HCG Test For Pregnancy In Hindi : महिलाएं के शरीर में पीरियड्स व गर्भधारण के समय हार्मोनल बदलाव होता है। विशेष रूप से गर्भधारण के लिए महिलाएं यूरीन टेस्ट करती हैं। यह टेस्ट बेहद ही आसान होता है, जिसे महिलाएं घर पर ही रिजल्ट प्राप्त कर सकती हैं। लेकिन, कई बार यूरिन टेस्ट के नतीजे स्पष्ट नहीं होते हैं। जिसकी वजह से महिलाएं स्री रोग विशेषज्ञ की मदद लेती हैं। प्रेगग्नेंसी की कंफर्मेशन के लिए डॉक्टर महिलाओं का ब्लड टेस्ट करते हैं। इस टेस्ट में ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (एचसीजी- HCG) के स्तर की जांच करते हैं। दरअसल, गर्भधारण के बाद महिलाओं के प्लेसेंटा द्वारा यह हार्मोन निर्मित होता है। इस वजह से डॉक्टर रक्त और यूरिन में एचसीजी के स्तर की जांच करते हैं। इस लेख में साईं पॉलीक्लीनिक की स्री रोग विशेषज्ञ डॉ. विभा बंसल ने बताया की एचसीजी टेस्ट कैसे किया जाता है।
एचसीजी ब्लड टेस्ट क्या है? What Is HCG Test In Hindi
एचसीजी ब्लड टेस्ट से रक्त में एचसीजी हार्मोन की उपस्थिति की जांच की जाती है। यह जांच दो प्रकार से की जाती है, जिसको आगे बताया गया है।
क्वालिटेटिव एचसीजी परीक्षण (Qualitative HCG Test) : इस टेस्ट में रक्त में एचसीजी की उपस्थित की जांच की जाती है। साथ ही, इसके रिजल्ट पॉजीटिव व निगेटिव आते हैं।
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क्वांटीटेटिव एचसीजी परीक्षण (Quantitative HCG Test) : इस टेस्ट में रक्त में मौजूद एचसीजी की मात्रा की जांच की जाती है। यह महिलाओं के गर्भ में पलने वाली भ्रूण की उम्र के निर्धारण में मदद करता है। इस टेस्ट से महिलाओं की प्रेग्नेंसी में आने वाली परेशानियों का पता लगाने में मदद मिलती है। इस टेस्ट से मिसकैरेज व एक्टोपिक प्रेग्नेंसी का भी पता लगाने में सहायता मिलती है। इस टेस्ट को बीटा एचसीजी ब्लड टेस्ट, रिपीट क्वांटिटेटिव बीटा एचसीजी टेस्ट, क्वांटीटेटिव सीरियल बीटा एचसीजी टेस्ट और क्वांटीटेटिव ब्लड प्रेग्नेंसी टेस्ट के नाम से भी जाना जाता है।
क्वांटीटेटिव एचसीजी टेस्ट कब कराना चाहिए? How Soon Can A Quantitative HCG Test Detect Pregnancy?
एचसीजी ब्लड टेस्ट गर्भधारण के छह से आठ दिनों के बाद किया जा सकता है। महिलाओं के द्वारा गर्भधारण का प्रयास करने और पीरियड्स के मिस होने पर क्वांटीटेटिव एचसीजी टेस्ट किया जा सकता है। यूरिन टेस्ट के मुकाबले ब्लड टेस्ट अधिक सटीक माने जाते हैं। इसने गलत होने के संभावनाएं बेहद कम होती हैं।
एचसीजी टेस्ट कराने की आवश्यकता क्यों होती है?
- एचसीजी टेस्ट कराने की कई वजह होती है। इसके कुछ कारणों को आगे विस्तार से बताया गया है।
- प्रेग्नेंसी का निर्धारण करने के लिए,
- भ्रूण की आयु का अनुमान लगाने के लिए,
- डाउन सिंड्रोम की पहचान में इस टेस्ट को शामिल किया जाता है,
- मोलर प्रेग्नेंसी और एटोपिक प्रेग्नेंसी जैसी कुछ समस्याओं की जांच के लिए,
- मिसकैरेज के जोखिम को पहचानने के लिए,
- ओवरी से जुड़े कैंसर की जांच के लिए भी एचसीजी की जांच की जा सकती है।
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प्रेग्नेंसी की जांच के बाद महिलाओं को कुछ सप्लीमेंट्स की आवश्यकता होती है। डॉक्टर उनकी आवश्यकता के अनुसार सप्लीमेंट्स की दवाएं दे सकते हैं। ऐसे में डाइट में पौष्टिक फलों और आहार को शामिल करने सलाह दी जाती है।