Sickle Cell Anemia In Children in Hindi : नवजात शिशु शुरुआती दौर में किसी-न-किसी छोटी-बड़ी स्वास्थ्य समस्या से प्रभावित होते ही हैं। लेकिन समय के साथ कई हेल्थ प्रॉब्लम अपने आप ठीक हो जाती हैं। जबकि, कुछ बीमारियां आनुवांशिक होती हैं और इनके लक्षण बच्चे में देर से दिखाई देते हैं। सिकेल सेल एनीमिया भी एक आनुवांशिक रोग है। यह एक ऐसा डिसऑर्डर है, जिसका समय रहते उपचार ना हो, तो जानलेवा भी साबित हो सकता है। इस लेख में मेडिकेयर हॉस्पिटल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. नरजोहन मेश्राम से जानते हैं कि सिकेल सेल एनीमिया क्यों होता है? इसके लक्षण क्या हैं? और इस स्वास्थ्य समस्या का उपचार कैसे किया जाता है?
क्या है सिकेल सेल एनीमिया - What Is Sickle Cell Anemia In Children in Hindi
सिकेल सेल एक आनुवांशिक रोग है, इसमें बच्चे के शरीर में लाल रक्त कोशिकाएं यानी रेड ब्लड सेल्स कम होते हैं। साथ ही, रेड ब्लड सेल्स की शेप भी असामान्य हो जाता है। यह सामान्य रूप से अंडाकार शेप में ना होकर, टूटी हुई (C Shaped) होती है। यह सी आकार की कोशिकाएं सख्त और चिपचिपी भी हो जाती हैं, जिससे शरीर में रक्त को आगे बढ़ने में परेशानी होती है। यह एक ऐसा जेनेटिक डिसऑर्डर है, जिसके कारण रेड ब्लड सेल में असामान्य हीमोग्लोबिन प्रोटीन बनता है। ऐसा होने पर पूरे शरीर के अंगों तक ऑक्सीजन पहुंचने में परेशानी होती है।
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बच्चों में सिकल सेल एनीमिया होने के कारण - Causes Of Sickle Cell Anemia In Children In Hindi
सिकेल सेल एनीमिया बच्चे को माता-पिता से आनुवांशिक रूप से मिलता है। जिन पैरेंट्स में इस डिजीज का जीन होता है, उनसे ही यह बच्चे को ट्रांसफर हो जाता है। कई बार तो पैरेंट्स को पता ही नहीं होता है कि उन्हें सिकेल सेल एनिमिया है, क्योंकि उनकी स्थिति कभी गंभीर स्तर तक नहीं पहुंचती है। इसलिए जरूरी है कि जब भी फैमिली प्लानिंग करें, तो एक बार सिकेल सेल डिजीज का टेस्ट जरूर करा लें।
बच्चों में सिकल सेल डिजीज के लक्षण - Symptoms Of Sickle Cell Anemia In Children In Hindi
इस समस्या में बच्चों को आगे बताए गए लक्षण महसूस हो सकते हैं।
- बच्चों का ब्लड सर्कुलेशन धीमा होना,
- शरीर में दर्द महसूस होता है,
- यह स्पलीन (Spleen - पसली के पास का एक अंग) को नुकसान पहुंचा सकता है,
- हमेशा थकान महसूस होना,
- चक्कर आना,
- पैरों सूजन आना, आदि।
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बच्चों में सिकल सेल एनीमिया का उपचार - Treatment Of Sickle Cell Anemia In Children In Hindi
सिकेल सेल डिजीज को सिर्फ मैनेज किया जा सकता है। इसके लिए नियमित डॉक्टर की देखरेख में रहना होता है। एंटीबॉयोटिक्स भी डॉक्टर देते हैं, जिससे बच्चे को इंफेक्शन ना हो। आयरन की दवा भी दी जाती है और दर्द की दवा भी दी जाती है। इसके अलावा नियमित आंखों की जांच भी होती है। अगर कभी बच्चे को अधिक समस्या हो तो तुरंत हॉस्पिटल में एडमिट भी करवाना होता है। इसके अलावा बच्चे के खानपान का ख्याल भी पूरा रखना चाहिए, डॉक्टरी सलाह पर ही बच्चे को अच्छी डाइट दें। अगर इन सब बातों का ध्यान रखा जाए तो सिकेल सेल डिजीज वाले बच्चे एक लंबा और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। वैसे सिकेल सेल का एक उपचार बोन मेरो ट्रांसप्लांट भी है, लेकिन यह कुछ ही रोगियों के लिए एक विकल्प है, क्योंकि यह प्रक्रिया जटिल और जोखिम भरी होती है।