कोरोना वायरस का कहर अभी तक पूरी तरह से कम नहीं हुआ है कि ऐसे में देश में अलग-अलग बीमारियों की पुष्टि हो रही है। पिछले कुछ दिनों से देश में मंकी फीवर का खतरा मंडरा रहा है। कर्नाटक में इस फीवर के चलते दो लोगों की मौत भी हो चुकी है। इस फीवर के कारण पहली मौत 8 जनवरी को शिवमोग्गा जिले के होसननगर में हुई थी। चलिए इस संक्रमण के बारे में विस्तार से जानते हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने कसी कमर
इस वायरस के मौत की पुष्टि होने के बाद से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने भी इससे निपटने के लिए कमर कस ली है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा तमाम जिलों में समीक्षा की जाएगी। मंकी फीवर’ को क्यासानूर फॉरेस्ट डिजीज के नाम से भी जाना जाता है। इस वायरस के चलते कर्नाटक में एक 18 वर्षीय युवती की भी मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण आयुक्त के आंकड़ों के मुताबिक राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने इस साल अब तक मंकी फीवर से प्रभावित जिलों से कुल 2,288 सैंपल्स इकठ्ठे किए हैं।
अब तक 49 मामलों की हो चुकी है पुष्टि
स्वास्थ्य विभाग द्वारा इकठ्ठे किए गए कुल 2288 नमूनों में से अबतक कुल 49 नमूने पॉजिटिव मिले हैं। इनमें से उत्तर कन्नड़ जिले में अबतक सबसे ज्यादा 34 मामले सामने आ चुके हैं। यही नहीं इस वायरस के चलते चिक्कमंगलुरु के श्रृंगेरी तालुक में रहने वाले 79 वर्षीय व्यक्ति की भी मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार इस वायरस के मामले दिखने पर इन्हें नजरअंदाज करने के बजाय चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए।
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मंकी फीवर के लक्षण
- मंकी फीवर से संक्रमित होने पर शरीर में कई प्रकार के बदलाव दिख सकते हैं।
- इस फीवर के होने पर शरीर में शरीर में 3 से 5 दिनों के अंदर बदलाव देखे जा सकते हैं।
- यह संक्रमण होने पर आपको तेज बुखार और शरीर में दर्द होने जैसे लक्षण दिख सकते हैं।
- इस स्थिति में आंखों में लालिमा आने के साथ ही जुखाम और कफ भी हो सकता है।