Pollution Leads to Male Infertility: आजकल खराब खानपान और अनियमित जीवनशैली फॉलो करने से लोगों में इंफर्टिलिटी की समस्या काफी बढ़ गई है। यही कारण है कि लोग आईवीएफ ट्रीटमेंट की ओर जा रहे हैं। इंफर्टिलिटी घटने के पीछे प्रदूषण को भी एक बड़ा कारण माना जा रहा है। आजकल हवा इतनी दूषित हो गई है कि वह आपके पिता बनने की इच्छा को तोड़ सकती है। जी हां, प्रदूषण के चलते पुरुषों में इंफर्टिलिटी की समस्या तेजी से बढ़ रही है। इसके साथ ही साथ प्रदूषण सेहत से जुड़ी अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का भी कारण बन रहा है।
खराब हो रही है स्पर्म क्वालिटी
डेनमार्क के नॉर्ड यूनिर्सिटेट के वैज्ञानिकों द्वारा हाल ही में की गई। यह स्टडी कहती है कि वायु प्रदूषण लोगों में इंफर्टिलिटी का बड़ा कारण बनता जा रहा है। हवा में मौजूद नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और पार्टिकुलेट मैटर (PM) न केवल शरीर को अन्य तरीकों से नुकसान पहुंचा रहे हैं, बल्कि पुरुषों के स्पर्म को भी प्रभावित कर रहे हैं। प्रदूषण के संपर्क में आने से पुरुषों में स्पर्म काउंट कम या खराब होने के साथ ही गुणवत्ता पर भी असर पड़ रहा है। जिससे नैचुरल तरीके से कंसीव करने में मुश्किल हो सकती है।
प्रदूषण और इंफर्टिलिटी के बीच क्या संबंध है?
यह स्टडी Journal BMJ में प्रकाशित हुई है। प्रदूषण और इंफर्टिलिटी के बीच सीधा संबंध है। दरअसल, प्रदूषण के संपर्क में रहने से हार्मोनल इंबैलेंस होने लगता है, जो इंफर्टिलिटी का एक बड़ा कारण माना जाता है। वहीं, ऐसी स्थिति में स्पर्म मोर्फोलॉजी और स्पर्म काउंट कम होने लगता है, जिसके चलते व्यक्ति इंफर्टिलिटी का शिकार सकता है। यह समस्या केवल पुरुषों में ही नहीं बल्कि, महिलाओं को भी होती है।
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526,056 पुरुषों को किया गया स्टडी में शामिल
इस स्टडी में 526,056 पुरुषों को शामिल किया गया, जिनकी उम्र 30 से 35 वर्ष थी। साल 2000 से 2017 तक इनपर करीब से नजर रखकर देखा गया कि इन पुरुषों में प्रदूषण की वजह से वाकई में इंफर्टिलिटी कम थी।
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