11 मई, 2025 रविवार के दिन मदर्स डे के उपलक्ष्य में नई दिल्ली के लोधी एस्टेट के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आईएमए नई दिल्ली, अमेरिकन कार्डियोलॉजी एसोसिएशन में भारतीय मूल के कार्डियोलॉजिस्ट का संगठन, कार्डियोवैस्युलर अल्ट्रासाउंड की अंतर्राष्ट्रीय सोसायटी, वर्ल्ड हार्ट अकादमी, हेल्दी हार्ट सोसायटी और सीकेएम अकादमी ऑफ इंडिया द्वारा महिला डॉक्टरों के लिए वार्षिक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के दौरान दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के द्वारा 400 महिला डॉक्टर्स को सम्मानित किया गया। इस मौके पर ओन्लीमाईहेल्थ को भी "Magnanimous Award Of Excellence in Healthcare" से सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में डॉ. एचके चोपड़ा, डॉ. नरेश त्रेहन, डॉ. एम खलीलुल्लाह, डॉ. विवेका कुमार और डॉ. राजीव गर्ग सहित प्रमुख चिकित्सा विशेषज्ञ मौजूद रहे।
कॉन्फ्रेंस में महिलाओं में मोटापा और हार्ट फेलियर पर की गई चर्चा
अपोलो हॉस्पिटल्स की सीनियर कंसल्टेंट -कार्डियक इलेक्ट्रोफिजियोलॉजिस्ट और इंटरवेंशन डॉ. वनिता अरोड़ा ने कार्यक्रम के दौरान बताया कि, दिल की बीमारी महिलाओं में एक बड़ा स्वास्थ्य खतरा बना हुआ है। डायबिटीज और मोटापे जैसे कार्डियोमेटाबोलिक जोखिम कारक महिलाओं पर अलग-अलग और प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं।" डॉ. एस.के. वांगनू ने भी मोटापा, डाटबिटीज और हार्ट फेलियर के बारे में बात करते हुए कहा कि, "मोटापे का हृदय प्रणाली पर गहरा प्रभाव पड़ता है।" डॉ. विवेका कुमार ने भी कहा कि, 1980 के बाद से 70 से ज्यादा देशों में मोटापा दोगुना हो गया है। महामारी विज्ञान अध्ययनों ने मोटापे और संरक्षित इजेक्शन के साथ हार्ट फेलियर के विकास के बीच एक मजबूत, स्वतंत्र संबंध की पहचान की है। इस कार्यक्रम के दौरान
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सीएम रेखा गुप्ता ने 400 महिला डॉक्टर्स को किया संबोधित
मदर्स डे पर 400 महिला डॉक्टर्स को संबोधित करते हुए दिल्ली की मुख्यमंत्री ने कहा कि, "क्योंकि ईश्वर हर जगह नहीं हो सकता इसीलिए उन्होने डॉक्टर बनाएं। और जो मां और डॉक्टर दोनों ही हैं वो डबल डिग्री के साथ हैं। इसलिए, आज के समय में व्यक्ति अगर सबसे ज्यादा विश्वास करता है तो वो उसकी मां है या फिर डॉक्टर है। एक जन्म देने वाली है और दूसरा जीवन बचाने वाला है।"
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इसके साथ ही सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि, "हमारे घर में मां पूरे परिवार का ख्याल रखती है - पति, उसके माता-पिता, बच्चे - लेकिन खुद का ख्याल नहीं रखती। मोटापे का मूल कारण यही है कि वे सबकी सेहत पर ध्यान देती हैं, लेकिन अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देना भूल जाती हैं।वह परिवार के खाने के लिए जो भी खाना चाहेगी, पकाएगी, लेकिन जब खुद की बारी आएगी, अगर खाना कम होगा, तो वह खाना छोड़ देगी और अगर खाना ज्यादा हो जाए, तो वह सोचती है, इसे बर्बाद क्यों करें? और खुद ही खा लेती है। मां खुद को सबसे कम जरूरी समझती हैं। इसलिए, घर में बचा खाना फेंका न जाएं इसलिए खुद खाकर खत्म करने की कोशिश करती हैं।"