भारत में Mpox का पहला कंफर्म केस, हरियाणा के 26 वर्षीय युवक में मिले क्लेड-2 स्ट्रेन के लक्षण

First confirmed case of mpox in India: हरियाणा के 26 वर्षीय युवक में एमपॉक्स के क्लेड 2 के लक्षण दिखाई दिए हैं। इसे देश का पहला कंफर्म केस बताया जा रहा है। 
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भारत में Mpox का पहला कंफर्म केस, हरियाणा के 26 वर्षीय युवक में मिले क्लेड-2 स्ट्रेन के लक्षण


First confirmed case of mpox in India: एमपॉक्स दुनियाभर में कहर बरपा रहा है। कांगो, पाकिस्तान, थाईलैड और बांग्लादेश में कोहराम मचाने के बाद अब एमपॉक्स ने भारत में भी दस्तक दे दी है। हाल ही में भारत में एमपॉक्स का एक संदिग्ध मरीज (First Confirm Case of Mpox in India) पाया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसकी पुष्टि कर दी है। जानकारी के मुताबिक हिसार के 26 वर्षीय युवक में एमपॉक्स के लक्षण दिखाई दिए हैं। पिछले दिनों वह बाहर से यात्रा करके भारत लौटा था, जिसके बाद उसमें एमपॉक्स के क्लेड-2 के लक्षण दिखाई दिए थे। भारत में एमपॉक्स का यह पहला मामला है। मरीज को दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है। 

क्लेड-2 स्ट्रेन के दिखाई दिए लक्षण 

मरीज के एमपॉक्स से संक्रमित होने के बाद जांच के लिए उसका सैंपल लैब में भेजा गया। रिपोर्ट आने के बाद पता चला कि मरीज एमपॉक्स के क्लेड 2 स्ट्रेन से संक्रमित है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि मरीज में वेस्ट अफ्रिकन एमपॉक्स का क्लेड-2 स्ट्रेन (West African Clade-2 Strain) मिला है। इससे पहले थाईलैंड में एक व्यक्ति के क्लेड 1b से संक्रमित होने का मामला सामने आया था। 

लक्षण दिखने के बाद किया अस्पताल में भर्ती 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मरीज के विदेश से यात्रा करके लौटने के बाद उसमें स्किन रैशेज और त्वचा पर लाल रंग के निशान (Red Boils) नजर आ रहे थे। जिसके बाद उसे शनिवार को एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया। मरीज को आइसोलेशन में रखे जाने के साथ ही अस्पताल में सभी जरूरी प्रोटोकॉल्स भी फॉलो किए जा रहे हैं। वेस्ट अफ्रिकन क्लेड-2 को दो भागों में बांटा गया है, जिसमें क्लेड IIa और Clade IIb शामिल हैं। 

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एमपॉक्स से निपटने के लिए तैयारियां तेज 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एमपॉक्स से निपटने के लिए तैयारियां तेज कर दी हैं। इसके चलते दिल्ली के एलएनजेपी हॉस्पिटल, बाबा साहेब अंबेडकर हॉस्पिटल और जीटीबी अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं, जहां एमपॉसक्स के संदिग्ध मरीजों को रखा जाएगा। यही नहीं, मंत्रालय द्वारा एमपॉक्स की स्क्रीनिंग और टेस्टिंग बढ़ाए जाने पर भी जोर दिया जा रहा है। 

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