सिकल सेल डिजीज (Sickle Cell Disease) एक जेनेटिक ब्लड डिसऑर्डर है, जिसमें शरीर के रेड ब्लड सेल्स आधे चांद या हंसिया के आकार के हो जाते हैं। ये आसामान्य आकार के सेल्स लचीले नहीं होते हैं और ब्लड वेसल्स में फंस सकते हैं, जिससे ब्लड फ्लो रूक सकता है। यह बीमारी माता-पिता दोनों से बच्चे में आने की संभावना बहुत ज्यादा होती है। इस बीमारी के कारण न सिर्फ आपके ब्लड में समस्या होती है, बल्कि ये आपके संपूर्ण स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। ऐसे में आइए गुरुग्राम के पारस हेल्थ के एसोसिएट डॉयरेक्टर ऑफ हेमाटो-ऑनकोलॉजी एवं बोन मैरो ट्रांसप्लांट के डॉ. गौरव दीक्षित से जानते हैं कि सिकल सेल रोग शरीर के किन हिस्सों को प्रभावित करती है?
सिकल सेल डिजीज शरीर के किन अंगों को प्रभावित करती है? - What Parts Of The Body Are Affected By Sickle Cell Disease in Hindi?
सिकल सेल डिजीज हमारे शरीर के कई महत्वपूर्ण अंगों को प्रभावित करता है, जिसके कारण वो अंग डैमेज भी हो सकते हैं-
1. दिमाग
सिकल सेल डिजीज में दिमाग पर सबसे ज्यादा असर पड़ता है। मरीज को खासकर बच्चे को ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बना रहता है। ब्रेन स्ट्रोक तब होता है, जब दिमाग में पर्याप्त मात्रा में ब्लड और ऑक्सीजन नहीं मिलता है। इसके कारण याददाश्त कमजोर होना, फोकस में कमी, व्यवहार में बदलाव और नई चीजों को सीखने में मुश्किल जैसी समस्याएं हो सकती हैं। कभी-कभी दिमगा में सूजन या ब्लीडिंग भी हो सकती है, जो लाइफ के लिए खतरनाक हो सकता है।
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2. किडनी
किडनी शरीर से टॉक्सिक पदार्थों को छानकर यूरिन के जरिए बाहर निकालने में मदद करती है। सिकल सेल्स किडनी की छोटे-छोटे ब्लड सेल्स को ब्लॉक कर सकती है, जिससे किडनी को नुकसान पहुंच सकता है। इस बीमारी के कारण प्रोटीन यूरिया, क्रॉनिक किडनी डिजीज, और किडनी फेलियर की स्थिति बन सकती है। कुछ मामलों में पेशाब की मात्रा में कमी या यूरिन में खून भी देखा जा सकता है।
3. फेफड़े
सिकल सेल डिजीज के कारण व्यक्ति के फेफड़े भी बहुत ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं। एक्यूट चेस्ट सिंड्रोम (Acute Chest Syndrome) सिकल सेल के मरीजों में होने वाली एक गंभीर समस्या है। इसमें समीने में दर्द, बुखार, सांस लेने में तकलीफ और खांसी की समस्या होती है। यह स्थिति निमोनिया की तरह होती है, लेकिन इसकी वजह से फेफड़ों में ऑक्सीजन का लेवल बहुत कम हो जाता है।
4. तिल्ली
तिल्ली (Spleen) शरीर के इम्यून सिस्टम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होती है, जो पुराने या डैमेज ब्लड सेल्स को खत्म करती है। सिकल सेल रोग में तिल्ली बार-बार सिकल सेल्स से भर जाती है और डैमेज हो जाती है। इसे ऑटो-स्प्लेनेक्टॉमी कहा जाता है, जहां तिल्ली काम करना बंद कर देती है। इससे इंफेक्शन का खतरा बहुत बढ़ जाता है, खासकर बचपन में।
5. लिवर
सिकल सेल्स लिवर में जमा होकर उसे डैमेज कर सकती हैं। इससे सिकल सेल हेपेटोपैथी नाम की स्थिति हो सकती है, जिसमें लीवर में सूजन, पीलिया (jaundice), और लिवर फेलियर हो सकता है। ब्लड इंफेक्शन से होने वाले वायरस जैसे हेपेटाइटिस भी सिकल रोगियों में आम माना जाता है, जिससे लिवर की कंडीशन और ज्यादा खराब हो सकती है।
6. दिल
सिकल सेल डिजीज के कारण दिल को भी नुकसान पहुंच सकता है। इस रोग में एनीमिया (anemia) होने की समस्या बहुत आम है, जिससे दिल को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। इससे दिल का आकार बढ़ जाता है, दि की धड़कन तेज होती है और दिल के फैल होने की संभावना बढ़ जाती है। फेफड़ों में हाई ब्लड प्रेशर (pulmonary hypertension) भी दिल पर दबाव डालता है।
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7. आंखें
सिकल सेल्स के कारण आंखों की रेटिना के ब्लड वेसल्स को भी ब्लॉक कर सकती है, जिससे रेटिनोपैथी की समस्या हो सकती है। इससे पीड़ित की आंखें कमजोर हो सकती है, और अगर समय पर इलाज न हो तो अंधेपन की भी संभावना हो सकती है, जो आंखों में सूजन और दर्द का कारण बन सकता है।
8. हड्डियां और जोड़ें
सिकल सेल डिजीज में हड्डियों को सही मात्रा में ब्लड नहीं मिल पाता है, जिससे हड्डियां कमजो हो जाती है और दर्द की समस्या बढ़ सकती है। इस समस्या को एवास्कुलर नेक्रोसिस कहा जाता है, जो खासकर हिप्स की हड्डी में। इससे चलने-फिरने में मुश्किल होती है। जोड़ों में अकड़न, सूजन और दर्द आम लक्षण हैं।
निष्कर्ष
सिकल सेल डिजीज एक गंभीर बीमारी है, जो पूरे शरीर को प्रभावित कर सकती है। यह सिर्फ ब्लड से जुड़ी समस्या नहीं है, बल्कि यह दिमाग, फेफड़े, किडनी, तिल्ली, दिल, लिवर, आंखें और हड्डियों सहित शरीर के लगभग हर महत्वपूर्ण हिस्से को नुकसान पहुंचा सकती है। इसलिए, सही समय पर बीमारी की पहचान, नियमित इलाज, और लाइफस्टाइल में बदलाव से इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है।
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FAQ
सिकल सेल रोग किस कारण से होता है?
सिकल सेल डिजीज, जिसे सिकल सेल एनीमिया के रूप में भी जाना जाता है, माता-पिता से बच्चों में जीन के जरिए फैलता है। हीमोग्लोबिन, जो रेड ब्लड सेल्स में पाया जाता है, ऑक्सीजन को पूरे शरीर में ले जाने के लिए बहुत जरूरी है। सिकल सेल रोग में, हीमोग्लोबिन (लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाने वाला एक प्रोटीन जो ऑक्सीजन ले जाता है) में दोष के कारण होता है। यह रोग तब होता है जब कोई व्यक्ति अपने माता-पिता दोनों से सिकल सेल जीन पाता है।सिकल सेल बीमारी के क्या लक्षण हैं?
सिकल सेल रोग होने पर पीड़ित के शरीर में दर्द, थकान, सांस लेने में तकलीफ, पीलिया, और हाथों या पैरों में सूजन की समस्या नजर आ सकती है।सिकल सेल का दूसरा नाम क्या है?
सिकल सेल रोग का दूसरा नाम सिकल सेल एनीमिया भी है। यह एक जेनेटिक ब्लड डिसऑर्डर है, जिसमें लाल ब्लड सेल्स सामान्य गोल आकार के बजाय सिकल यानी हंसिया के आकार के हो जाते हैं, जिसके कारण ऑक्सीजन ले जाने में समस्या होती है।