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डिलीवरी के बाद गर्भनाल देर से काटने पर क्या वाकई शिशु को फायदे मिलते हैं? जानें डॉक्टर की राय

शिशु के जन्म के बाद गर्भनाल काटी जाती है। लेकिन, यदि इसमें देरी की जाए, तो यह शिशु की सेहत के लिए फायदेमंद होता है।   
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डिलीवरी के बाद गर्भनाल देर से काटने पर क्या वाकई शिशु को फायदे मिलते हैं? जानें डॉक्टर की राय


प्रेग्नेंसी के समय महिलाएं डिलीवरी को लेकर चिंतित रहती है। डिलीवरी के समय जब बच्चा जन्म लेता है, तो मां और बच्चे को अम्बिलिकल कॉर्ड यानी गर्भनाल जोड़े रखती है। इसे जन्म के दौरान डॉक्टरों द्वारा काट दिया जाता है। दरअसल, ये प्रक्रिया लंबे समय से चले आ रही है। गर्भावस्था के समय बच्चा अम्बिलिकल कॉर्ड के जरिए ही आहार और पोषण ग्रहण करता है। माना जाता है, यदि अम्बिलिकल कॉर्ड को देरी से काटा जाए तो यह शिशु के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकती है। इस विषय पर कई तरह के शोध किए जा चुके हैं। इसके बात की पुष्टि डब्लूएचओ भी करता है। इस लेख में साईं पॉलीक्लीनिक की स्री रोग विशेषज्ञ डॉ. विभा बंसल से जानते हैं डिलीवरी के समय शिशु की गर्भनाल देरी से काटने के क्या फायदे हो सकते हैं। साथ ही, इसके कुछ जोखिम के बारे में भी विस्तार से जानेंगे।

शिशु की गर्भनाल देरी से काटने का क्या मतलब है? What Is Delayed Cord Clamping In Hindi 

डिलीवरी के समय डॉक्टर करीब 15 सेकंड के अंदर अम्बिलिकल कॉर्ड काट देते हैं। इसे ही कॉर्ड क्लैपिंग कहा जाता है। जबकि, अम्बिलिकल कार्ड को कुछ मिनट की देरी से काटने के गर्भनाल का देरी से काटना (Delayed Cord Clamping) कहा जाता है। डब्लूएचओ के अनुसार, शिशु की अम्बिलिकल कॉर्ड को जन्म के एक मिनट के अंदर या कॉर्ड का फड़कना बंद होने पर ही काटना चाहिए। यह शिशु की सेहत के लिए फायदेमंद होती है। खून और एनीमिया के खतरे से शिशु को बताया जा सकता है। 

शिशु की अम्बिलिकल कॉर्ड देरी से काटने के फायदे - Benefits Of Delayed Cord Clamping In Hindi 

एनीमिया का खतरा कम होना

कॉर्ड क्लैंपिंग में एक से तीन मिनट की देरी करने से शिशु को कॉर्ड में मौजूद रक्त और पोषण मिल सकते हैं। इससे शिशु को रक्त के द्वारा करीब 50 मिलीग्राम तक आयरन प्राप्त हो सकता है। इससे शिशु के शरीर में आयरन की कमी नहीं होती है। 

रेड ब्लड सेल्स का बढ़ना 

अम्बिलिकल देरी से काटने से शिशु की आरबीसी की संख्या को करीब 60 फीसदी को बढ़ाया जा सकता है। साथ ही, रक्त की मात्रा 30 प्रतिशत तक बढ़ सकती है। ब्लड की कमी न होने से शिशु बाहर के माहौल में खुद को ढालने में आसानी होती है। 

रक्त चढ़ाने की संभावना कम होना

प्री-मैच्योर (समय से पहले जन्म) शिशुओं को रक्त चढ़ाने की आवश्यकता हो सकती है। ऐसे में यदि शिशु की गर्भनाल देरी से काटी जाए, तो इससे उसको रक्त चढ़ाने की संभावना कम हो सकती है। 

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delayed cord clamping in hindi

पेट संबंधी समस्या होने की जोखिम कम होना

समय से पहले जन्म लेने वाले शिशुओं में, नेक्रोटाइज़िंग एंटरोकोलाइटिस (necrotizing enterocolitis) का खतरा अधिक होता है।  नेक्रोटाइज़िंग एंटरोकोलाइटिस एक पेट संबंधी गंभीर समस्या है, इसमें बच्चे की आंतों में सूजन और पेट में बैक्टीरिया का रिसाव हो सकता है। लेकिन, गर्भनाल देरी से काटने से इस समस्या के जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है। 

शिशु की अम्बिलिकल कॉर्ड देरी से काटने के नुकसान - Disadvantages Of Delayed Cord Clamping In Hindi

  • इस प्रक्रिया से शिशु के शरीर में बिलीरुबिन का स्तर बढ़ सकता है, जिससे उसके मस्तिष्क के कार्य प्रभावित हो सकते हैं। 
  • शिशु के जन्म के बाद तरल पदार्थ उसके फेफड़ों में जम सकता है। 

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जन्म के बाद शिशु की गर्भनाल देरी से काटने का फैसला डॉक्टर को लेने दें। वह शिशु की स्वास्थ्य स्थिति को आपसे बेहतर समझते हैं। ऐसे में उनको किसी भी तरह की प्रक्रिया को अपनाने की सलाह न दें। 

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