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2.15 लाख लोगों को है सिकल सेल रोग: स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय, जानें इसके दुष्‍प्रभाव, र‍िस्‍क फैक्‍टर्स

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के अनुसार देश में 2.15 लाख लोग सिकल सेल रोग से पीड़ित हैं, यह रोग मुख्‍य रूप से जनजातीय इलाकों में पाया जाता है।
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2.15 लाख लोगों को है सिकल सेल रोग: स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय, जानें इसके दुष्‍प्रभाव, र‍िस्‍क फैक्‍टर्स


राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था। इस मिशन का उद्देश्य वर्ष 2047 तक भारत से सिकल सेल एनीमिया को समाप्त करना है। राष्ट्रीय सिकल सेल मिशन के अंतर्गत, 7 करोड़ की तुलना में अब तक 6 करोड़ लोगों की सिकल सेल रोग (SCD) के लिए जांच की जा चुकी है। जांच किए गए लोगों में से 2.15 लाख लोगों को यह बीमारी होने की पुष्टि हुई है, जबकि 16.7 लाख लोगों को इसके वाहक (कैरियर) के रूप में चिह्नित किया गया है। साथ ही, विभिन्न राज्यों द्वारा अब तक 2.6 करोड़ स्वास्थ्य कार्ड भी वितरित किए जा चुके हैं। ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में सबसे ज्‍यादा मामलों की पुष्टि हुई है। लखनऊ के केयर इंस्‍टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फ‍िजिश‍ियन डॉ सीमा यादव बताती हैं क‍ि सिकल सेल डिजीज एक जेनेटिक बीमारी है, जो माता-पिता से बच्चों में आती है। इस बीमारी में आपके शरीर के रेड ब्लड सेल्स में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है, जिसके कारण आपके सेल्स का आकार गोल नहीं बनता है, जिससे ये सेल्स गलत आकार में नजर आते हैं। इस लेख में हम जानेंगे क‍ि स‍िकल सेल रोग क्‍या है, इसके दुष्‍प्रभाव, र‍िस्‍क फैक्‍टर्स और अन्‍य जरूरी जानकारी।

2.15 लाख लोगों को है सिकल सेल रोग- 2.15 Lakh People Diagnosed with Sickle Cell Disease

1 जुलाई 2023 को मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेशनल सिकल सेल एनीमिया एलिमिनेशन मिशन की शुरुआत की। इस मिशन का लक्ष्य है कि देश से सिकल सेल एनीमिया को साल 2047 तक पूरी तरह खत्म किया जाए। इसके लिए लोगों को जागरूक किया जाएगा और 0 से 40 साल तक की उम्र के लगभग 7 करोड़ लोगों की स्क्रीनिंग। इस म‍िशन के तहत, अब तक 6 करोड़ लोगों की सिकल सेल रोग (SCD) के लिए जांच की जा चुकी है। जांच किए गए लोगों में से 2.15 लाख लोगों को यह बीमारी होने की पुष्टि हुई है।

सिकल सेल रोग क्‍या है?- What is Sickle Cell Disease

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स‍िकल सेल रोग, एक जेनेटिक ब्लड डिसऑर्डर है जिसमें शरीर में बनने वाले रेड ब्‍लड सेल्स का आकार टेढ़ा-मेढ़ा हो जाता है। ये सेल्स हंसिए की तरह मुड़ जाते हैं, जिससे ये नसों में अटक जाते हैं और ब्‍लड फ्लो में रुकावट डालते हैं।

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सिकल सेल रोग के लक्षण क्‍या हैं?- Symptoms of Sickle Cell Disease

  • बार-बार होने वाला तेज दर्द
  • थकान और कमजोरी
  • पीलापन
  • बार-बार बुखार और इंफेक्‍शन होना
  • हाथ-पैरों में सूजन होना
  • बच्चों में विकास की रफ्तार धीमी होना

सिकल सेल रोग के दुष्‍प्रभाव- Complications of Sickle Cell Disease

  • सिकल सेल रोग से शरीर के अंगों को नुकसान हो सकता है जैसे- किडनी, फेफड़े, हार्ट और लिवर तक ऑक्‍सीजन न पहुंचने से डैमेज हो सकता है।
  • सिकल सेल रोग के कारण स्‍ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है- खासकर बच्‍चों और युवाओं में।
  • सिकल सेल रोग के कारण बार-बार इंफेक्‍शन हो सकता है। ऐसा इम्‍यून‍िटी कमजोर होने के कारण होता है।
  • इस बीमारी के कारण एनीम‍िया हो सकता है यानी रेड ब्‍लड सेल्स की कमी हो सकती है।
  • बोन मैरो में सूजन (Bone Marrow Inflammation) हो सकती है।

सिकल सेल रोग के र‍िस्‍क फैक्‍टर्स- Risk Factors of Sickle Cell Disease

  • माता या पिता से अनुवांशिक रूप से यह रोग बच्‍चे को मिल सकता है।
  • जनजातीय आबादी में यह बीमारी ज्‍यादा देखने को म‍िल सकती है। खासतौर पर मध्‍य प्रदेश, छत्‍तीसगढ़, महाराष्‍ट्र, ओडिशा, झारखंड, गुजरात जैसे राज्‍यों में यह बीमारी बहुत कॉमन है।
  • शादी में जेनेटिक जांच न होना से या बिना जानकारी के दो कैरियर माता-पिता से बच्‍चे को सिकल सेल रोग हो सकता है।

सिकल सेल रोग की जांच कैसे होती है?- How is Sickle Cell Disease Diagnosed

  • ब्लड टेस्ट (सीबीसी)
  • हीमोग्लोबिन इलेक्ट्रोफोरेसिस से रोग की पुष्टि होती है।
  • नवजात शिशुओं में न्यूबॉर्न स्क्रीनिंग की जाती है।

सिकल सेल रोग का इलाज कैसे होता है?- Treatment of Sickle Cell Disease

  • हाइड्रॉक्सी यूरिया जैसी दवाओं की मदद से इलाज क‍िया जाता है।
  • दर्द को मैनेज करने के लिए पेन किलर द‍िए जाते हैं।
  • इंफेक्‍शन से बचाव के लिए वैक्‍सीन दी जाती है।
  • रेगुलर ब्‍लड ट्रांसफ्यूजन से स‍िकल सेल रोग का इलाज क‍िया जाता है।
  • बोन मैरो ट्रांसप्‍लांट भी कुछ मामलों में होता है।

सिकल सेल रोग एक गंभीर लेकिन समय रहते कंट्रोल की जा सकने वाली बीमारी है। अगर शुरुआती लेवल पर जांच हो जाए और सही इलाज मिले, तो मरीज की जिंदगी बेहतर बनाई जा सकती है।

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image credit: sangamo

FAQ

  • सिकल सेल की बीमारी कैसे होती है?

    यह बीमारी एक अनुवांशिक विकार (Genetic Disorder) है, जिसमें माता-पिता से बच्चे को ऐसा जीन मिलता है ज‍िससे बीमारी हो जाती है। इससे रेड ब्‍लड सेल्‍स का आकार अर्धचंद्राकार (सिकल शेप) जैसा हो जाता है और ये जल्दी टूट जाते हैं।
  • क्या सिकल सेल वापस सामान्य हो सकते हैं?

    सिकल सेल एक बार बनने के बाद वापस सामान्य आकार में नहीं बदलते। इलाज से लक्षणों को कंट्रोल किया जा सकता है, लेकिन कोशिकाओं का आकार बदलना संभव नहीं होता। बोन मैरो ट्रांसप्लांट से इलाज संभव है।
  • सिकल सेल कितने प्रकार के होते हैं?

    सिकल सेल डिसऑर्डर के कई प्रकार होते हैं, जैसे सिकल सेल एनीमिया (HbSS), सिकल-सेल-बीटा थैलेसीमिया वगैरह। इनमें एचबीएसएस सबसे गंभीर प्रकार माना जाता है।

 

 

 

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