दुनियाभर में लगातार जारी है। इस वायरस के मामले दुनियाभर में तेजी से बढ़ रहे हैं। कांगो में तो एमपॉक्स के चलते अबतक 600 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। भारत के पड़ोसी देशों में फैलने के बाद अब भारत में भी यह वायरस दस्तक दे चुका है। हाल ही में हरियाणा के एक 26 वर्षीय युवक में एमपॉक्स के क्लेड-2 के लक्षण (First Confirmed Case of Mpox in India) देखे गए हैं। भारत में एमपॉक्स मिलने के बाद अब देश में भी स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर बेहद करीब से नजर रखी जा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा एमपॉक्स को लेकर कुछ गाइडलाइन जारी की गई हैं।
स्क्रीनिंग और टेस्टिंग पर दिया जा रहा है जोर (Screening and testing for Mox)
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गाइडलाइंस (Guidelines for Mpox) जारी कर एमपॉक्स की स्क्रीनिंग और टेस्टिंग पर जोर दिया है। मंत्रालय द्वारा कुछ केंद्र शासित प्रदेशों को जांच के लिए स्क्रिनिंग करने के दिशा-निर्देश दिए गए हैं। केंद्र सरकार द्वारा मंगलवार को एमपॉक्स को लेकर एक एडवाइजरी जारी की, जिसमें न केवल स्क्रीनिंग बल्कि, एमपॉक्स के संदिग्ध मरीजों पर नजर रखने की भी सलाह दी गई है। एमपॉक्स से बचने के लिए सभी जरूरी सावधानियां (Precautions for Mpox) और एहतियात बरतने के लिए कहा गया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने एमपॉक्स को लेकर जारी की गाइडलाइंस (Guidelines for Mpox)
- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एमपॉक्स को लेकर गाइडलाइंस जारी की हैं, जिसके तहत संदिग्ध मरीजों पर नजर रखने के लिए कहा गया है।
- गाइडलाइंस के तहत अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड (Isolation Wards in Hospitals) बनाए जाने चाहिए।
- अस्पतालों में मेडिकल स्टाफ को ट्रेंड किया जाएगा ताकि वे अन्य समस्याएं जैसे स्किन डिजीज और सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिजीज (STD) से निपटने में भी सक्षम हो पाएं।
- गाइडलाइनंस के तहत एमपॉक्स के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए भी कहा गया है।
- एमपॉक्स के सैंपल इकठ्ठा करके लैब भेजे जाएंगे।
ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी से नहीं है कोई संबंध
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा एमपॉक्स को हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया गया था। इसपर सरकार ने कहा कि भारत में मिलने वाला एमपॉक्स का पहला मामला यात्रा से जुड़ा हुआ है। यह ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी से संबंधित नहीं है।