प्रेग्नेंसी की शुरुआत से ही महिलाओं को शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। इन बदलावों को समझने के लिए डॉक्टर यूरिन टेस्ट की सलाह देते हैं। यूरिन टेस्ट से महिलाएं प्रेग्नेंसी के शुरुआती लक्षणों की पहचान कर सकती हैं। कुछ मेडिकल कंडीशन महिला और बच्चे के लिए जोखिम पैदा कर सकती हैं। समय पर इन समस्याओं का पता लगाने के लिए यूरिन टेस्ट कराने की सलाह दी जाती है। प्रेग्नेंसी में यूरिन के सैंपल से शरीर में मौजूद शुगर, प्रोटीन, बैक्टीरिया या अन्य रोगों का पता लगाया जा सकता है। प्रेग्नेंसी में महिलाओं को डायबिटीज, यूरिन इंफेक्शन और किडनी की समस्या होने की संभावना अधिक होती है, लेकिन इस टेस्ट से आप रोग के लक्षणों को शुरुआती दौर में ही पहचान सकते हैं। इस लेख में वरिष्ठ स्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर मधुलिका सिंह से जानते हैं कि प्रेग्नेंसी में यूरिन कल्चर टेस्ट क्यों किया जाता है।
यूरिन कल्चर टेस्ट क्या होता है? - What Is Urine Culture Test In Hindi
प्रेग्नेंसी में महिलाओं को यूटीआई (यूरिनरी ट्रैक्ट इंंफेक्शन) का खतरा अधिक होता है। ऐसे में बैक्टीरिया फैलकर बच्चे के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं। प्रेग्नेंसी की शुरुआत में डॉक्टर महिला का यूरिन टेस्ट कराने की सलाह देते हैं। यदि, यह टेस्ट पॉजिटिव आता हैं, तो डॉक्टर यूरिन कल्चर टेस्ट कराने का सुझाव देते हैं। इससे यूरिन में बैक्टीरिया का पुष्टि की जाती है। साथ ही, डॉक्टर टेस्ट के रिजल्ट के बाद ही यह तय करते हैं कि महिलाओं को किस तरह की एंटीबायोटिक्स दिए जाने चाहिए।
प्रेग्नेंसी में यूरिन कल्चर टेस्ट क्यों किया जाता है? - Why Urine Culture Test In Important in Urine Culture In Hindi
- यूरिन कल्चर टेस्ट से डॉक्टर आगे बताई गई स्थितियों का पता लगाते हैं।
- यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन का कारण बनने वाले बैक्टीरिया की पहचान की जाती है।
- इसके रिजल्ट के आधार पर डॉक्टर यूटीआई के लिए इलाज चुनते हैं।
- यूटीआई कितना फैल है, इस बात का पता लगाया जाता है।
- प्रेग्नेंसी में महिलाओं को यूरिन कल्चर टेस्ट में दो बार सैंपल देने होते हैं। पहली बार इंफेक्शन का कारण बनने वाले बैक्टीरिया की पहचान के लिए और दूसरी बार बैक्टीरियल इंफेक्शन दूर हो गया है, इस बात की पुष्टि की जाती है।
यूरिन कल्चर टेस्ट कैसे किया जाता है? - How To Do Urine Culture Test In Hindi
प्रेग्नेंट महिला से यूरिन का सैंपल लिया जाता है। यूरिन सैंपल को केमिकल के साथ मिलाया जाता है, यह लैब में बैक्टीरिया की संख्या बढ़ाने के लिए किया जाता है। यदि, बैक्टीरिया की संख्या में बढ़ोतरी नहीं होती है, तो इसे निगेटिव माना जाता है। वहीं, बैक्टीरिया में बढ़ोतरी होने पर इस टेस्ट को पॉजिटिव माना जाता है। यह टेस्ट संक्रमण करने वाले कई प्रकार के बैक्टीरिया की पहचान करने में मदद करते हैं। इस टेस्ट का रिजल्ट 24 घंटों के अंदर आ जाता है। डॉक्टर महिला व बच्चे के स्वास्थ्य के लिए प्रेग्नेंसी में कई बार यूरिन कल्चर टेस्ट की सलाह दे सकते हैं।
इसे भी पढ़ें : महिलाओं में एडेनोमायोसिस (गर्भाशय में सूजन) के क्या कारण हो सकते हैं? जानें डॉक्टर से
प्रेग्नेंसी में गर्भ में पलने वाले बच्चे के जोखिम को कम करने के लिए डॉक्टर कुछ महिनों के अंतराल में यूरिन कल्चर टेस्ट का सुझाव दे सकते हैं। यदि, यूटीआई के लक्षणों को अनदेखा किया जाए तो ऐसे में बच्चे का जन्म समय से पहले होने की आशंका बढ़ जाती है।
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version